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सांभर झील में पक्षियों की मौत को लेकर हाईकोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय से मांगा जवाब

जयपुर में राजस्थान हाईकोर्ट ने सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की मौत के मामले में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से जवाब-तलब किया है. वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार और सांभर साल्ट लिमिटेड से झील की रामसर साइट घोषित होने की तारीख 24 मार्च 1990 के बाद जारी लीज, निर्माण और अवैध कब्जों की जानकारी देने को कहा है.

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Published : Dec 20, 2019, 9:42 AM IST

जयपुर न्यूज, jaipur news
सांभर झील में पक्षियों की मौत को लेकर मांगा जवाब

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की मौत के मामले में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार और सांभर साल्ट लिमिटेड से झील की रामसर साइट घोषित होने की तारीख 24 मार्च 1990 के बाद जारी लीज, निर्माण और अवैध कब्जों की जानकारी देने को कहा है.

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सांभर झील में पक्षियों की मौत को लेकर मांगा जवाब

मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए. सुनवाई के दौरान न्याय मित्र की ओर से रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार को नए सिरे से सांभर झील की नाप चोक करवानी चाहिए. ताकि वर्तमान स्थिति का पता लग सके और तय किया जा सके कि कितना एरिया किसके पास है. इसी के आधार पर राजस्व नक्शा अपडेट होना चाहिए.

यह भी पढ़ें: चूरू में 5 मार्च तक हर दिन दो घंटे ही होगी पेयजल सप्लाई

रिपोर्ट में झील से सभी अवैध बिजली के कनेक्शनों को हटाने को कहा गया है और झील क्षेत्र और आद्रता भूमि से कब्जे हटाने की मांग की गई है. रिपोर्ट में सभी अतिक्रमण और निर्माण हटाने के साथ ही संरक्षण के आधार पर फॉरेस्ट लैंड या नेशनल पार्क बनाने पर फैसला लेने को कहा है. इसके साथ ही आद्रता भूमि संरक्षण और प्रबंधन नियम की पालना की मांग की गई है और रामसर साइट को पूर्व की स्थिति में लौटाने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की मौत के मामले में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार और सांभर साल्ट लिमिटेड से झील की रामसर साइट घोषित होने की तारीख 24 मार्च 1990 के बाद जारी लीज, निर्माण और अवैध कब्जों की जानकारी देने को कहा है.

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सांभर झील में पक्षियों की मौत को लेकर मांगा जवाब

मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए. सुनवाई के दौरान न्याय मित्र की ओर से रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार को नए सिरे से सांभर झील की नाप चोक करवानी चाहिए. ताकि वर्तमान स्थिति का पता लग सके और तय किया जा सके कि कितना एरिया किसके पास है. इसी के आधार पर राजस्व नक्शा अपडेट होना चाहिए.

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रिपोर्ट में झील से सभी अवैध बिजली के कनेक्शनों को हटाने को कहा गया है और झील क्षेत्र और आद्रता भूमि से कब्जे हटाने की मांग की गई है. रिपोर्ट में सभी अतिक्रमण और निर्माण हटाने के साथ ही संरक्षण के आधार पर फॉरेस्ट लैंड या नेशनल पार्क बनाने पर फैसला लेने को कहा है. इसके साथ ही आद्रता भूमि संरक्षण और प्रबंधन नियम की पालना की मांग की गई है और रामसर साइट को पूर्व की स्थिति में लौटाने को कहा है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की मौत के मामले में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से जवाब मांगा है। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार और सांभर साल्ट लिमिटेड से झील की रामसर साइट घोषित होने की तारीख 24 मार्च 1990 के बाद जारी लीज, निर्माण और अवैध कब्जों की जानकारी देने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:सुनवाई के दौरान न्याय मित्र की ओर से रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार को नए सिरे से सांभर झील की नाप जोख करवानी चाहिए, ताकि वर्तमान स्थिति का पता लग सके और तय किया जा सके कि कितना एरिया किसके पास है। इसी के आधार पर राजस्व नक्शा अपडेट होना चाहिए। रिपोर्ट में झील से सभी अवैध बिजली के कनेक्शनों को हटाने को कहा गया है और झील क्षेत्र और आद्रता भूमि से कब्जे हटाने की मांग की गई है। रिपोर्ट में सभी अतिक्रमण और निर्माण हटाने के साथ ही संरक्षण के आधार पर फॉरेस्ट लैंड या नेशनल पार्क बनाने पर फैसला लेने को कहा है। इसके साथ ही आद्रता भूमि संरक्षण और प्रबंधन नियम की पालना की मांग की गई है और रामसर साइट को पूर्व की स्थिति में लौटाने को कहा है।Conclusion:
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