जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ के जस्टिस दिनेश मेहता ने हनी ट्रैप के मुख्य आरोपी अक्षत शर्मा के विरुद्ध दर्ज पोर्नोग्राफी की एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस थाना एयरपोर्ट के थानाधिकारी दिलीप खदाव को 28 मार्च को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने के आदेश दिए हैं.
आरोपी अक्षत शर्मा के विरुद्ध पोर्नोग्राफी के आरोप में दर्ज एफआईआर को निरस्त करवाने के लिए अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने एक विधिक याचिका हाईकोर्ट (PIL in High Court in honey trap case) में पेश कर बताया कि हनी ट्रैप एवं मॉडल के आत्महत्या प्रयास के मामले में पुलिस थाना एयरपोर्ट के थाना अधिकारी द्वारा अनुसंधान किया जा रहा था. जिसमें अक्षत शर्मा को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया व 9 फरवरी को न्यायालय ने अक्षत शर्मा की जमानत स्वीकार करते हुए पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया कि खदाव के विरुद्ध जांच की जाए तथा दोषी पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए.
जब खदाव को इस तथ्य की जानकारी हुई, तो उसने आरोपी से खफा होकर दुर्भावना से उसी दिन आरोपी के विरुद्ध दूसरी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर ली. जिसमें अंकित किया गया कि मॉडल के आत्महत्या प्रयास एवं हनी ट्रैप के मामले में उनके द्वारा अनुसंधान किया जा रहा था. जिसमें अक्षत शर्मा को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 5 मोबाइल बरामद किए गए. जिनमें से एक मोबाइल में महिलाओं के अश्लील वीडियो पाए गए तथा अक्षत का ऐसे वीडियो विभिन्न लोगों को भेजना पाया गया. अधिवक्ता सारस्वत ने बहस के दौरान तर्क दिया कि उक्त रिपोर्ट स्वयं खदाव ने ही पेश की. उन्होंने ही दर्ज की और उन्होंने ही अनुसंधान शुरू कर दिया.
उन्होंने तर्क दिया कि आरोपी के विरुद्ध दूसरी एफआईआर दर्ज करना सर्वथा गैरकानूनी है, क्योकि पूर्व की एफआईआर में ही कथित वीडियो के संबंध में अनुसंधान किया जा सकता था. सारस्वत ने यह भी तर्क दिया कि कथित वीडियो न तो जोधपुर में रिसीव किए गए और न ही जोधपुर से किसी व्यक्ति को भेजे गए इसलिए जोधपुर में एफआईआर दर्ज ही नहीं की जा सकती हैं. इन परिस्थितियों में एफआईआर को निरस्त किया जाए. हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर थानाधिकारी को तलब किया है.