जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने केजीएफ चेप्टर 2 फिल्म में धूम्रपान का दृश्य दिखाने पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सचिव, सेंसर बोर्ड चेयरमैन, स्वास्थ्य मंत्रालय और फिल्म के लेखक, निर्माता और अभिनेता से 6 सप्ताह में जवाब मांगा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश तसलीम अहमद खान की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता कलीम अहमद ने अदालत को बताया कि कोटपा नियमों के तहत किसी भी फिल्म में धूम्रपान के दृश्यों को नहीं दिखाया जा सकता. वहीं, अगर दृश्य वर्ष 2003 से पहले का है तो स्क्रीन पर वैधानिक चेतावनी के साथ इन दृश्यों को दिखाया जा सकता है. साल 2009 में महेश भट्ट की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने इन नियमों को अवैध घोषित कर दिया था.
यह भी पढ़ेंः सुकेत गैंगरेप पीड़िता के परिजनों को केस वापस नहीं लेने पर जान से मारने की धमकी, एसपी से मिली पीड़िता की वकील
वहीं, केन्द्र सरकार की एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट ने साल 2010 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. याचिका में कहा गया कि वर्तमान में कोटपा कानून अस्तित्व में है. इसके बावजूद केजीएफ चेप्टर 2 के ट्रेलर में सिनेमेटोग्राफी अधिनियम 2003 के प्रावधानों का उल्लंघन कर फिल्म अभिनेता को खुलेआम धूम्रपान करते दिखाया गया है. ऐसे में जुलाई महीने में रिलीज होने वाली फिल्म के प्रदर्शन को रोका जाए और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से फिल्म के ट्रेलर को हटाया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों और फिल्म से जुड़े लोगों से जवाब तलब किया है.