जयपुर. सीएम गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कहा कि लोग इस पवित्र स्थल पर यह देखने के लिए आते हैं कि कैसे गांधी जी ने एक साधारण जीवन जिया और फिर भी समाज के हर वर्ग को लेकर एक विशाल स्वतंत्रता आंदोलन चलाया. खासकर ऐसे समय में जब समाज बेहद विभाजित था.
उन्होंने अपने बहुमूल्य जीवन के 13 वर्ष आश्रम में बिताए हैं. साबरमती आश्रम अपने सद्भाव और बंधुत्व के विचारों के लिए जाना जाता है. देश-विदेश के लोग यहां कोई भी विश्वस्तरीय इमारत नहीं देखना चाहते. आगंतुक इस जगह की सादगी और आदर्शों की प्रशंसा करते हैं, इसलिए इसे आश्रम कहा जाता है. संग्रहालय कहलाने की जगह नहीं.
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आश्रम की गरिमा और गरिमा को नष्ट करना हमारे राष्ट्रपिता का अपमान है. ऐसा लगता है कि गांधीजी से जुड़ी हर चीज को बदलने के राजनीतिक मकसद से यह फैसला लिया गया है. ऐसी कोई भी कार्रवाई इतिहास में घट जाएगी और आने वाली पीढ़ियां उन लोगों को माफ नहीं करेंगी, जिन्होंने हमारी समृद्ध विरासत, संस्कृति और परंपराओं को नष्ट करने की कोशिश की. सीएम गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को इस तरह के निर्णय पर हस्तक्षेप करना चाहिए और निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए और ऐतिहासिक आश्रम की रक्षा करनी चाहिए.