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तालकटोरा में गंदगी का आलम, कैसे संपन्न होगा तीज महोत्सव

17वीं शताब्दी में बना तालकटोरा आज अपने हालातों पर आंसू बहा रहा है. यहां का पानी इतना दूषित हो गया है कि इसमें आम इंसान को सेप्टिक होने का पूरा खतरा है. 4 दिन बाद जयपुर का प्रसिद्ध तीज महोत्सव का आयोजन होना है. त्रिपोलिया गेट से तीज माता की सवारी निकल कर तालकटोरा पहुंचेगी. लेकिन, जिस तरह की गंदगी के आलम यहां देखने को मिल रहे हैं, उससे इस बार इस समारोह पर बट्टा लगता नजर आ रहा है.

Teej Festival be celebrated in Talatora
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Published : Jul 30, 2019, 5:21 PM IST

जयपुर. जिले की शान तीज की सवारी 3 अगस्त को निकलेगी. इस महोत्सव को लेकर निगम बेहतर आयोजन का दावा कर रहा है, लेकिन आलम ये है कि जिस तालकटोरा में तीज की सवारी पहुंचती है, वहां गंदगी बेहिसाब है. हालात ये है कि यहां पानी इतना दूषित है कि इसमें उतरने वाले का सेप्टिक होना तय है. वहीं, तालकटोरा की सीढ़ियां भी कचरे के ढेर से अटी पड़ी हैं.

तालकटोरा में गंदगी बेहिसाब

बता दें, 17वीं शताब्दी में बना तालकटोरा आज अपने हालातों पर आंसू बहा रहा है. यहां का पानी इतना दूषित हो गया है कि इसमें आम इंसान को सेप्टिक होने का पूरा खतरा है. 4 दिन बाद जयपुर का प्रसिद्ध तीज महोत्सव का आयोजन होना है. त्रिपोलिया गेट से तीज माता की सवारी निकल कर तालकटोरा पहुंचेगी. लेकिन, जिस तरह की गंदगी के आलम यहां देखने को मिल रहे हैं, उससे इस बार इस समारोह पर बट्टा लगता नजर आ रहा है.

यह भी पढ़ेंः पिछली सरकार की तरह 5 साल नहीं लटकाएंगे संविदा कर्मियों का मामला : मंत्री डोटासरा

क्षेत्रीय लोगों की माने तो 2013 में जहां निगम का एक-एक अधिकारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुट गया था. वो इस बार देखने को नहीं मिल रहा है. वहीं, लोगों ने बताया की तालकटोरा में बनी छतरी पर तीज और गणगौर माता की अर्चना और भोग लगता था. जिसमें तालकटोरा का पानी भी पिलाया जाता था, लेकिन अब तालकटोरा सीवर और गंदे नाले के पानी से भरा हुआ है.

उधर, मेयर ने भी स्वीकारा कि फिलहाल तालकटोरा में गंदगी है. लेकिन, जल्द इसकी सफाई करा दी जाएगी. उन्होंने कहा कि पूर्व की भांति इस बार भी महोत्सव का आयोजन भव्य रूप में ही होगा. बहरहाल, तीज का उत्सव जयपुर की पहचान है और इस पहचान को बनाए रखना है, तो जरूरी है कि तालकटोरा की सफाई जल्द से जल्द कराई जाए.

जयपुर. जिले की शान तीज की सवारी 3 अगस्त को निकलेगी. इस महोत्सव को लेकर निगम बेहतर आयोजन का दावा कर रहा है, लेकिन आलम ये है कि जिस तालकटोरा में तीज की सवारी पहुंचती है, वहां गंदगी बेहिसाब है. हालात ये है कि यहां पानी इतना दूषित है कि इसमें उतरने वाले का सेप्टिक होना तय है. वहीं, तालकटोरा की सीढ़ियां भी कचरे के ढेर से अटी पड़ी हैं.

तालकटोरा में गंदगी बेहिसाब

बता दें, 17वीं शताब्दी में बना तालकटोरा आज अपने हालातों पर आंसू बहा रहा है. यहां का पानी इतना दूषित हो गया है कि इसमें आम इंसान को सेप्टिक होने का पूरा खतरा है. 4 दिन बाद जयपुर का प्रसिद्ध तीज महोत्सव का आयोजन होना है. त्रिपोलिया गेट से तीज माता की सवारी निकल कर तालकटोरा पहुंचेगी. लेकिन, जिस तरह की गंदगी के आलम यहां देखने को मिल रहे हैं, उससे इस बार इस समारोह पर बट्टा लगता नजर आ रहा है.

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क्षेत्रीय लोगों की माने तो 2013 में जहां निगम का एक-एक अधिकारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुट गया था. वो इस बार देखने को नहीं मिल रहा है. वहीं, लोगों ने बताया की तालकटोरा में बनी छतरी पर तीज और गणगौर माता की अर्चना और भोग लगता था. जिसमें तालकटोरा का पानी भी पिलाया जाता था, लेकिन अब तालकटोरा सीवर और गंदे नाले के पानी से भरा हुआ है.

उधर, मेयर ने भी स्वीकारा कि फिलहाल तालकटोरा में गंदगी है. लेकिन, जल्द इसकी सफाई करा दी जाएगी. उन्होंने कहा कि पूर्व की भांति इस बार भी महोत्सव का आयोजन भव्य रूप में ही होगा. बहरहाल, तीज का उत्सव जयपुर की पहचान है और इस पहचान को बनाए रखना है, तो जरूरी है कि तालकटोरा की सफाई जल्द से जल्द कराई जाए.

Intro:जयपुर - जयपुर की शान तीज की सवारी 3 अगस्त को निकलेगी। इस महोत्सव को लेकर निगम बेहतर आयोजन का दावा कर रहा है। लेकिन आलम ये है कि जिस तालकटोरा में तीज की सवारी पहुंचती है, वहां गंदगी का आलम है। हालात ये हैं कि यहां पानी इतना दूषित है कि इसमें उतरने वाले के सेप्टिक होना तय है। वहीं तालकटोरा की सीढ़ियां भी कचरे के ढेर से अटी हुई है।


Body:17वीं शताब्दी में बना तालकटोरा आज अपने हालातों पर आंसू बहा रहा है। यहां का पानी इतना दूषित हो गया है कि इसमें आम इंसान को सेप्टिक होने का पूरा खतरा है। 4 दिन बाद जयपुर का प्रसिद्ध तीज महोत्सव का आयोजन होना है। त्रिपोलिया गेट से तीज माता की सवारी निकल कर तालकटोरा पहुंचेगी। लेकिन जिस तरह की गंदगी के आलम यहां देखने को मिल रहे हैं, उससे इस बार इस समारोह पर बट्टा लगता नजर आ रहा है। क्षेत्रीय लोगों की माने तो 2013 में जहां निगम का एक-एक अधिकारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुट गया था। वो इस बार देखने को नहीं मिल रहा। वहीं लोगों ने बताया की तालकटोरा में बनी छतरी पर तीज और गणगौर माता की अर्चना और भोग लगता था। जिसमें तालकटोरा का पानी भी पिलाया जाता था, लेकिन अब तालकटोरा सीवर और गंदे नाले के पानी से भरा हुआ है।
बाईट - रेणुका सोनी, स्थानीय
बाईट - मनीष सोनी, तालकटोरा समिति

उधर, मेयर ने भी स्वीकारा कि फिलहाल तालकटोरा में गंदगी है। लेकिन जल्द इसकी सफाई करा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व की भांति है इस बार भी महोत्सव का आयोजन भव्य रूप में ही होगा।
बाईट - विष्णु लाटा, मेयर


Conclusion:बहरहाल, तीज का उत्सव जयपुर की पहचान है। और यदि इस पहचान को बनाए रखना है तो जरूरी है कि तालकटोरा की सफाई जल्द से जल्द कराई जाए। और तीज महोत्सव से जुड़ी हुई तैयारियों को भी अंतिम रूप दिया जाए।
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