अलवर: सरिस्का टाइगर रिजर्व में देसी-विदेशी पर्यटकों के साथ ही जल्द ही अब नौनिहाल भी वन्यजीवों के बारे में जान सकेंगे. इसके लिए स्कूल के नौनिहालों को सरिस्का टाइगर रिजर्व के जंगलों में वन विभाग की ओर से भ्रमण कराया जाएगा. इसके लिए पहले ही आदेश जारी किए जा चुके हैं. सरिस्का प्रशासन आगामी 15 जनवरी से स्कूल के बच्चों को सरिस्का टाइगर रिजर्व में भ्रमण कराया जाएगा. हालांकि सरिस्का टाइगर रिजर्व में वन्यजीव सप्ताह के दौरान पहले भी आसपास के स्कूली बच्चों को भ्रमण कराया जाता रहा है.
देश-विदेश में ख्याति पा चुके टाइगर रिजर्व सरिस्का में इन दिनों पर्यटकों का फ्लो अच्छा है, जिसके चलते आगामी कुछ समय तक सफारी की बुकिंग फुल चल रही है. सरिस्का के सीसीएफ संग्राम सिंह ने बताया कि अभी सफारी के लिए जिप्सी व कैंटर की बुकिंग फुल चल रही है. टाइगर की बढ़ती साइटिंग के चलते सरिस्का में इस साल पर्यटकों का अच्छा फ्लो है. वन विभाग की ओर से वन क्षेत्र में स्कूली बच्चों के भ्रमण को लेकर भी योजना बनाई जा रही है. उन्होंने बताया कि 15 जनवरी के बाद सरिस्का में स्कूली बच्चों को भ्रमण के लिए कैंटर देने पर विचार किया जा रहा है. जिससे कि आसपास की स्कूल ही बच्चे वन क्षेत्र में भ्रमण कर विभिन्न तरह की जानकारी पा सकेंगे.
निशुल्क भ्रमण की योजना: स्कूली छात्र-छात्राओं में वन एवं पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने के लिए प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों के छात्रों को बाघ परियोजना एवं संरक्षित क्षेत्र में निशुल्क भ्रमण के लिए राज्य सरकार पहले ही आदेश जारी कर चुकी है. सरिस्का प्रशासन की ओर से भी जल्द ही आसपास के स्कूली बच्चों को भ्रमण कराया जाएगा.
छात्रों को करवाया जाएगा निशुल्क भ्रमण: वैसे तो सरिस्का टाइगर रिजर्व में सफारी के लिए पर्यटकों से हजारों रुपए की राशि ली जाती है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देशों में स्कूली छात्रों को निशुल्क भ्रमण करने की सुविधा दी गई है. जिससे बड़ी संख्या में यहां छात्र भ्रमण कर वन एवं पर्यावरण क्षेत्र के बारे में जानकारी ले सकें.
वन्यजीव सप्ताह के दौरान भी करते हैं स्कूली छात्र भ्रमण: सरिस्का प्रशासन की ओर से हर साल वन्यजीव सप्ताह का आयोजन किया जाता है. इसके अंतर्गत स्कूली बच्चों की विभिन्न तरह की प्रतियोगिता आयोजित कराई जाती है. साथ ही आसपास क्षेत्र के स्कूली बच्चों को सरिस्का में निशुल्क भ्रमण कराया जाता है. इस दौरान स्कूली बच्चों को वन क्षेत्र, वन्य जीव के बारे में जानकारी भी दी जाती है.