जयपुर. केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में किसान संगठनों का मंगलवार को भारत बंद का आह्वान है. इससे ठीक पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने राजनीतिक दलों पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जो संसद में इन केंद्रीय कृषि विधायकों का समर्थन कर रहे थे, वह अब इसके विरोध में हो रहे भारत बंद का भी समर्थन कर रहे हैं. कटारिया ने ऐसे राजनीतिक दलों को दोगली राजनीति करने वाली पार्टियां करार दिया.
भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि साल 2005 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जो भाषण दिया था, उसी भावना के अनुरूप नए केंद्रीय कृषि कानून बनाए गए हैं. वहीं, पंजाब कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी इन सब कानून की घोषणा की गई थी.
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कटारिया के अनुसार, नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद जब नीति आयोग की बैठक हुई थी. उसमें भी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग की बैठक में ऐसे ही कानून की आवश्यकता जताई थी और यूपीए सरकार में तो यह कानून लागू करने का प्रयास भी किया गया था. कटारिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने तो प्रकाष्ठा ही कर दी. दिल्ली सरकार ने 23 नवंबर को कानून के समर्थन में नोटिफिकेशन जारी कर दिया और अब भारत बंद का समर्थन भी कर रही है.
अकाली दल ने भी सदन में समर्थन किया था, लेकिन अब भारत बंद के समर्थन में है. कटारिया के अनुसार एमएसपी पर बढ़ी हुई दरों में सभी राज्यों में फसलों की खरीद हो रही है. लेकिन, राजस्थान में नहीं हो पा रही है. राजस्थान में किसान परेशान है. क्योंकि, इसके पीछे राजस्थान सरकार की बड़ी लापरवाही है. कटारिया ने कहा केंद्र की हमारी सरकार तो एमएसपी पर खरीद कर रही है और वह भी पिछली केंद्र सरकारों की तुलना में कहीं ज्यादा.
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पत्रकारों से मुखातिब होते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यदि केंद्रीय कानून सही ढंग से लागू किया गया तो आने वाला समय स्वर्णिम काल होगा. क्योंकि, पहली बार किसान को अपनी फसल की कीमत तय करने का अधिकार मिला है. लेकिन, जिस प्रकार कांटेक्ट फार्मिंग को लेकर विपक्षी दलों द्वारा फैलाया जा रहा है. वह गलत है कटारिया ने कहा स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में भी कांटेक्ट फार्मिंग का जिक्र किया गया था.