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राजमाता गायत्री देवी के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रकरण में अंतरिम कार्रवाई पर रोक

राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व राजमाता गायत्री देवी के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रकरण में कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है. कोर्ट ने पक्षकारों को जवाब पेश करने को कहा है.

जयपुर न्यूज, jaipur news
गायत्री देवी के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रकरण
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Published : Mar 14, 2020, 11:49 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने पूर्व राजमाता गायत्री देवी के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र और जगत सिंह की संपत्ति से जुड़े पृथ्वीराज बनाम देवराज और अन्य के मामले में अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम-9 में चल रही कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में अन्य पक्षकारों को जवाब पेश करने को कहा है. न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता ने यह आदेश पृथ्वीराज और अन्य की याचिका पर दिए.

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गायत्री देवी के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रकरण
याचिका में एडीजे कोर्ट-9 के 30 नवंबर 2019 के आदेश को चुनौती दी थी. एडीजे कोर्ट में पृथ्वीराज की ओर से प्रार्थना पत्र पेश कर अपने बयान दर्ज कराने के लिए कमिश्नर नियुक्त करने की गुहार की गई थी.

यह भी पढ़ें- जोधपुर एयरपोर्ट पर अमेरिका से आई महिला में दिखे कोरोना के लक्षण, आइसोलेशन वार्ड में भर्ती

प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि वह अपने बयान दर्ज करने के लिए कोर्ट में आने में असमर्थ है. इसके अलावा दूसरे मामलों में भी अदालत ने बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर रखा था. इसलिए इस मामले में भी कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया जाए, ताकि वह घर पर बयान दर्ज करा सके. इस प्रार्थना को अदालत में खारिज कर दिया था. इसे पृथ्वीराज की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.

पढ़ें: कोरोना को लेकर केंद्र सरकार ने समय रहते उठाए कदमः गजेंद्र सिंह शेखावत

मामले के अनुसार गायत्री देवी के सौतेले बेटे पृथ्वीराज और उर्वशी देवी ने एडीजे कोर्ट में दावा दायर कर पूर्व राजमाता गायत्री देवी के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र को चुनौती दे रखी है. दावे में जिला और सेशन न्यायालय जयपुर शहर के 19 फरवरी 09 के उस आदेश को अवैध घोषित करने की गुहार की है, जिसके जरिए राजमाता गायत्री देवी, देवराज और लालित्या के बीच संपत्ति विवाद में हुए राजीनामे पर उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया था.

पृथ्वीराज ने आग्रह किया कि उत्तराधिकार प्रमाण पत्र और समझौता पत्र के आधार पर किसी भी विवादित संपत्ति को खुर्द-बुर्द न किया जाए और उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की कार्रवाई स्थगित की जाए.

जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने पूर्व राजमाता गायत्री देवी के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र और जगत सिंह की संपत्ति से जुड़े पृथ्वीराज बनाम देवराज और अन्य के मामले में अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम-9 में चल रही कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में अन्य पक्षकारों को जवाब पेश करने को कहा है. न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता ने यह आदेश पृथ्वीराज और अन्य की याचिका पर दिए.

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गायत्री देवी के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रकरण
याचिका में एडीजे कोर्ट-9 के 30 नवंबर 2019 के आदेश को चुनौती दी थी. एडीजे कोर्ट में पृथ्वीराज की ओर से प्रार्थना पत्र पेश कर अपने बयान दर्ज कराने के लिए कमिश्नर नियुक्त करने की गुहार की गई थी.

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प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि वह अपने बयान दर्ज करने के लिए कोर्ट में आने में असमर्थ है. इसके अलावा दूसरे मामलों में भी अदालत ने बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर रखा था. इसलिए इस मामले में भी कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया जाए, ताकि वह घर पर बयान दर्ज करा सके. इस प्रार्थना को अदालत में खारिज कर दिया था. इसे पृथ्वीराज की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.

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मामले के अनुसार गायत्री देवी के सौतेले बेटे पृथ्वीराज और उर्वशी देवी ने एडीजे कोर्ट में दावा दायर कर पूर्व राजमाता गायत्री देवी के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र को चुनौती दे रखी है. दावे में जिला और सेशन न्यायालय जयपुर शहर के 19 फरवरी 09 के उस आदेश को अवैध घोषित करने की गुहार की है, जिसके जरिए राजमाता गायत्री देवी, देवराज और लालित्या के बीच संपत्ति विवाद में हुए राजीनामे पर उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया था.

पृथ्वीराज ने आग्रह किया कि उत्तराधिकार प्रमाण पत्र और समझौता पत्र के आधार पर किसी भी विवादित संपत्ति को खुर्द-बुर्द न किया जाए और उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की कार्रवाई स्थगित की जाए.

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