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भर्ती परीक्षाओं में नकल पर नकेल के लिए विधेयक पारित, सजा-जुर्माने के साथ कुर्क होगी संपत्ति...भाजपा नेताओं समेत संयम लोढ़ा ने गिनाईं खामियां - BJP counted the flaws of bill

भर्ती परीक्षाओं में नकलमाफिया पर नकेल कसने के लिए राजस्थान सरकार ने विधेयक पारित (Bill passed to stop cheating in recruitment examinations) कर दिया है. इसके तहत नकल या पेपर लीक कराने के मामले में दोषी पाए जाने पर सजा के साथ भारी जुर्माना और संपत्ति कुर्क करने का प्रावधान किया गया है. हालांकि भी भाजपा नेताओं ने समेत सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा ने भी विधेयक में कई खामियां गिनाईं. पढ़ें पूरी खबर...

Bill passed to stop cheating in recruitment examinations
नकल विधेयक पारित
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Published : Mar 24, 2022, 7:07 PM IST

Updated : Mar 24, 2022, 7:32 PM IST

जयपुर. प्रदेश में सरकारी भर्ती परीक्षाओं में नकल करवाने और पेपर लीक कराने जैसे अपराध को गैर जमानती अपराध मानते हुए दोषियों को 5 से 10 साल की सजा और 10 लाख से 10 करोड़ तक का जुर्माना भरना पड़ेगा. दोषी सिद्ध होने पर आरोपियों की संपत्ति भी कुर्क होगी. राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को 'राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) विधेयक 2022 पारित (Bill passed to stop cheating in recruitment examinations) किया गया.

इससे पहले विधेयक पर हुई बहस के दौरान भाजपा विधायकों ने इस बिल में कई खामियां गिनाईं. बहस में शामिल भाजपा विधायकों के साथ ही मुख्यमंत्री के सलाहकार निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने भी इस विधेयक में कोचिंग संस्थानों पर लगाम लगाने के लिए कोई प्रावधान नहीं होने पर नाराजगी जताई. विधायकों का साफ तौर पर कहना था कि पेपर प्लीज के प्रकरणों में बड़ा रोल कोचिंग संस्थानों का ही होता है. इस विधेयक पर बहस के दौरान भाजपा विधायकों के निशाने पर राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े पदाधिकारी और कांग्रेस के मंत्री भी रहे.

नकल विधेयक पारित

पढ़ें. परीक्षा में नकल रोकने संबंधित विधेयक पर चर्चा के दौरान रो पड़े कटारिया...

इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के बर्खास्त अध्यक्ष डीपी जारोली को रीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार कर पूछताछ करने की मांग भी उठाई गई. भाजपा विधायकों ने रीट परीक्षा पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग के साथ पेपर लीक प्रकरण में शामिल अधिकारी या मंत्री संत्री पर अभियोजन के लिए किसी अन्य सक्षम स्तर की स्वीकृति की आवश्यकता न हो, ऐसा प्रावधान भी विधेयक में शामिल करने की बात सदन में दोहराई गई.

यह कानून सिर्फ अपनी ढंकने के लिए मत लाओ- संयम लोढ़ा
सीएम सलाहकार और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि सरकार यह कानून सिर्फ अपनी ढंकने के लिए न लाए क्योंकि पूर्व में हुई परीक्षा पेपर लीक मामले में बच्चों का जो बुरा होना था वो तो हो गया लेकिन अब हम हर बच्चे को अपराधी बनाने की दिशा में आगे न जाएं बल्कि चरित्रवान और प्रतिबद्ध लोगों को ही परीक्षा करवाने का काम सौंपे. लोढ़ा ने कहा कि इस बिल में सारी विरोधाभासी चीजें हैं. यदि सरकार के पास ढंग के लोग नहीं हैं तो रिटायर्ड जज की ही मदद लेकर यह काम करवा लेते. लोढ़ा ने कहा कि केवल जेलें भरने की दिशा में आगे नहीं बढ़ें बल्कि प्रदेश सरकार होने का अपना नूर दिखाएं और यह साबित करें कि सरकार की नाक के नीचे इस प्रकार का काम नहीं होने दिया जाएगा.

पढ़ें. गहलोत-पायलट की अंदरूनी कलह ही राजस्थान से कांग्रेस की कराएगी विदाई : देवनानी

विधायक ने कहा कि लगता है सरकार यह बिल दबाव में और जल्दबाजी में लेकर आई है. संयम लोढ़ा इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के बयान पर भी बरसे और कहा कि प्रमुख विपक्षी दल के अध्यक्ष 100 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी पर इस प्रकार के आरोप लगाए हैं और ऐसा नजरिया रखेंगे ये ठीक नहीं क्योंकि पेपर लीक तो पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में भी हुआ लेकिन किसी ने भी यह नहीं कहा कि राजे ने पेपर लीक कराया या उनके संरक्षण में ऐसा हुआ. संयम लोढ़ा ने इस दौरान पिछले दिनों हुई कैबिनेट बैठक के अंदर लिए गए निर्णय मीडिया में जगजाहिर होने की घटना का भी जिक्र किया और कहा अब कैबिनेट के अंदर के निर्णय भी जगजाहिर होने लगी है.

पढ़ें. प्रश्नकाल में घिरे गहलोत के मंत्री, कटारिया और राजवी के सवालों ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया

आजीवन प्रतिबंध लगाने और यूपी की तर्ज पर प्रावधान करने की मांग
विधेयक पर बहस के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहाि कि यदि बिल लाने से ही नकल जैसा अपराध रुकते तो 1992 में भी नकल रोकने के लिए कानून बना था, उससे ही रुक जाता. उन्होंने कहा कि रीट परीक्षा अनियमितता में 1000 करोड़ से अधिक का लेनदेन हुआ है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक में संविधान में सेक्शन 10 में सजा कम करने के भी प्रावधान शामिल हैं जो अपने आप में कई सवाल खड़ा करता है. उन्होंने कहा कि नकल में शामिल पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति पर अगली परीक्षाओं में आजीवन प्रतिबंध लगाने नियम होना चाहिए. संपत्ति कुर्क करने के लिए जो प्रावधान है उसमें भी समय सीमा तय होनी चाहिए.

वहीं प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर ने कहा कि रीट परीक्षा में हाल ही में गिरफ्तार भजनलाल व प्रदीप पाराशर सहित अन्य 11 लोगों को जमानत मिल गई लेकिन यदि उन्हें सलाखों के पीछे ही रखना था तो यह भी सत्र शुरू होने के साथ ही लाकर पारित कर देना चाहिए था. राठौड ने कहा कि उत्तर प्रदेश के तर्ज पर नए कानून में भी इन प्रकरणों की जांच को एनएसए और सीबीआई जैसी एजेंसियों की जांच के दायरे में रखना चाहिए. राठौड ने पिछले 3 साल में जो परीक्षाएं रद्द हुईं उसकी जांच के लिए हाईकोर्ट के सीटिंग जज को शामिल करते हुए एक जुडिशल कमिशन बनाने की भी मांग की और इस विधेयक को जनमत जानने के लिए भेजने को कहा.

पढ़ें. Rajasthan Assembly Today : सदन में शून्यकाल में उठे यह बड़े मामले...

नकल और पेपर लीक गिरोह में शामिल लोगों की प्रॉपर्टी होगी कुर्क
विधानसभा में पास हुए नए विधेयक में नकल और पेपर लीक गिरोह में शामिल हर व्यक्ति को दोषी सिद्ध होने पर 5 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. वहीं नकल गिरोह में शामिल हर शख्स पर न्यूनतम 10 लाख से लेकर अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. पेपर लीक और नकल से कमाई गई राशि के आधार पर जुर्माना बढ़ भी सकता है. बिल में इस प्रकार के गिरोह में शामिल लोगों की प्रॉपर्टी कुर्क करने तक का प्रावधान किया गया है.

परीक्षार्थी नकल करते पकड़ा गया तो होगी यह कार्रवाई
विधानसभा में पारित इस कानून के जरिए केवल नकल करवाने या पेपर लीक में शामिल होने वालों पर ही कार्रवाई नहीं होगी बल्कि जो अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा में नकल करता पाया गया उस पर भी कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है. परीक्षार्थी को नकल करते पकड़े जाने पर 3 साल की सजा और 1 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. नकल करना सिद्ध होने पर वह परीक्षार्थी अगले 2 वर्षों तक कोई सार्वजनिक परीक्षा नहीं दे सकेगा.

जयपुर. प्रदेश में सरकारी भर्ती परीक्षाओं में नकल करवाने और पेपर लीक कराने जैसे अपराध को गैर जमानती अपराध मानते हुए दोषियों को 5 से 10 साल की सजा और 10 लाख से 10 करोड़ तक का जुर्माना भरना पड़ेगा. दोषी सिद्ध होने पर आरोपियों की संपत्ति भी कुर्क होगी. राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को 'राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) विधेयक 2022 पारित (Bill passed to stop cheating in recruitment examinations) किया गया.

इससे पहले विधेयक पर हुई बहस के दौरान भाजपा विधायकों ने इस बिल में कई खामियां गिनाईं. बहस में शामिल भाजपा विधायकों के साथ ही मुख्यमंत्री के सलाहकार निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने भी इस विधेयक में कोचिंग संस्थानों पर लगाम लगाने के लिए कोई प्रावधान नहीं होने पर नाराजगी जताई. विधायकों का साफ तौर पर कहना था कि पेपर प्लीज के प्रकरणों में बड़ा रोल कोचिंग संस्थानों का ही होता है. इस विधेयक पर बहस के दौरान भाजपा विधायकों के निशाने पर राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े पदाधिकारी और कांग्रेस के मंत्री भी रहे.

नकल विधेयक पारित

पढ़ें. परीक्षा में नकल रोकने संबंधित विधेयक पर चर्चा के दौरान रो पड़े कटारिया...

इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के बर्खास्त अध्यक्ष डीपी जारोली को रीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार कर पूछताछ करने की मांग भी उठाई गई. भाजपा विधायकों ने रीट परीक्षा पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग के साथ पेपर लीक प्रकरण में शामिल अधिकारी या मंत्री संत्री पर अभियोजन के लिए किसी अन्य सक्षम स्तर की स्वीकृति की आवश्यकता न हो, ऐसा प्रावधान भी विधेयक में शामिल करने की बात सदन में दोहराई गई.

यह कानून सिर्फ अपनी ढंकने के लिए मत लाओ- संयम लोढ़ा
सीएम सलाहकार और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि सरकार यह कानून सिर्फ अपनी ढंकने के लिए न लाए क्योंकि पूर्व में हुई परीक्षा पेपर लीक मामले में बच्चों का जो बुरा होना था वो तो हो गया लेकिन अब हम हर बच्चे को अपराधी बनाने की दिशा में आगे न जाएं बल्कि चरित्रवान और प्रतिबद्ध लोगों को ही परीक्षा करवाने का काम सौंपे. लोढ़ा ने कहा कि इस बिल में सारी विरोधाभासी चीजें हैं. यदि सरकार के पास ढंग के लोग नहीं हैं तो रिटायर्ड जज की ही मदद लेकर यह काम करवा लेते. लोढ़ा ने कहा कि केवल जेलें भरने की दिशा में आगे नहीं बढ़ें बल्कि प्रदेश सरकार होने का अपना नूर दिखाएं और यह साबित करें कि सरकार की नाक के नीचे इस प्रकार का काम नहीं होने दिया जाएगा.

पढ़ें. गहलोत-पायलट की अंदरूनी कलह ही राजस्थान से कांग्रेस की कराएगी विदाई : देवनानी

विधायक ने कहा कि लगता है सरकार यह बिल दबाव में और जल्दबाजी में लेकर आई है. संयम लोढ़ा इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के बयान पर भी बरसे और कहा कि प्रमुख विपक्षी दल के अध्यक्ष 100 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी पर इस प्रकार के आरोप लगाए हैं और ऐसा नजरिया रखेंगे ये ठीक नहीं क्योंकि पेपर लीक तो पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में भी हुआ लेकिन किसी ने भी यह नहीं कहा कि राजे ने पेपर लीक कराया या उनके संरक्षण में ऐसा हुआ. संयम लोढ़ा ने इस दौरान पिछले दिनों हुई कैबिनेट बैठक के अंदर लिए गए निर्णय मीडिया में जगजाहिर होने की घटना का भी जिक्र किया और कहा अब कैबिनेट के अंदर के निर्णय भी जगजाहिर होने लगी है.

पढ़ें. प्रश्नकाल में घिरे गहलोत के मंत्री, कटारिया और राजवी के सवालों ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया

आजीवन प्रतिबंध लगाने और यूपी की तर्ज पर प्रावधान करने की मांग
विधेयक पर बहस के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहाि कि यदि बिल लाने से ही नकल जैसा अपराध रुकते तो 1992 में भी नकल रोकने के लिए कानून बना था, उससे ही रुक जाता. उन्होंने कहा कि रीट परीक्षा अनियमितता में 1000 करोड़ से अधिक का लेनदेन हुआ है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक में संविधान में सेक्शन 10 में सजा कम करने के भी प्रावधान शामिल हैं जो अपने आप में कई सवाल खड़ा करता है. उन्होंने कहा कि नकल में शामिल पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति पर अगली परीक्षाओं में आजीवन प्रतिबंध लगाने नियम होना चाहिए. संपत्ति कुर्क करने के लिए जो प्रावधान है उसमें भी समय सीमा तय होनी चाहिए.

वहीं प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर ने कहा कि रीट परीक्षा में हाल ही में गिरफ्तार भजनलाल व प्रदीप पाराशर सहित अन्य 11 लोगों को जमानत मिल गई लेकिन यदि उन्हें सलाखों के पीछे ही रखना था तो यह भी सत्र शुरू होने के साथ ही लाकर पारित कर देना चाहिए था. राठौड ने कहा कि उत्तर प्रदेश के तर्ज पर नए कानून में भी इन प्रकरणों की जांच को एनएसए और सीबीआई जैसी एजेंसियों की जांच के दायरे में रखना चाहिए. राठौड ने पिछले 3 साल में जो परीक्षाएं रद्द हुईं उसकी जांच के लिए हाईकोर्ट के सीटिंग जज को शामिल करते हुए एक जुडिशल कमिशन बनाने की भी मांग की और इस विधेयक को जनमत जानने के लिए भेजने को कहा.

पढ़ें. Rajasthan Assembly Today : सदन में शून्यकाल में उठे यह बड़े मामले...

नकल और पेपर लीक गिरोह में शामिल लोगों की प्रॉपर्टी होगी कुर्क
विधानसभा में पास हुए नए विधेयक में नकल और पेपर लीक गिरोह में शामिल हर व्यक्ति को दोषी सिद्ध होने पर 5 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. वहीं नकल गिरोह में शामिल हर शख्स पर न्यूनतम 10 लाख से लेकर अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. पेपर लीक और नकल से कमाई गई राशि के आधार पर जुर्माना बढ़ भी सकता है. बिल में इस प्रकार के गिरोह में शामिल लोगों की प्रॉपर्टी कुर्क करने तक का प्रावधान किया गया है.

परीक्षार्थी नकल करते पकड़ा गया तो होगी यह कार्रवाई
विधानसभा में पारित इस कानून के जरिए केवल नकल करवाने या पेपर लीक में शामिल होने वालों पर ही कार्रवाई नहीं होगी बल्कि जो अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा में नकल करता पाया गया उस पर भी कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है. परीक्षार्थी को नकल करते पकड़े जाने पर 3 साल की सजा और 1 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. नकल करना सिद्ध होने पर वह परीक्षार्थी अगले 2 वर्षों तक कोई सार्वजनिक परीक्षा नहीं दे सकेगा.

Last Updated : Mar 24, 2022, 7:32 PM IST
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