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राजस्थान हाईकोर्ट: आदेश की पालना करो वरना अतिरिक्त मुख्य वित्त सचिव पेश हो

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Published : Oct 7, 2020, 7:06 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने न्यायिक कर्मचारियों की ग्रेड पे से जुड़े मामले में अदालत की ओर से 3 नवंबर 2018 को दिए आदेश की 3 सप्ताह में पालना करने को कहा है. ऐसा नहीं करने पर अदालत ने आगामी 3 नवंबर को अतिरिक्त मुख्य वित्त सचिव को पेश होने के आदेश दिए हैं.

Grade pay case, rajasthanf highcourt
न्यायिक कर्मचारियों के ग्रेड पे का मामला

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने न्यायिक कर्मचारियों की ग्रेड पे से जुड़े मामले में अदालत की ओर से 3 नवंबर 2018 को दिए आदेश की 3 सप्ताह में पालना करने को कहा है. ऐसा नहीं करने पर अदालत ने आगामी 3 नवंबर को अतिरिक्त मुख्य वित्त सचिव को पेश होने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता और न्यायाधीश महेंद्र गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश नरेंद्र कुमार माथुर की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए.

पढ़ें: धौलपुर में नाबालिग के साथ पिस्टल के दम पर 2 युवकों ने किया दुष्कर्म, मामला दर्ज

सुनवाई के दौरान प्रमुख विधि सचिव और प्रमुख वित्त सचिव निरंजन आर्य की ओर से आदेश की पालना के लिए समय मांगा गया. वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि 2 साल पहले दिए आदेश की विभाग अब तक पालना नहीं कर पाया है. इस पर अदालत ने 3 सप्ताह में पालना नहीं होने पर एसीएस वित्त को पेश होने के आदेश दिए हैं.

अवमानना याचिका में कहा गया है कि 3 नवंबर 2018 को हाईकोर्ट ने वरिष्ठ न्यायिक सहायकों को 4800 रुपए ग्रेड पे का लाभ देने के साथ ही राजपत्रित अधिकारी का दर्जा देने का आदेश दिया था. इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. वहीं, बाद में राज्य सरकार की ओर से मामले में पुनर्विचार अर्जी भी पेश की गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे भी खारिज कर दिया. इसके बावजूद भी हाईकोर्ट के आदेश की पालना नहीं हुई.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने न्यायिक कर्मचारियों की ग्रेड पे से जुड़े मामले में अदालत की ओर से 3 नवंबर 2018 को दिए आदेश की 3 सप्ताह में पालना करने को कहा है. ऐसा नहीं करने पर अदालत ने आगामी 3 नवंबर को अतिरिक्त मुख्य वित्त सचिव को पेश होने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता और न्यायाधीश महेंद्र गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश नरेंद्र कुमार माथुर की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए.

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सुनवाई के दौरान प्रमुख विधि सचिव और प्रमुख वित्त सचिव निरंजन आर्य की ओर से आदेश की पालना के लिए समय मांगा गया. वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि 2 साल पहले दिए आदेश की विभाग अब तक पालना नहीं कर पाया है. इस पर अदालत ने 3 सप्ताह में पालना नहीं होने पर एसीएस वित्त को पेश होने के आदेश दिए हैं.

अवमानना याचिका में कहा गया है कि 3 नवंबर 2018 को हाईकोर्ट ने वरिष्ठ न्यायिक सहायकों को 4800 रुपए ग्रेड पे का लाभ देने के साथ ही राजपत्रित अधिकारी का दर्जा देने का आदेश दिया था. इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. वहीं, बाद में राज्य सरकार की ओर से मामले में पुनर्विचार अर्जी भी पेश की गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे भी खारिज कर दिया. इसके बावजूद भी हाईकोर्ट के आदेश की पालना नहीं हुई.

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