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सेवारत चिकित्सकों को इन सर्विस कैंडिडेट मानते हुए नीट पीजी में शामिल करने का HC ने दिया आदेश

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Published : Jul 31, 2020, 8:59 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और नीट पीजी बोर्ड को आदेश दिया है कि वह याचिकाकर्ता सेवारत चिकित्सकों को IN Service Candidate मानते हुए नीट पीजी के माप अप राउंड में शामिल करें. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश डॉ. हरि शरण और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर दिए.

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राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और नीट पीजी बोर्ड को आदेश दिया है कि वह याचिकाकर्ता सेवारत चिकित्सकों को IN Service Candidate मानते हुए नीट पीजी के माप अप राउंड में शामिल करें. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश डॉ. हरि शरण व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर दिए.

पढ़ें: दोहरे हत्याकांड में मिली फांसी को HC ने आजीवन कारावास में बदला

याचिका में अधिवक्ता मोहित बलवदा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता 4 साल पहले चिकित्सा सेवा में शामिल हुआ था. उसने नीट पीजी में इन सर्विस आरक्षण के लिए आवेदन किया. वहीं नीट परीक्षा में उसके ओबीसी वर्ग में 290 अंक आए, जबकि बोर्ड की ओर से जारी ओबीसी कटऑफ 319 अंक और 40 परसेंटाइल रखी गई. वहीं बाद में बोर्ड ने संशोधित परिणाम जारी करते हुए कट ऑफ अंक 230 और 20 परसेंटाइल कर दिए. इसके चलते ओबीसी वर्ग में चयन के पात्र हो गई.

याचिका में कहा गया कि गत 19 जुलाई को बोर्ड की ओर से जारी सीट ऑप्शन की सूची में याचिकाकर्ताओं को गैर सेवारत वर्ग में दिखा दिया और बोनस अंक देने से इनकार कर दिया. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं को IN Service Candidate मानते हुए में नीट पीजी के माप अप राउंड में शामिल करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और नीट पीजी बोर्ड को आदेश दिया है कि वह याचिकाकर्ता सेवारत चिकित्सकों को IN Service Candidate मानते हुए नीट पीजी के माप अप राउंड में शामिल करें. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश डॉ. हरि शरण व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर दिए.

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याचिका में अधिवक्ता मोहित बलवदा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता 4 साल पहले चिकित्सा सेवा में शामिल हुआ था. उसने नीट पीजी में इन सर्विस आरक्षण के लिए आवेदन किया. वहीं नीट परीक्षा में उसके ओबीसी वर्ग में 290 अंक आए, जबकि बोर्ड की ओर से जारी ओबीसी कटऑफ 319 अंक और 40 परसेंटाइल रखी गई. वहीं बाद में बोर्ड ने संशोधित परिणाम जारी करते हुए कट ऑफ अंक 230 और 20 परसेंटाइल कर दिए. इसके चलते ओबीसी वर्ग में चयन के पात्र हो गई.

याचिका में कहा गया कि गत 19 जुलाई को बोर्ड की ओर से जारी सीट ऑप्शन की सूची में याचिकाकर्ताओं को गैर सेवारत वर्ग में दिखा दिया और बोनस अंक देने से इनकार कर दिया. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं को IN Service Candidate मानते हुए में नीट पीजी के माप अप राउंड में शामिल करने को कहा है.

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