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वर्ल्ड चैंपियनशिप की पदक विजेता को सरकारी नौकरी से वंचित क्यों किया: हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, एसीएस कार्मिक, एसीएस वन, एसीएस खेल और स्पोर्ट्स काउंसिल को नोटिस जारी कर पूछा है कि शूटिंग की वर्ल्ड चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली खिलाड़ी को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति से वंचित क्यों किया जा रहा है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को भर्ती की कैटेगिरी ए में शामिल करने को कहा है.

High Court order, Rajasthan High Court
सरकारी नौकरी से विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता के इनकार पर उच्च न्यायालय का आदेश
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Published : Oct 14, 2020, 6:49 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, एसीएस कार्मिक, एसीएस वन, एसीएस खेल और स्पोर्ट्स काउंसिल को नोटिस जारी कर पूछा है कि शूटिंग की वर्ल्ड चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली खिलाड़ी को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति से वंचित क्यों किया जा रहा है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को भर्ती की कैटेगिरी ए में शामिल करने को कहा है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश मानिनि कौशिक की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने खेल मेडल विजेताओं को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति देने के संबंध में वर्ष 2017 में नियम बनाकर वर्ष 2020 में नियमों में संशोधन किया. जिसके तहत वर्ल्ड कप या वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पदक विजेता खिलाड़ियों को उपाधीक्षक और एसीएफ सहित कैटेगिरी ए के पदों पर नियुक्ति देने का प्रावधान किया.

पढ़ें- नगर निकाय चुनाव: टिकट के लिए खाचरियावास को कुछ इस तरह रिझा रहे प्रत्याशी

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने शूटिंग की वर्ल्ड चैम्पियनशिप में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता था. इसके बावजूद उसे यह कहते हुए नियुक्ति से वंचित किया जा रहा है कि उसने सीनियर वर्ग के बजाय जूनियर वर्ग में मेडल जीता है. जबकि नियमों में सीनियर और जूनियर वर्ग के खिलाड़ियों में कोई भेदभाव नहीं किया गया है. ऐसे में याचिकाकर्ता को कैटेगिरी ए के पद पर नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता को कैटेगिरी ए में शामिल करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, एसीएस कार्मिक, एसीएस वन, एसीएस खेल और स्पोर्ट्स काउंसिल को नोटिस जारी कर पूछा है कि शूटिंग की वर्ल्ड चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली खिलाड़ी को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति से वंचित क्यों किया जा रहा है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को भर्ती की कैटेगिरी ए में शामिल करने को कहा है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश मानिनि कौशिक की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने खेल मेडल विजेताओं को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति देने के संबंध में वर्ष 2017 में नियम बनाकर वर्ष 2020 में नियमों में संशोधन किया. जिसके तहत वर्ल्ड कप या वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पदक विजेता खिलाड़ियों को उपाधीक्षक और एसीएफ सहित कैटेगिरी ए के पदों पर नियुक्ति देने का प्रावधान किया.

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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने शूटिंग की वर्ल्ड चैम्पियनशिप में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता था. इसके बावजूद उसे यह कहते हुए नियुक्ति से वंचित किया जा रहा है कि उसने सीनियर वर्ग के बजाय जूनियर वर्ग में मेडल जीता है. जबकि नियमों में सीनियर और जूनियर वर्ग के खिलाड़ियों में कोई भेदभाव नहीं किया गया है. ऐसे में याचिकाकर्ता को कैटेगिरी ए के पद पर नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता को कैटेगिरी ए में शामिल करने को कहा है.

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