ETV Bharat / bharat

तीर्थ नगरी पुरी में स्वच्छता संकट, सार्वजनिक शौचालयों के अभाव से जूझ रहे भक्त और पर्यटक - PURI FACES SANITATION CRISIS

पुरी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को पर्याप्त सार्वजनिक शौचालयों के अभाव में जूझना पड़ रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत के शक्ति प्रसाद मिश्रा ने 8 से10 जनवरी तक चलने वाले प्रवासी भारतीय दिवस से पहले तीर्थ नगरी पुरी में शौचालय सुविधाओं की वास्तविकता की जांच की.

Puri Faces Sanitation Crisis
तीर्थ नगरी पुरी में स्वच्छता संकट (ETV Bharat and ANI)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 14 hours ago

पुरी:ओडिशा में 8 जनवरी से शुरू होने वाले मेगा प्रवासी भारतीय दिवस में अब महज 11 दिन ही बचे हैं. ऐसे में राज्य में पुरी समेत कई पर्यटन स्थलों का कायाकल्प हो रहा है. भगवान जगन्नाथ का घर होने के कारण पुरी निश्चित रूप से पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण का केंद्र है. हालांकि, चिंता का विषय यह है कि, पुरी के विकास में करोड़ों खर्च किए जाने के बावजूद, पर्याप्त शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव देखा जा रहा है. इन परिस्थितियों में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

वास्तविकता की जांच
शौचालय की समस्या शहर के मुख्य मार्ग बड़ादंडा और गोल्डन बीच पर कुछ अधिक ही है. यहां प्रतिदिन हजारों पर्यटक आते हैं. शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं में कमी से सबसे अधिक महिला और बुजुर्ग पर्यटक प्रभावित होते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि, आस-पास टॉयलेट न होने से आसपास गंदगी फैलती है, जिसके कारण कई लोगों को अस्वच्छ परिस्थितियों में रहना पड़ता है.

Puri Faces Sanitation Crisis
पुरी समुद्र तट, जहां सिर्फ दो शौचालय या चेंजिंग रूम हैं (ETV Bharat)

पुरी हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना पर करोड़ों रुपये खर्च हुए
पुरी हेरिटेज कॉरिडोर (परिक्रमा) परियोजना पर बीजू जनता दल (बीजद) सरकार ने कुल 800 करोड़ रुपये खर्च किए थे. यह परियोजना 2016 में शुरू हुई थी और 2024 में समाप्त होगी. हालांकि, उस दौरान कॉरिडोर के भीतर ही कुछ शौचालयों का निर्माण किया गया था.

60 हजार से अधिक भक्त श्री जगन्नाथ मंदिर का करते हैं दर्शन
औसतन, प्रतिदिन 60 हजार से अधिक भक्त श्री जगन्नाथ मंदिर में आते हैं, और त्योहारों, खासकर रथ यात्रा के दौरान यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है. हालांकि, मंदिर के परिक्रमा मार्ग पर केवल छह शौचालय ही उपलब्ध हैं. मार्केट चौक से मंदिर तक मुख्य मार्ग तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण रास्ता है. आश्चर्य की बात यह है कि, यहां एक भी सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं किया गया है. इस कारण से विजिटर्स को बस स्टैंड या गुंडिचा मंदिर के पास सुविधाओं की तलाश में लंबी दूरी तय करनी पड़ती है.

Puri Faces Sanitation Crisis
एक और शौचालय जर्जर हालत में (ETV Bharat)

पुरी में शौचालयों की व्यवस्था दयनीय
दिल्ली की एक श्रद्धालु वैष्णवी बंसल ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा, "ऐसे प्रतिष्ठित मंदिर के लिए शौचालय की व्यवस्था बहुत खराब है. मुख्य सड़क पर कोई सुविधा नहीं है. शहर में भी बहुत कम विकल्प हैं. समुद्र तट पर भी, मेरे जैसी महिलाओं के पास नहाने के बाद कपड़े बदलने के लिए कोई जगह नहीं है."

शौचालय की कमी से बुजुर्ग और महिला परेशान
उन्होंने आगे कहा कि, पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र, गोल्डन बीच, भी इससे बेहतर नहीं है. हजारों लोग जो समुद्र का मजा लेने या पवित्र स्नान करने में घंटों बिताते हैं, उनके लिए 2 से 4 किलोमीटर की दूरी पर केवल दो सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध हैं. खासकर नहाने के बाद गीले कपड़े बदलते समय महिला पर्यटकों को अतिरिक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

Puri Faces Sanitation Crisis
पुरी समुद्र तट के पास एक शौचालय (ETV Bharat)

इन महिला के लिए पुरी में शौचालय ढूंढ़ना एक बुरा सपना
भुवनेश्वर से आई एक पर्यटक बरनिका परिदा ने कहा, "हमने बीच पर बहुत अच्छा समय बिताया, लेकिन शौचालय ढूंढ़ना एक बुरा सपना था. सरकार को महिलाओं की सुरक्षा और आराम के लिए इस मुद्दे को तत्काल हल करना चाहिए."

विजिबल साइनबोर्ड क्यों है जरूरी, स्थानीय निवासी ने बताया
स्थानीय निवासी हरिशंकर मिश्रा ने सरकार से स्वच्छता संबंधी बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता देने का आग्रह किया. मिश्रा ने सुझाव दिया, "मार्केट स्क्वायर से मंदिर कार्यालय तक के मार्ग पर मोबाइल शौचालयों की सख्त जरूरत है. कम से कम इस मार्ग पर स्थित होटलों को पर्यटकों को अपनी सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति देना अनिवार्य होना चाहिए." उन्होंने आगे कहा कि विजिबल साइनबोर्ड के माध्यम से विजिटर्स को उपलब्ध शौचालयों के बारे में मार्गदर्शन किया जाना चाहिए.

Puri Faces Sanitation Crisis
ग्रांड रोड पर एक टूटा हुआ सार्वजनिक शौचालय (ETV Bharat)

पोर्टेबल शौचालयों की आवश्यकता पर जोर
होटल व्यवसायी श्रीमंत दाश ने भी इसी तरह की भावनाओं को दोहराया और साथी होटल व्यवसायियों के बीच जागरूकता की कमी पर दुख जताया. उन्होंने कहा, "जबकि हममें से कुछ लोग पर्यटकों को अपने शौचालयों का उपयोग करने की अनुमति देते हैं. हालांकि, कई लोग ऐसा नहीं करते हैं. प्रशासन को शिक्षित करना चाहिए और अनुपालन लागू करना चाहिए." उन्होंने विजिटर्स की बढ़ती भीड़ और उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्थायी और पोर्टेबल शौचालयों की आवश्यकता पर जोर दिया.

Puri Faces Sanitation Crisis
पुरी के विशाल ग्रैंड रोड पर शौचालय ढूंढना लगभग असंभव है (ETV Bharat)

पुरी में शौचालय संकट एक बड़ा मुद्दा!
पुरी नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी अभिमन्यु बेहरा ने पुरी में शौचालयों की कमी के मुद्दे को स्वीकार किया और आश्वासन दिया कि इस मामले में कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, "फिलहाल मुख्य सड़क के किनारे चार और समुद्र तट पर तीन सरकारी शौचालय हैं. हालांकि, हम सीएसआर पहल के माध्यम से और अधिक जैव-शौचालय जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं. ये जनवरी तक चालू हो जाएंगे." बेहरा ने होटल मालिकों को पर्यटकों को अपनी सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करने में अधिक सहयोग करने का भी वादा किया.

Puri Faces Sanitation Crisis
खराब हालत में शौचालय (ETV Bharat)

रियलिटी चेक
ईटीवी भारत रिपोर्टर द्वारा एक रियलिटी चेक के दौरान, कई सार्वजनिक शौचालयों की हालत खस्ता पाई गई. जबकि उन्हें उपयोग के लायक बनाने के लिए कोई मरम्मत या नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है, पर्यटकों की समस्याओं को कम करने के लिए नए वॉशरूम भी नहीं बनाए जा रहे हैं. ग्रांड रोड पर बागला धर्मशाला के पास का वॉशरूम सालों से खराब स्थिति में है.

स्थायी शौचालय स्थापित करने की योजनाएं चल रही, जिला कलेक्टर ने कहा
वहीं, जिला कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा कि, रथ यात्रा जैसे उच्च यातायात वाले आयोजनों के दौरान मोबाइल शौचालय पहले से ही तैनात किए गए हैं. "मुख्य सड़क और समुद्र तट पर और अधिक स्थायी शौचालय स्थापित करने की योजनाएं चल रही हैं. उन्होंने कहा कि, सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं के लिए विशेष शौचालय भी पाइपलाइन में हैं.

Puri Faces Sanitation Crisis
शहर के अधिकांश सार्वजनिक शौचालय खराब हालत में हैं (ETV Bharat)

शौचालय और स्वच्छता की समस्या पुरी की प्रतिष्ठा पर दाग है
सोचने वाली बात यह है कि, धार्मिक स्थल में स्वच्छता सुविधाओं की कमी सिर्फ असुविधा ही नहीं है, बल्कि वैश्विक तीर्थयात्रा और पर्यटन केंद्र के रूप में पुरी की प्रतिष्ठा पर भी दाग​ है. बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि बुनियादी ढांचे में इस तरह की कमी शहर के महत्वाकांक्षी विकास लक्ष्यों को कमजोर कर सकती है.

Puri Faces Sanitation Crisis
परिक्रमा परियोजना के तहत मंदिर के निकट निर्मित एकमात्र शौचालय सुविधा (ETV Bharat)

पर्यटकों, भक्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है
हर साल लाखों लोग पुरी आते हैं. इसलिए स्वच्छ और पर्याप्त शौचालयों की उपलब्धता सुनिश्चित करना न केवल एक आवश्यकता है, बल्कि एक नैतिक जिम्मेदारी भी है. चूंकि पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. खासकर प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान, पुरी में शौचालय की समस्या का जल्द समाधान करना शहर की विरासत और प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए आवश्यक है.

ये भी पढ़ें: जगन्नाथ मंदिर की दीवार में दरारें, पुरातत्व विभाग से मांगी मदद

ये भी पढ़ें: कसावा की दो नई वैरायटी आने से किसानों को होगा बड़ा फायदा, इस पर हुआ काफी रिसर्च

पुरी:ओडिशा में 8 जनवरी से शुरू होने वाले मेगा प्रवासी भारतीय दिवस में अब महज 11 दिन ही बचे हैं. ऐसे में राज्य में पुरी समेत कई पर्यटन स्थलों का कायाकल्प हो रहा है. भगवान जगन्नाथ का घर होने के कारण पुरी निश्चित रूप से पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण का केंद्र है. हालांकि, चिंता का विषय यह है कि, पुरी के विकास में करोड़ों खर्च किए जाने के बावजूद, पर्याप्त शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव देखा जा रहा है. इन परिस्थितियों में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

वास्तविकता की जांच
शौचालय की समस्या शहर के मुख्य मार्ग बड़ादंडा और गोल्डन बीच पर कुछ अधिक ही है. यहां प्रतिदिन हजारों पर्यटक आते हैं. शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं में कमी से सबसे अधिक महिला और बुजुर्ग पर्यटक प्रभावित होते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि, आस-पास टॉयलेट न होने से आसपास गंदगी फैलती है, जिसके कारण कई लोगों को अस्वच्छ परिस्थितियों में रहना पड़ता है.

Puri Faces Sanitation Crisis
पुरी समुद्र तट, जहां सिर्फ दो शौचालय या चेंजिंग रूम हैं (ETV Bharat)

पुरी हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना पर करोड़ों रुपये खर्च हुए
पुरी हेरिटेज कॉरिडोर (परिक्रमा) परियोजना पर बीजू जनता दल (बीजद) सरकार ने कुल 800 करोड़ रुपये खर्च किए थे. यह परियोजना 2016 में शुरू हुई थी और 2024 में समाप्त होगी. हालांकि, उस दौरान कॉरिडोर के भीतर ही कुछ शौचालयों का निर्माण किया गया था.

60 हजार से अधिक भक्त श्री जगन्नाथ मंदिर का करते हैं दर्शन
औसतन, प्रतिदिन 60 हजार से अधिक भक्त श्री जगन्नाथ मंदिर में आते हैं, और त्योहारों, खासकर रथ यात्रा के दौरान यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है. हालांकि, मंदिर के परिक्रमा मार्ग पर केवल छह शौचालय ही उपलब्ध हैं. मार्केट चौक से मंदिर तक मुख्य मार्ग तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण रास्ता है. आश्चर्य की बात यह है कि, यहां एक भी सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं किया गया है. इस कारण से विजिटर्स को बस स्टैंड या गुंडिचा मंदिर के पास सुविधाओं की तलाश में लंबी दूरी तय करनी पड़ती है.

Puri Faces Sanitation Crisis
एक और शौचालय जर्जर हालत में (ETV Bharat)

पुरी में शौचालयों की व्यवस्था दयनीय
दिल्ली की एक श्रद्धालु वैष्णवी बंसल ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा, "ऐसे प्रतिष्ठित मंदिर के लिए शौचालय की व्यवस्था बहुत खराब है. मुख्य सड़क पर कोई सुविधा नहीं है. शहर में भी बहुत कम विकल्प हैं. समुद्र तट पर भी, मेरे जैसी महिलाओं के पास नहाने के बाद कपड़े बदलने के लिए कोई जगह नहीं है."

शौचालय की कमी से बुजुर्ग और महिला परेशान
उन्होंने आगे कहा कि, पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र, गोल्डन बीच, भी इससे बेहतर नहीं है. हजारों लोग जो समुद्र का मजा लेने या पवित्र स्नान करने में घंटों बिताते हैं, उनके लिए 2 से 4 किलोमीटर की दूरी पर केवल दो सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध हैं. खासकर नहाने के बाद गीले कपड़े बदलते समय महिला पर्यटकों को अतिरिक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

Puri Faces Sanitation Crisis
पुरी समुद्र तट के पास एक शौचालय (ETV Bharat)

इन महिला के लिए पुरी में शौचालय ढूंढ़ना एक बुरा सपना
भुवनेश्वर से आई एक पर्यटक बरनिका परिदा ने कहा, "हमने बीच पर बहुत अच्छा समय बिताया, लेकिन शौचालय ढूंढ़ना एक बुरा सपना था. सरकार को महिलाओं की सुरक्षा और आराम के लिए इस मुद्दे को तत्काल हल करना चाहिए."

विजिबल साइनबोर्ड क्यों है जरूरी, स्थानीय निवासी ने बताया
स्थानीय निवासी हरिशंकर मिश्रा ने सरकार से स्वच्छता संबंधी बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता देने का आग्रह किया. मिश्रा ने सुझाव दिया, "मार्केट स्क्वायर से मंदिर कार्यालय तक के मार्ग पर मोबाइल शौचालयों की सख्त जरूरत है. कम से कम इस मार्ग पर स्थित होटलों को पर्यटकों को अपनी सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति देना अनिवार्य होना चाहिए." उन्होंने आगे कहा कि विजिबल साइनबोर्ड के माध्यम से विजिटर्स को उपलब्ध शौचालयों के बारे में मार्गदर्शन किया जाना चाहिए.

Puri Faces Sanitation Crisis
ग्रांड रोड पर एक टूटा हुआ सार्वजनिक शौचालय (ETV Bharat)

पोर्टेबल शौचालयों की आवश्यकता पर जोर
होटल व्यवसायी श्रीमंत दाश ने भी इसी तरह की भावनाओं को दोहराया और साथी होटल व्यवसायियों के बीच जागरूकता की कमी पर दुख जताया. उन्होंने कहा, "जबकि हममें से कुछ लोग पर्यटकों को अपने शौचालयों का उपयोग करने की अनुमति देते हैं. हालांकि, कई लोग ऐसा नहीं करते हैं. प्रशासन को शिक्षित करना चाहिए और अनुपालन लागू करना चाहिए." उन्होंने विजिटर्स की बढ़ती भीड़ और उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्थायी और पोर्टेबल शौचालयों की आवश्यकता पर जोर दिया.

Puri Faces Sanitation Crisis
पुरी के विशाल ग्रैंड रोड पर शौचालय ढूंढना लगभग असंभव है (ETV Bharat)

पुरी में शौचालय संकट एक बड़ा मुद्दा!
पुरी नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी अभिमन्यु बेहरा ने पुरी में शौचालयों की कमी के मुद्दे को स्वीकार किया और आश्वासन दिया कि इस मामले में कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, "फिलहाल मुख्य सड़क के किनारे चार और समुद्र तट पर तीन सरकारी शौचालय हैं. हालांकि, हम सीएसआर पहल के माध्यम से और अधिक जैव-शौचालय जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं. ये जनवरी तक चालू हो जाएंगे." बेहरा ने होटल मालिकों को पर्यटकों को अपनी सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करने में अधिक सहयोग करने का भी वादा किया.

Puri Faces Sanitation Crisis
खराब हालत में शौचालय (ETV Bharat)

रियलिटी चेक
ईटीवी भारत रिपोर्टर द्वारा एक रियलिटी चेक के दौरान, कई सार्वजनिक शौचालयों की हालत खस्ता पाई गई. जबकि उन्हें उपयोग के लायक बनाने के लिए कोई मरम्मत या नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है, पर्यटकों की समस्याओं को कम करने के लिए नए वॉशरूम भी नहीं बनाए जा रहे हैं. ग्रांड रोड पर बागला धर्मशाला के पास का वॉशरूम सालों से खराब स्थिति में है.

स्थायी शौचालय स्थापित करने की योजनाएं चल रही, जिला कलेक्टर ने कहा
वहीं, जिला कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा कि, रथ यात्रा जैसे उच्च यातायात वाले आयोजनों के दौरान मोबाइल शौचालय पहले से ही तैनात किए गए हैं. "मुख्य सड़क और समुद्र तट पर और अधिक स्थायी शौचालय स्थापित करने की योजनाएं चल रही हैं. उन्होंने कहा कि, सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं के लिए विशेष शौचालय भी पाइपलाइन में हैं.

Puri Faces Sanitation Crisis
शहर के अधिकांश सार्वजनिक शौचालय खराब हालत में हैं (ETV Bharat)

शौचालय और स्वच्छता की समस्या पुरी की प्रतिष्ठा पर दाग है
सोचने वाली बात यह है कि, धार्मिक स्थल में स्वच्छता सुविधाओं की कमी सिर्फ असुविधा ही नहीं है, बल्कि वैश्विक तीर्थयात्रा और पर्यटन केंद्र के रूप में पुरी की प्रतिष्ठा पर भी दाग​ है. बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि बुनियादी ढांचे में इस तरह की कमी शहर के महत्वाकांक्षी विकास लक्ष्यों को कमजोर कर सकती है.

Puri Faces Sanitation Crisis
परिक्रमा परियोजना के तहत मंदिर के निकट निर्मित एकमात्र शौचालय सुविधा (ETV Bharat)

पर्यटकों, भक्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है
हर साल लाखों लोग पुरी आते हैं. इसलिए स्वच्छ और पर्याप्त शौचालयों की उपलब्धता सुनिश्चित करना न केवल एक आवश्यकता है, बल्कि एक नैतिक जिम्मेदारी भी है. चूंकि पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. खासकर प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान, पुरी में शौचालय की समस्या का जल्द समाधान करना शहर की विरासत और प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए आवश्यक है.

ये भी पढ़ें: जगन्नाथ मंदिर की दीवार में दरारें, पुरातत्व विभाग से मांगी मदद

ये भी पढ़ें: कसावा की दो नई वैरायटी आने से किसानों को होगा बड़ा फायदा, इस पर हुआ काफी रिसर्च

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.