जयपुर. राज्य सरकार 2012 के बाद अब 2021 में प्रशासन शहरों के संग अभियान चलाना चाहती है. जिसमें 10 लाख से ज्यादा पट्टे वितरित कर करीब 5000 करोड़ राजस्व इकट्ठा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. कृषि भूमि, भवन विनियम, ऑनलाइन सेवाएं, नाम हस्तांतरण और मास्टर प्लान को लेकर नगरीय निकायों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके तहत सर्वे का काम भी दोबारा करना होगा.
इसे ध्यान में रखते हुए हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम तैयारियों में जुटे हुए हैं. निकायों के पास सबसे अहम जिम्मेदारी आमजन तक अभियान की सूचना पहुंचाने की है. हेरिटेज नगर निगम की महापौर और कमिश्नर ने नोडल अधिकारी नियुक्त करने, सिटी सर्वे रिकॉर्ड को डिजिटलाइज करवाने, हेरिटेज की सभी स्वीकृत योजनाओं के स्कीम प्लान वेबसाइट पर अपलोड करने और रिक्त पदों पर तुरंत अधिकारी-कर्मचारी पद स्थापित करने के निर्देश दिए हैं.
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वहीं, ग्रेटर नगर निगम में खुद यूडीएच सलाहकार डॉ. जीएस संधू बुधवार को अहम बैठक भी लेंगे. हालांकि, इससे पहले निगम आयुक्त ने भी अधिकारियों और कर्मचारियों को सर्वे का काम पूरा करने के निर्देश दिए.
नगरीय निकायों के पास ये भी जिम्मेदारी :
स्टेट ग्राण्ट एक्ट के तहत आवेदन प्राप्त करना तथा लम्बित प्रकरणों का निस्तारण किये जाने का कार्य.
जिन सड़कों का मार्गाधिकार मास्टर प्लान में अंकित नहीं है, उन सड़कों पर भवन रेखा निश्चित करने के बाद संबंधित सड़कों का मार्गाधिकार निर्धारित करना.
स्थानीय निकाय के विभिन्न क्षेत्रों की आरक्षित दरों का निर्धारण किया जाना.
स्थानीय निकायों द्वारा संबंधित उप निदेशक से समन्वय स्थापित कर निकटस्थ प्राधिकरण/नगर सुधार न्यास में वर्तमान में संचालित ऑनलाईन सेवाओं का समस्त संबंधित अधिकारियों के साथ प्रशिक्षण प्राप्त किया जाए.