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Greater Nagar nigam Jaipur: किराए की मशीनों से काम चला रहा निगम, 2 साल में 5 रोड स्वीपर मशीन की लागत जितना करेगा खर्च - jaipur hindi news

राजधानी में नगर निगम (Greater Nagar nigam Jaipur) रोड स्वीपर मशीनों को अगले दो सालों के लिए किराए पर लेने के लिए 9.84 करोड़ रुपए खर्च करने जा रहा है. जिसमें एक मशीन का किराया 4.92 करोड़ (fund for road sweeping machine in jaipur) है. ऐसे में समिति ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए वित्तीय सलाहकार को पत्र भी लिखा है. लेकिन सदस्यों के विरोध के बावजूद प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई है.

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जयपुर में रोड स्वीपिंग मशीन से सफाई
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Published : Mar 20, 2022, 10:20 AM IST

जयपुर. शहर को स्मार्ट बनाने की तर्ज पर साल 2017 में मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग की शुरुआत की गई थी. उस समय रोड स्वीपर मशीनें किराए पर लिए गए थे. सकारात्मक परिणाम सामने आने के बाद हेरीटेज नगर निगम ने तो एक रोड स्वीपर मशीन खरीद ली, लेकिन ग्रेटर नगर निगम (Greater Nagar nigam Jaipur) अभी भी किराए की मशीनों से ही काम चला रहा है. वहीं बीते दिनों ग्रेटर निगम की वित्त समिति एक प्रस्ताव लाई थी जिसके मुताबिक रोड स्वीपिंग मशीन के नए टेंडर कर 2 साल में 2 मशीन पर 9.84 करोड रुपए खर्च करने (fund for road sweeping machine in jaipur) की इबारत लिखी गई.

प्रस्ताव के विरोध में उतरे थे सदस्य: इस प्रस्ताव को लेकर समिति के ही सदस्य विरोध पर उतर गए थे. वित्त समिति की सदस्य मीनाक्षी शर्मा, अक्षत खुटेटा, भंवर मालाकर, लक्ष्मण नूनीवाल, बाबूलाल शर्मा और राम बाबू रावत ने इस टेंडर को लेकर आपत्ति जताई, और प्रस्ताव पर मंजूरी देने से भी मना किया था. साथ ही समिति ने रोड स्वीपिंग मशीन किराए पर लेने की बजाए, उसे खरीदने पर सहमति जताई. हालांकि वित्त समिति ने सदस्यों के विरोध के बावजूद प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी. इस पर समिति सदस्यों ने धांधली का आरोप लगाते हुए वित्तीय सलाहकार को पत्र भी लिखा है.

पढ़ें-सरकारी संस्थानों पर है बड़ी रकम बकाया, कर लें वसूली तो भर जाए निगमों का खजाना

5 रोड स्वापर मशीन की लागत जितना खर्च: निगम अगले दो सालों के लिए किराए के रोड स्वीपर मशीन पर 9.84 करोड़ रुपए खर्च करने जा रहा है. समिति ने इस बात का विरोध करते हुए नए मशीन खरीदने पर सहमती जताई और कहा कि 2 साल में जितनी राशी खर्च की जा रही है, उतने में 5 मशीनें खरीदी जा सकती हैं. विरोध के बावजूद भी टेंडर अब तक रोका नहीं गया है. 9.84 करोड़ रुपए खर्च कर मैसर्स प्राइम रोड सॉल्यूशन रोड स्वीपिंग का काम करेगी. इससे ग्रेटर नगर निगम के राजस्व पर अतिरिक्त भार भी पड़ेगा.

जयपुर. शहर को स्मार्ट बनाने की तर्ज पर साल 2017 में मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग की शुरुआत की गई थी. उस समय रोड स्वीपर मशीनें किराए पर लिए गए थे. सकारात्मक परिणाम सामने आने के बाद हेरीटेज नगर निगम ने तो एक रोड स्वीपर मशीन खरीद ली, लेकिन ग्रेटर नगर निगम (Greater Nagar nigam Jaipur) अभी भी किराए की मशीनों से ही काम चला रहा है. वहीं बीते दिनों ग्रेटर निगम की वित्त समिति एक प्रस्ताव लाई थी जिसके मुताबिक रोड स्वीपिंग मशीन के नए टेंडर कर 2 साल में 2 मशीन पर 9.84 करोड रुपए खर्च करने (fund for road sweeping machine in jaipur) की इबारत लिखी गई.

प्रस्ताव के विरोध में उतरे थे सदस्य: इस प्रस्ताव को लेकर समिति के ही सदस्य विरोध पर उतर गए थे. वित्त समिति की सदस्य मीनाक्षी शर्मा, अक्षत खुटेटा, भंवर मालाकर, लक्ष्मण नूनीवाल, बाबूलाल शर्मा और राम बाबू रावत ने इस टेंडर को लेकर आपत्ति जताई, और प्रस्ताव पर मंजूरी देने से भी मना किया था. साथ ही समिति ने रोड स्वीपिंग मशीन किराए पर लेने की बजाए, उसे खरीदने पर सहमति जताई. हालांकि वित्त समिति ने सदस्यों के विरोध के बावजूद प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी. इस पर समिति सदस्यों ने धांधली का आरोप लगाते हुए वित्तीय सलाहकार को पत्र भी लिखा है.

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5 रोड स्वापर मशीन की लागत जितना खर्च: निगम अगले दो सालों के लिए किराए के रोड स्वीपर मशीन पर 9.84 करोड़ रुपए खर्च करने जा रहा है. समिति ने इस बात का विरोध करते हुए नए मशीन खरीदने पर सहमती जताई और कहा कि 2 साल में जितनी राशी खर्च की जा रही है, उतने में 5 मशीनें खरीदी जा सकती हैं. विरोध के बावजूद भी टेंडर अब तक रोका नहीं गया है. 9.84 करोड़ रुपए खर्च कर मैसर्स प्राइम रोड सॉल्यूशन रोड स्वीपिंग का काम करेगी. इससे ग्रेटर नगर निगम के राजस्व पर अतिरिक्त भार भी पड़ेगा.

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