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Special: कोरोना से कई जिंदगियां भी रौशनी से हो रही महरूम, राजस्थान में Cornea transplant में भारी गिरावट

कोरोना अब नेत्रहीनों की जिंदगी में रौशनी भरने में भी रुकावट पैदा कर रहा है. कोरोना के डर से लोग कॉर्निया डोनेट करने में हिचक रहे हैं. जिससे राजस्थान में Cornea transplantation के आंकड़ों में भारी गिरावट आई है. पढ़िए ये विशेष खबर.....

राजस्थान में Cornea transplantion, राजस्थान न्यूज
राजस्थान में Cornea transplantion पर कोरोना का असर
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Published : Sep 20, 2020, 7:33 AM IST

जयपुर. कोरोना के काले साए ने आमजन की जीवनशैली को तो प्रभावित किया ही है. वहीं कोरोना उन लोगों की दुनिया में रौशनी भरने में भी रुकावट पैदा कर रहा है, जिन्हें कॉर्निया ट्रांसप्लांट की जरूरत है. राजस्थान में जहां लॉकडाउन से पहले 130 से अधिक कॉर्निया ट्रांसप्लांट होते थे. अब महज 16 ही ट्रांसप्लांटेशन हो पाया है.

कोरोना के कारण Cornea transplantion में भारी कमी

कोरोना और लॉकडाउन के कारण विभिन्न चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हुई हैं. वहीं प्रदेश में कॉर्निया ट्रांसप्लांट एकाएक ही रूक गया है. प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में पहले आमतौर पर बड़ी संख्या में कॉर्निया ट्रांसप्लांट हुआ करते थे लेकिन कोरोना के इस दौर में अस्पताल में ट्रांसप्लांट में भारी कमी आई है.

राजस्थान में Cornea transplantion, राजस्थान न्यूज
लॉकडाउन के पहले अधिक डोनर थे प्रदेश में

यहां तक की सबसे अधिक कॉर्निया ट्रांसप्लांट करके SMS अस्पताल ने अपने नाम रिकॉर्ड भी बनाया है लेकिन अब हालात काफी विकट हो चुके हैं. SMS के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजेश गोयल का कहना है कि कोरोना के चलते नेत्र संबंधी इलाज पर काफी असर देखने को मिल रहा है. खासकर कॉर्निया ट्रांसप्लांट पर उन्होंने बताया कि एक समय में सवाई मानसिंह अस्पताल ने 370 से अधिक कॉर्निया ट्रांसप्लांट करके एक कीर्तिमान बनाया था लेकिन पहले कोरोना और फिर इससे लगे लॉकडाउन के कारण स्थिति बिगड़ने लगी है.

यह भी पढ़ें. Special : अलवर में संक्रमितों की संख्या 11 हजार के पार, अस्पतालों में हो सकती है ऑक्सीजन की कमी

अब प्रदेश में कॉर्निया ट्रांसप्लांट एकाएक रुक गया है. मृतकों के परिजन कोरोना के कारण ज्यादा समय तक अस्पताल में रुकना नहीं चाहते. जिससे ट्रांसप्लांटेशन नहीं हो पाता है. इस पर डॉक्टर गोयल ने बताया कि Cornea transplantation में ज्यादा समय नहीं लगता है. तुरंत काम हो जाता है. वहीं एक डोनेशन से दो जिंदगियां रौशन हो सकती है.

राजस्थान में Cornea transplantion, राजस्थान न्यूज
लॉकडाउन के बाद महज 16 कॉर्निया डोनेट

आई बैंक सोसाइटी उपलब्ध कराती है कॉर्निया

Eye Bank Society of Rajasthan की मैनेजर सुदर्शना शेखावत ने बताती हैं कि राजस्थान में सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को आई बैंक सोसाइटी ऑफ राजस्थान की ओर से कॉर्निया उपलब्ध करवाया जाता है लेकिन कोरोना के इस दौर में हालात काफी विकट है. आई बैंक सोसाइटी को कॉर्निया प्राप्त नहीं हो पा रहे हैं.

राजस्थान में Cornea transplantion, राजस्थान न्यूज
Eye Bank Society of Rajasthan उपलब्ध करवाती है कॉर्निया

क्या है ये?

Cornea transplantation में पारदर्शी पुतली प्रत्यारोपित करते हैं. यह खास प्रकार की माइक्रोस्कोपिक सर्जरी होती है, जिसमें डोनेट की गई आंखें से पारदर्शी कॉर्निया निकालकर मरीज के अपारदर्शी कॉर्निया की जगह लगाते हैं.

राजस्थान में Cornea transplantion, राजस्थान न्यूज
Biological diagram of Eye

कोरोना के कारण कोर्निया डोनेट नहीं हो रहा

सुदर्शना शेखावत ने यह भी बताया कि कोरोना के कारण अब कॉर्निया डोनेट करने वाले भी अपना हाथ पीछे खींच रहे हैं. आमतौर पर यदि किसी व्यक्ति की मौत होती है तो सिर्फ 5 से 6 घंटे तक की उसकी कॉर्निया काम में आ सकती है लेकिन कोरोना के कारण मृत व्यक्ति के कॉर्निया भी नहीं निकाले जा सकते. जब तक कोविड-19 की रिपोर्ट आती है, तब तक कॉर्निया खराब हो जाता है.

राजस्थान में Cornea transplantion, राजस्थान न्यूज
कोरोना के कारण लोग अस्पताल में रुकने से हिचक रहे

अस्पतालों में भी मरीज कम

प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल की बात करें तो कोरोना के बाद अस्पताल के सभी विभागों में ओपीडी में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. यही हाल नेत्र विभाग का भी है क्योंकि कोरोना के डर से मरीज अस्पताल ही नहीं पहुंच रहे है.

नेत्रदान करने की अपील

वहीं अस्पताल के नेत्र विशेषज्ञ डॉ. राजेश गोयल ने आमजन से अपील भी की है कि वे नेत्रदान को लेकर जागरूक रहें और अन्य लोगों को भी नेत्रदान करने के लिए प्रेरित करें. जिससे किसी जरूरतमंद व्यक्ति को यह दुनिया देखने का भी मौका मिल सके.

जयपुर. कोरोना के काले साए ने आमजन की जीवनशैली को तो प्रभावित किया ही है. वहीं कोरोना उन लोगों की दुनिया में रौशनी भरने में भी रुकावट पैदा कर रहा है, जिन्हें कॉर्निया ट्रांसप्लांट की जरूरत है. राजस्थान में जहां लॉकडाउन से पहले 130 से अधिक कॉर्निया ट्रांसप्लांट होते थे. अब महज 16 ही ट्रांसप्लांटेशन हो पाया है.

कोरोना के कारण Cornea transplantion में भारी कमी

कोरोना और लॉकडाउन के कारण विभिन्न चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हुई हैं. वहीं प्रदेश में कॉर्निया ट्रांसप्लांट एकाएक ही रूक गया है. प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में पहले आमतौर पर बड़ी संख्या में कॉर्निया ट्रांसप्लांट हुआ करते थे लेकिन कोरोना के इस दौर में अस्पताल में ट्रांसप्लांट में भारी कमी आई है.

राजस्थान में Cornea transplantion, राजस्थान न्यूज
लॉकडाउन के पहले अधिक डोनर थे प्रदेश में

यहां तक की सबसे अधिक कॉर्निया ट्रांसप्लांट करके SMS अस्पताल ने अपने नाम रिकॉर्ड भी बनाया है लेकिन अब हालात काफी विकट हो चुके हैं. SMS के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजेश गोयल का कहना है कि कोरोना के चलते नेत्र संबंधी इलाज पर काफी असर देखने को मिल रहा है. खासकर कॉर्निया ट्रांसप्लांट पर उन्होंने बताया कि एक समय में सवाई मानसिंह अस्पताल ने 370 से अधिक कॉर्निया ट्रांसप्लांट करके एक कीर्तिमान बनाया था लेकिन पहले कोरोना और फिर इससे लगे लॉकडाउन के कारण स्थिति बिगड़ने लगी है.

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अब प्रदेश में कॉर्निया ट्रांसप्लांट एकाएक रुक गया है. मृतकों के परिजन कोरोना के कारण ज्यादा समय तक अस्पताल में रुकना नहीं चाहते. जिससे ट्रांसप्लांटेशन नहीं हो पाता है. इस पर डॉक्टर गोयल ने बताया कि Cornea transplantation में ज्यादा समय नहीं लगता है. तुरंत काम हो जाता है. वहीं एक डोनेशन से दो जिंदगियां रौशन हो सकती है.

राजस्थान में Cornea transplantion, राजस्थान न्यूज
लॉकडाउन के बाद महज 16 कॉर्निया डोनेट

आई बैंक सोसाइटी उपलब्ध कराती है कॉर्निया

Eye Bank Society of Rajasthan की मैनेजर सुदर्शना शेखावत ने बताती हैं कि राजस्थान में सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को आई बैंक सोसाइटी ऑफ राजस्थान की ओर से कॉर्निया उपलब्ध करवाया जाता है लेकिन कोरोना के इस दौर में हालात काफी विकट है. आई बैंक सोसाइटी को कॉर्निया प्राप्त नहीं हो पा रहे हैं.

राजस्थान में Cornea transplantion, राजस्थान न्यूज
Eye Bank Society of Rajasthan उपलब्ध करवाती है कॉर्निया

क्या है ये?

Cornea transplantation में पारदर्शी पुतली प्रत्यारोपित करते हैं. यह खास प्रकार की माइक्रोस्कोपिक सर्जरी होती है, जिसमें डोनेट की गई आंखें से पारदर्शी कॉर्निया निकालकर मरीज के अपारदर्शी कॉर्निया की जगह लगाते हैं.

राजस्थान में Cornea transplantion, राजस्थान न्यूज
Biological diagram of Eye

कोरोना के कारण कोर्निया डोनेट नहीं हो रहा

सुदर्शना शेखावत ने यह भी बताया कि कोरोना के कारण अब कॉर्निया डोनेट करने वाले भी अपना हाथ पीछे खींच रहे हैं. आमतौर पर यदि किसी व्यक्ति की मौत होती है तो सिर्फ 5 से 6 घंटे तक की उसकी कॉर्निया काम में आ सकती है लेकिन कोरोना के कारण मृत व्यक्ति के कॉर्निया भी नहीं निकाले जा सकते. जब तक कोविड-19 की रिपोर्ट आती है, तब तक कॉर्निया खराब हो जाता है.

राजस्थान में Cornea transplantion, राजस्थान न्यूज
कोरोना के कारण लोग अस्पताल में रुकने से हिचक रहे

अस्पतालों में भी मरीज कम

प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल की बात करें तो कोरोना के बाद अस्पताल के सभी विभागों में ओपीडी में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. यही हाल नेत्र विभाग का भी है क्योंकि कोरोना के डर से मरीज अस्पताल ही नहीं पहुंच रहे है.

नेत्रदान करने की अपील

वहीं अस्पताल के नेत्र विशेषज्ञ डॉ. राजेश गोयल ने आमजन से अपील भी की है कि वे नेत्रदान को लेकर जागरूक रहें और अन्य लोगों को भी नेत्रदान करने के लिए प्रेरित करें. जिससे किसी जरूरतमंद व्यक्ति को यह दुनिया देखने का भी मौका मिल सके.

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