जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख ऊर्जा सचिव और राज्य विद्युत प्रसारण लि. सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि अधिशाषी अभियंता ने क्वार्टर का उपयोग नहीं किया तो उसे दिए गए मकान किराए की रिकवरी क्यों की जा रही है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश विशम्भर दयाल की याचिका पर दिए.
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याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 2014 से हिडौंन सिटी में अधिशाषी अभियंता के पद पर कार्यरत है. उसने विभाग के क्वार्टर का उपयोग नहीं लिया और ना ही मकान किराया भत्ता लिया. वहीं वर्ष 2016 में क्वार्टर को निवास के लिए अन्य अधिकारी का आवंटित कर दिया और याचिकाकर्ता को मकान किराया भत्ता देना शुरू कर दिया.
याचिका में कहा गया कि गत जनवरी माह में निगम ने उसे दिए गए मकान किराए की रिकवरी निकाल दी. जिसे चुनौती देते हुए कहा गया कि विभाग ने क्वार्टर का उपयोग नहीं करने पर ही मकान किराया भत्ता दिया था. इसके अलावा रिकवरी निकालने से पहले उसे न तो नोटिस और ना ही सुनवाई का मौका दिया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.