जयपुर. जनसंख्या नियंत्रण को लेकर हाल ही में आई चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा (Health Minister Raghu Sharma) के हम दो हमारा एक के बयान का नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Leader of Opposition Gulabchand Kataria) ने भी समर्थन किया है हालांकि कटारिया ने यह शर्त लगाई है कि बनाए जाने वाला कानून (Law) सभी धर्म और संप्रदाय के लिए एक समान होना चाहिए. कटारिया ने कहा कि यदि ऐसा है तो मैं इसका समर्थन करूंगा और चाहूंगा कि प्रदेश सरकार (State government) इस दिशा में काम करें.
नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने जयपुर में कहा कि चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बयान तो दे दिया लेकिन जिस तरह वो बोल रहे हैं, वैसा उन्हें अपने ऊपर वालों को भी बताना चाहिए. कटारिया ने कहा कि हमें इस बारे में पहल करना चाहिए. कुछ राज्यों ने तो पहल की है कि कम से कम 2 से अधिक बच्चों का लाभ जो सरकारी खातों में दे रहे हैं, उस पर पाबंदी लगना चाहिए, ताकि जनसंख्या पर नियंत्रण हो सके. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यदि मौका है, तो सरकार को भी इस बारे में आगे बढ़ कर जनसंख्या नियंत्रण (Population control) पर कोई प्रभावी कानून लाकर निश्चित रूप से राजस्थान (Rajasthan) ही नहीं हिंदुस्तान में जो जनसंख्या विस्फोट हो रहा है, उसको काबू करने का प्रयत्न करना चाहिए.
आपको बता दें कि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया कि स्वयं पांच संताने हैं और जब यही सवाल उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह तो 40 साल पुरानी बात है, क्योंकि साल 1980 के बाद मुझे कोई संतान नहीं हुई और इस दौरान मेरे स्वयं के तीन चार भाई बहन थे और परिवार में भी इतनी ही संताने होती थी. कटारिया ने कहा कि कोई भी नया कानून बनता है, तो एक निश्चित तारीख से लागू होता है. पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत जी ने भी इससे जुड़ा कानून बनाया था, एक निश्चित तारीख से ही लागू किया गया था.
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गौरतलब है कि इससे पहले प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने भी चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के 'हम दो हमारा एक' से जुड़े बयान का समर्थन कर राजस्थान में इससे जुड़ा कानून बनाए जाने की वकालत की थी. हालांकि भाजपा से ही आने वाले वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी ने इसका विरोध किया था और जयपुर में पत्रकारों को दिए बयान में देवनानी ने कहा था कि भारत में हम दो हमारे दो का फार्मूला ही सही है, हम दो हमारा एक का फार्मूला भारत की संस्कृति के अनुकूल नहीं है और न ही हमारे परिवार की व्यवस्था के अनुकूल इसलिए कम से कम 2 बच्चे परिवार में होना ही चाहिए.