जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को जयपुर बम विस्फोट सहित तीन अलग-अलग मामलों में डेथ रेफरेंस पर सुनवाई हुई. तीनों ही मामलों में अदालत ने वकीलों को लिखित बहस पेश करने के निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई जुलाई माह में रखी है.
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश जयपुर बम विस्फोट, कोटा के रुद्राक्ष हत्याकांड और बहरोड़ में बालिका के साथ दुष्कर्म कर हत्या के मामले में दी गई फांसी को लेकर राज्य सरकार के डेथ रेफरेंस और अभियुक्तों की अपील पर दिए.
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मामले के अनुसार 13 मई 2008 को शहर में हुए बम धमाकों को लेकर विशेष न्यायालय ने गत 20 दिसंबर को अभियुक्त मोहम्मद सैफ, सलमान, सैफुर्रहमान और सरवर आजमी को फांसी की सजा सुनाते हुए शाहबाज हुसैन को बरी कर दिया था.
इस आदेश की पुष्टि के लिए राज्य सरकार की ओर से डेथ रेफरेंस और अभियुक्तों की ओर से अपील पेश की गई. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 7 जुलाई को तय करते हुए अभियुक्त के वकील को लिखित बहस पेश करने को कहा है.
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इसी तरह कोटा में 9 अक्टूबर 2014 को 7 साल के रुद्राक्ष की हत्या हुई थी. मामले में अदालत ने 26 फरवरी 2018 को अभियुक्त अंकुर पाडिया को फांसी की सजा सुनाते हुए उसके भाई अनूप को आजीवन कारावास, नौकर महावीर को 4 साल और सिम विक्रेता करनजीत को 2 साल की सजा दी थी. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 13 जुलाई को तय की है. वहीं बहरोड़ में नाबालिग से दुष्कर्म के अभियुक्त को वर्ष 2019 में मिली फांसी की सजा के डेथ रेफरेंस पर हाईकोर्ट ने 13 जुलाई तय की है.