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राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में कराया भर्ती - protest in Shahid Smarak

जयपुर के शहीद स्मारक पर विभिन्न मांगों को लेकर आमरण अनशन कर रहे राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज सक्सेना की तबीयत बिगड़ गई. प्रदेश अध्यक्ष को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ , मंत्रालयिक कर्मचारी, Rajasthan State Ministerial Employees Federation, ministerial staff State
प्रदेश अध्यक्ष मनोज सक्सेना की तबीयत बिगड़ गई
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Published : Oct 27, 2021, 8:00 PM IST

जयपुर. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के बैनर तले मंत्रालयिक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगों को लेकर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज सक्सेना भी आमरण अनशन पर थे. बुधवार शाम को मनोज सक्सेना की तबीयत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.

मंत्रालयिक कर्मचारियों की 11 सूत्री मांगों को लेकर राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ 2 अक्टूबर से शहीद स्मारक पर आंदोलन कर रहा है और आंदोलन के तहत से छह मंत्रालयिक कर्मचारी आमरण अनशन पर बैठे थे जिनकी तबीयत खराब हो गई थी. इसके बाद महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज सक्सेना मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे और उन्हें अनशन करते हुए बुधवार को 19 दिन पूरे हो गए.

पढ़ें. छह दिन से आमरण अनशन पर बैठे शमशेर भालू खान की चेतावनी, 'मांगें न मानी तो सरकारी नौकरी से दे दूंगा इस्तीफा'

लगातार आमरण अनशन पर रहने से मनोज सक्सेना की तबीयत में लगातार गिरावट आ रही थी जिस कारण बुधवार को हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. मंत्रालयिक कर्मचारियों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि 2 अक्टूबर से लगातार आंदोलन करने के बावजूद सरकार की ओर से उन्हें वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया जा रहा. उन्होंने कहा कि जो संगठन आमरण अनशन नहीं कर रहा उनसे सरकार वार्ता कर रही है, जबकि हमारी अनदेखी की जा रही है.

मंत्रालयिक कर्मचारी ग्रेड-पे 3600, सचिवालय के समान वेतन भत्ते, वेतन कटौती आदेश को वापस लेने पदोन्नति के शेष 11500 पद जारी करने, मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए निदेशालय का गठन, जिला परिषद, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों में कार्यरत मंत्रालयिक कर्मचारियों के उच्च पदों का आवंटन आदि मांगों को लेकर कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं.

जयपुर. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के बैनर तले मंत्रालयिक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगों को लेकर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज सक्सेना भी आमरण अनशन पर थे. बुधवार शाम को मनोज सक्सेना की तबीयत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.

मंत्रालयिक कर्मचारियों की 11 सूत्री मांगों को लेकर राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ 2 अक्टूबर से शहीद स्मारक पर आंदोलन कर रहा है और आंदोलन के तहत से छह मंत्रालयिक कर्मचारी आमरण अनशन पर बैठे थे जिनकी तबीयत खराब हो गई थी. इसके बाद महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज सक्सेना मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे और उन्हें अनशन करते हुए बुधवार को 19 दिन पूरे हो गए.

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लगातार आमरण अनशन पर रहने से मनोज सक्सेना की तबीयत में लगातार गिरावट आ रही थी जिस कारण बुधवार को हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. मंत्रालयिक कर्मचारियों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि 2 अक्टूबर से लगातार आंदोलन करने के बावजूद सरकार की ओर से उन्हें वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया जा रहा. उन्होंने कहा कि जो संगठन आमरण अनशन नहीं कर रहा उनसे सरकार वार्ता कर रही है, जबकि हमारी अनदेखी की जा रही है.

मंत्रालयिक कर्मचारी ग्रेड-पे 3600, सचिवालय के समान वेतन भत्ते, वेतन कटौती आदेश को वापस लेने पदोन्नति के शेष 11500 पद जारी करने, मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए निदेशालय का गठन, जिला परिषद, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों में कार्यरत मंत्रालयिक कर्मचारियों के उच्च पदों का आवंटन आदि मांगों को लेकर कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं.

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