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Illegal Mining in Rajasthan: प्रदेश में फल-फूल रहा अवैध खनन, सरकारी आंकड़ों का हवाला देकर बच रही सरकार - ETV Bharat Rajasthan News

प्रदेश में अवैध खनन के कारण पिछले तीन सालों में खनन माफियाओं ने कई (Illegal Mining in Rajasthan) हमले किए जिनमें 130 पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हुए. वहीं कितने ही लोगों ने जान भी गंवाई हैं. हालांकि सरकारी आंकड़े यह साफ बताते हैं कि प्रदेश में अवैध खनन रुका नहीं है.

Illegal Mining in Rajasthan
राजस्थान में अवैध खनन
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Published : Jul 21, 2022, 10:02 AM IST

Updated : Jul 21, 2022, 11:07 AM IST

जयपुर. भरतपुर में साधु-संतों का आदि बद्री और कनका पर्वत पर हो रहे खनन को लेकर बुधवार को धरना समाप्त हुआ. सरकार ने खनन बंद करने और लीज धारकों को दूसरी सरकारी जमीन पर शिफ्ट कर, उस क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित करने की तैयारी तो कर ली है लेकिन राजस्थान में अवैध खनन का दौर अब भी जारी है. प्रदेश में पिछले कुछ सालों में अवैध खनन का बाजार खूब फला-फूला. वहीं इसे रोकने को लेकर पुलिस प्रशासन भी एड़ी चोटी का दम लगा चुकी है, जिसमें माफियाओं की तरफ से भी कई हमले हुए और कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई हैं.

सरकार बनने के बाद पिछले साढ़े 3 सालों के आंकड़ों को देखें तो खनन माफियाओं ने 250 हमले (Illegal Mining in Rajasthan) किए जिनमें 130 पुलिसकर्मी और 50 आम लोग घायल हुए हैं. अवैध खनन का परिवहन करने वाले वाहनों को तो मौत के वाहनों का भी नाम दिया जाता है, क्योंकि इससे 52 हादसों में 30 लोगों की मौत हुई और 37 लोग घायल हुए हैं. वहीं राजस्थान में अवैध खनन को लेकर पिछले सालों में 600 गिरफ्तारियां, 153 मामलों में चालान पेश, और 100 मामलों की जांच पेंडिंग है.

सुनिए क्या कहते हैं खान मंत्री भाया...

खनन मंत्री गिना रहे केवल आंकड़े : राजस्थान के खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया अवैध खनन के सवाल पर अपनी सरकार के साढ़े 3 साल और पिछली सरकार के साढे़ 3 सालों की तुलना कर अपने आप को सर्टिफिकेट दे देते हैं. साथ ही कागजों में अवैध खनन निकासी एफआईआर, जप्त मशीनें और वसूली की कमी भी इसी ओर इशारा कर रही है कि भले ही राजस्थान में अवैध खनन कम हुआ हो, लेकिन आए दिन हो रहे मामले यह साफ बताते हैं कि प्रदेश में अवैध खनन रुका नहीं है.

पढ़ें. Bharatpur Big News : साधु-संतों का धरना समाप्त, 15 दिन में वन क्षेत्र घोषित व 2 माह में हो जाएगी वैध खदानों की शिफ्टिंग...

खान मंत्री के जिले में ही सबसे ज्यादा अवैध खनन: खान विभाग और वन विभाग में दर्ज हुए मुकदमों की बात करें तो टॉप 5 जिलों में खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया का जिला बारां 493 मामलों के साथ नंबर 1 बना हुआ है. इसके बाद कोटा में 456, अलवर में 404, चित्तौड़गढ़ में 304, और टोंक में 258 मामले, जनवरी 2020 से जनवरी 2022 तक दर्ज किए गए हैं. हालांकि अवैध खनन निकासी एफआईआर, जब्त मशीनों और अवैध खनन पर वसूली में आई कमी यह बता रही है कि राजस्थान में अवैध खनन कम हुआ है. लेकिन आंकड़े इन जमीनी हकीकत से कोसों दूर हैं.

ये हैं आंकड़े: कागजों के अनुसार अवैध खनन और निकासी के 2019-19 में 16856, 2019-20 में 13229, 2020-21 में 10142 और 2021-22 में 6640 मामले सामने आए. वहीं अवैध खनन को लेकर 2018-19 में 1854, 2019-20 में 930, 2020-21 में 760, 2021-22 में 598 एफआईआर दर्ज की गई. अवैध खनन को लेकर साल 2018-19 में 17389, साल 2019-20 में 13355, साल 2020-21 में 10076, साल 2021-22 में 6723 वाहन मशीनें और औजार जब्त किए गए. वहीं अवैध खनन की निकासी से 2018- 19 में 105.02 करोड़ ,2019-20 में 85.47 करोड़, 2020-21 में 79.57 करोड़, 2021-22 में 52.05 करोड़ की वसूली की गई.

जयपुर. भरतपुर में साधु-संतों का आदि बद्री और कनका पर्वत पर हो रहे खनन को लेकर बुधवार को धरना समाप्त हुआ. सरकार ने खनन बंद करने और लीज धारकों को दूसरी सरकारी जमीन पर शिफ्ट कर, उस क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित करने की तैयारी तो कर ली है लेकिन राजस्थान में अवैध खनन का दौर अब भी जारी है. प्रदेश में पिछले कुछ सालों में अवैध खनन का बाजार खूब फला-फूला. वहीं इसे रोकने को लेकर पुलिस प्रशासन भी एड़ी चोटी का दम लगा चुकी है, जिसमें माफियाओं की तरफ से भी कई हमले हुए और कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई हैं.

सरकार बनने के बाद पिछले साढ़े 3 सालों के आंकड़ों को देखें तो खनन माफियाओं ने 250 हमले (Illegal Mining in Rajasthan) किए जिनमें 130 पुलिसकर्मी और 50 आम लोग घायल हुए हैं. अवैध खनन का परिवहन करने वाले वाहनों को तो मौत के वाहनों का भी नाम दिया जाता है, क्योंकि इससे 52 हादसों में 30 लोगों की मौत हुई और 37 लोग घायल हुए हैं. वहीं राजस्थान में अवैध खनन को लेकर पिछले सालों में 600 गिरफ्तारियां, 153 मामलों में चालान पेश, और 100 मामलों की जांच पेंडिंग है.

सुनिए क्या कहते हैं खान मंत्री भाया...

खनन मंत्री गिना रहे केवल आंकड़े : राजस्थान के खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया अवैध खनन के सवाल पर अपनी सरकार के साढ़े 3 साल और पिछली सरकार के साढे़ 3 सालों की तुलना कर अपने आप को सर्टिफिकेट दे देते हैं. साथ ही कागजों में अवैध खनन निकासी एफआईआर, जप्त मशीनें और वसूली की कमी भी इसी ओर इशारा कर रही है कि भले ही राजस्थान में अवैध खनन कम हुआ हो, लेकिन आए दिन हो रहे मामले यह साफ बताते हैं कि प्रदेश में अवैध खनन रुका नहीं है.

पढ़ें. Bharatpur Big News : साधु-संतों का धरना समाप्त, 15 दिन में वन क्षेत्र घोषित व 2 माह में हो जाएगी वैध खदानों की शिफ्टिंग...

खान मंत्री के जिले में ही सबसे ज्यादा अवैध खनन: खान विभाग और वन विभाग में दर्ज हुए मुकदमों की बात करें तो टॉप 5 जिलों में खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया का जिला बारां 493 मामलों के साथ नंबर 1 बना हुआ है. इसके बाद कोटा में 456, अलवर में 404, चित्तौड़गढ़ में 304, और टोंक में 258 मामले, जनवरी 2020 से जनवरी 2022 तक दर्ज किए गए हैं. हालांकि अवैध खनन निकासी एफआईआर, जब्त मशीनों और अवैध खनन पर वसूली में आई कमी यह बता रही है कि राजस्थान में अवैध खनन कम हुआ है. लेकिन आंकड़े इन जमीनी हकीकत से कोसों दूर हैं.

ये हैं आंकड़े: कागजों के अनुसार अवैध खनन और निकासी के 2019-19 में 16856, 2019-20 में 13229, 2020-21 में 10142 और 2021-22 में 6640 मामले सामने आए. वहीं अवैध खनन को लेकर 2018-19 में 1854, 2019-20 में 930, 2020-21 में 760, 2021-22 में 598 एफआईआर दर्ज की गई. अवैध खनन को लेकर साल 2018-19 में 17389, साल 2019-20 में 13355, साल 2020-21 में 10076, साल 2021-22 में 6723 वाहन मशीनें और औजार जब्त किए गए. वहीं अवैध खनन की निकासी से 2018- 19 में 105.02 करोड़ ,2019-20 में 85.47 करोड़, 2020-21 में 79.57 करोड़, 2021-22 में 52.05 करोड़ की वसूली की गई.

Last Updated : Jul 21, 2022, 11:07 AM IST
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