जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कोटा-बूंदी डेयरी के निवर्तमान चेयरमैन को राहत देते हुए उन्हें प्राथमिक दुग्ध उत्पादक संघ की सदस्यता से निलंबित करने के पंच निर्णायक के अंतरिम आदेश पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने निवर्तमान चेयरमैन को संघ का चुनाव लड़ने की अनुमति प्रदान कर दी है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश श्रीलाल गुंजल की याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता हरमली का खेड़ा प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ अध्यक्ष चुनने के साथ ही कोटा-बूंदी जिला संघ का निवर्तमान अध्यक्ष भी है. उसका नाम वर्तमान चुनाव प्रक्रिया की अंतरिम मतदाता सूची में शामिल था, लेकिन चुनाव अधिकारी ने अंतिम सूची से उसका नाम बाहर कर दिया.
पढ़ें- हाईकोर्ट में झूठ बोलने वाले अफसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के आदेश
याचिका में कहा गया कि देवीसिंह नामक व्यक्ति ने उनके अध्यक्ष चुने जाने को पंच निर्णायक के समक्ष चुनौती दी थी. जिस पर आरसीडीएफ की ओर से नियुक्त पंच निर्णायक ने याचिकाकर्ता की प्राथमिक संघ में सदस्यता को अस्थाई रूप से रोक लगा दी थी, जिसके चलते याचिकाकर्ता चुनाव लड़ने के अपात्र हो गया था. जबकि कोऑपरेटिव अधिनियम की धारा 58 के तहत चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद चुने हुए प्रतिनिधि के चुनाव को चुनौती नहीं दी जा सकती. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने पंच निर्णायक के निर्णय पर रोक लगा दी है.