जयपुर. जिले में ऑक्सीजन गैस सिलेण्डर की निर्वाध आपूर्ति बनाए रखने के लिए जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा की अध्यक्षता में जिला कलक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को बैठक आयोजित की गई. कलेक्टर ने सरकारी और निजी हॅास्पिटल में मेडिकल ऑक्सीजन की निर्वाध आपूर्ति के निर्देश दिए है और यदि आपूर्तिकर्ता निर्देश का उल्लघंन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
जिला कलेक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने इस अवसर पर कहा कि कोविड-19 संक्रमण की दर तेजी से बढ़ने के कारण मेडिकल ऑक्सीजन की मांग में काफी वृद्धि हुई है. इसके लिए आवश्यक है कि मेडिकल ऑक्सीजन की सतत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और गैस सिलेण्डर की सप्लाई व्यवस्था सुचारू रूप से चलनी चाहिए. इसके लिए सभी आपूर्तिकर्ताओं की ओर से प्राथमिकता के साथ कार्य किया जाना चाहिए.
नेहरा ने सहायक औषधि नियंत्रक महेश शेखावत को निर्देश दिए कि कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए आपातकालीन परिस्थिति में उपयोग करने के लिए कम से कम 300 डी-टाइप मेडिकल ऑक्सीजन गैस सिलेण्डर का बफर स्टोक रखना सुनिश्चित करे. इसके साथ ही किसी भी आपातकालीन स्थिति में उपयोग करने के लिए जिले में ऐसे स्थान, उद्योग, जिसमें ऑक्सीजन गैस का उत्पादन किया जाता हैं को चिन्हित कर सूची बनाकर तैयार रखा जााए ताकि जरूरत होने पर अधिग्रहण किया जा सके.
जिला कलक्टर ने आपूर्तिकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि यदि किसी भी आपूर्तिकर्ता की ओर से निर्देशों की अनुपालना नहीं की गई तो उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और राजस्थान महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.
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कलेक्टर अंतर सिंह मेहरा ने कहा कि ऑक्सीजन को लेकर जयपुर शहर में कोई कमी नहीं है और अभी तक किसी ने भी इस तरह की कोई शिकायत भी नहीं की है. उन्होंने कहा कि पिछली बार के मुकाबले इस बार ऑक्सीजन के सिलेंडरों की व्यवस्था दुगनी की गई है इसके कारण किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी. आर यू एच एस और जयपुरिया अस्पताल में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर के प्लांट भी लगाए गए हैं. इसलिए जयपुर शहर में ऑक्सीजन की कमी को लेकर कोई समस्या नहीं आएगी. बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रथम), इकबाल खान, अतिरिक्त जिला कलक्टर (चतुर्थ), अशोक कुमार सहित औषधि नियंत्रक और विभिन्न गैस आपूर्तिकर्ता उपस्थित रहे.