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गुर्जरों से वार्ता करने वाले IAS अधिकारी नीरज के पवन कोरोना की चपेट में

आईएएस अधिकारी नीरज के पवन कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. दरअसल, गुर्जर आरक्षण की आग भड़कने से पहले एक बार फिर गुर्जर समाज और सरकार के बीच टेबल टॉक का काम करते. लेकिन उससे पहले ही ये कोरोना पॉजिटिव पाए गए. फिलहाल, वे अब होम क्वॉरेंटाइन हैं.

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नीरज के पवन भी कोरोना की चपेट में...
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Published : Oct 18, 2020, 9:16 AM IST

जयपुर. देश और प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इसकी चपेट में आईएएस अधिकारी नीरज के पवन भी आ चुके हैं. बयाना के अड्डा में गुर्जरों की महापंचायत में सरकार की ओर से वार्ता के लिए नीरज के पवन को ही भेजा गया था. इस दौरान नीरज के पवन कर्नल बैंसला और विजय बैंसला सहित कई गुर्जर नेताओं के संपर्क में भी आए थे.

मतलब साफ है कि अब कोरोना संक्रमण की जद में कई गुर्जर नेता भी आ सकते हैं, जो गुर्जर महापंचायत में शामिल थे. वहीं सवाल यह भी खड़ा होता है कि जब नीरज के पवन ने अपनी कोरोना की जांच करवाई थी तो जब तक रिपोर्ट नहीं आती, उन्हें होम क्वॉरेंटाइन रहना चाहिए था. या फिर उनमें सर्दी, जुकाम या खांसी के लक्षण थे तो एहतियातन के तौर पर भी उन्हें भीड़ भाड़ वाले इलाके गुर्जर महापंचायत या अन्य जगह नहीं जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मतलब प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों ने ही उस नियम को फॉलो नहीं किया जो उन्हें करना था.

यह भी पढ़ें: Exclusive: सरकार के लिए फिर संकटमोचक बने IAS 'पवन', गुर्जर समाज और सरकार के बीच तैयार किया वार्ता का रास्ता

बताया जा रहा है नीरज के पवन को खासी, जुकाम और गले में कुछ समस्या थी, जिसके चलते उन्होंने कोरोना की जांच करवाई थी. कोरोना की रिपोर्ट आने पर वे पॉजिटिव पाए गए. अब वे चिकित्सा परामर्श ले रहे हैं और होम क्वॉरेंटाइन हैं.

जयपुर. देश और प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इसकी चपेट में आईएएस अधिकारी नीरज के पवन भी आ चुके हैं. बयाना के अड्डा में गुर्जरों की महापंचायत में सरकार की ओर से वार्ता के लिए नीरज के पवन को ही भेजा गया था. इस दौरान नीरज के पवन कर्नल बैंसला और विजय बैंसला सहित कई गुर्जर नेताओं के संपर्क में भी आए थे.

मतलब साफ है कि अब कोरोना संक्रमण की जद में कई गुर्जर नेता भी आ सकते हैं, जो गुर्जर महापंचायत में शामिल थे. वहीं सवाल यह भी खड़ा होता है कि जब नीरज के पवन ने अपनी कोरोना की जांच करवाई थी तो जब तक रिपोर्ट नहीं आती, उन्हें होम क्वॉरेंटाइन रहना चाहिए था. या फिर उनमें सर्दी, जुकाम या खांसी के लक्षण थे तो एहतियातन के तौर पर भी उन्हें भीड़ भाड़ वाले इलाके गुर्जर महापंचायत या अन्य जगह नहीं जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मतलब प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों ने ही उस नियम को फॉलो नहीं किया जो उन्हें करना था.

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बताया जा रहा है नीरज के पवन को खासी, जुकाम और गले में कुछ समस्या थी, जिसके चलते उन्होंने कोरोना की जांच करवाई थी. कोरोना की रिपोर्ट आने पर वे पॉजिटिव पाए गए. अब वे चिकित्सा परामर्श ले रहे हैं और होम क्वॉरेंटाइन हैं.

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