जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने जनजाति क्षेत्र के जिलों के कलेक्टर से संवाद करने के बाद संतोष जताया कि लोगों की मदद के प्रयास सराहनीय हैं. शासकीय और स्वयंसेवी संस्थाओं का आपसी सामजंस्य भी ठीक है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि जनजाति क्षेत्रों में लॉकडाउन का प्रभावी तरीके से पालना कराया जाना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी से बचाव के लिए जनजाति क्षेत्र के लोगों को निरन्तर जागरूक करना जरूरी है.
राज्यपाल ने कहा कि ट्राइबल क्षेत्र में लोग रोज कमाने और रोज खाने की पद्वति पर अपनी आजीविका का संधारण करते हैं. मिश्र ने कहा कि जनजाति क्षेत्र में चल रहे छोटे-छोटे उद्योगों के संचालन के लिए श्रमिकों को आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने में शासन का सहयोग अपेक्षित है. राज्यपाल ने मंगलवार को यहां राजभवन से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आदिवासी क्षेत्र के जिला कलक्टर्स से कोविड वायरस को बरती जा रही सावधानियों पर चर्चा की. उन्होंने जनजाति क्षेत्र के लोगों के कष्टों के निवारण हेतु दस बिन्दुओं पर बात की.
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राज्यपाल मिश्र ने उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाडा, प्रतापगढ, सिरोही, राजसमन्द और बांरा के जिला कलक्टर से चर्चा की. साथ ही जनजाति क्षेत्रीय विकास आयुक्त, उदयपुर के संभागीय आयुक्त, एल पी जी और एस एच जी एस की स्टेट मिथन डायरेक्टर से भी आदिवासी क्षेत्र में चल रही योजनाओं और उनकी क्रियान्विती के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी ली. वीडियो कान्फ्रेन्स की शुरूआत राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार ने की. कॉन्फ्रेंस में राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल और जनजाति विकास प्रकोष्ठ निदेशक कविता सिंह भी मौजूद रहीं.
राज्यपाल ने दस बिन्दुओं पर ली जानकारी
कोविड-19 से निपटने के लिए एहतियाती उपाय, नवाचार, प्रवासी मजदूरों की व्यवस्था, दिहाडी मजदूरों की व्यवस्था, डी.बी.टी. के जरिये भुगतान होने वाली योजनाओं के क्रियान्वयन, आनलाइन अध्यापन, कृषि उपजों के विक्रय, नरेगा के तहत मजदूरों के लिए कार्य, कोविड-19 के प्रकोप से बचाव हेतु प्रयास, स्वच्छता सम्बन्धी कार्य और नये सुझावों, के बारे में राज्यपाल ने जानकारी मांगी.
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लोगों को निरन्तर जागरूक करें
राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान का जनजाति क्षेत्र अत्यंत पिछड़ा है. लॉकडाउन जैसी विषम परिस्थितियों में जनजाति मूल के लोगों को निरन्तर जागरूक करने की आवश्यकता है. जनजाति क्षेत्रों में कोविड-19 के कम प्रसार पर राज्यपाल ने संतोष जताया. राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 के कम प्रसार से अधिकारियों को निश्चिंत होकर नहीं बैठना है बल्कि अधिक सतर्कता से लोगों को जागरूक करने के लिए जुटे रहना है. राज्यपाल ने कहा कि समाज के अंतिम छोर पर बैठे जनजाति लोगों को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर से उनके खाते में योजनाओं की राशि पहुंचाये. जिससे उन्हें राहत मिल सके.
किसान की उपज की विक्रय की व्यवस्था करें.
राज्यपाल ने कहा कि किसान अन्न उत्पादक है. यह समय फसल का है. फसल कटाई की मशीनों को नहीं रोका जाये. साथ ही किसानों की उपजों के विक्रय की समुचित व्यवस्था भी की जावे. वहीं राज्यपाल ने कहा कि जनजाति छात्रों को के ऑनलाइन मोड पर लेने की पहल करें और यह सुनिश्चित करें कि विद्यार्थी शिक्षण व्यवस्था से जुडे़ हुए है. राज्यपाल ने छात्रों को छात्रवृति की राशि भी तुरन्त दिये जाने के लिए कहा.
कोविड-19 एक महायुद्ध है
राज्यपाल ने कहा कि नवाचारों से सभी को नई समझ और सीख मिलेगी. उन्होंने कहा कि यह एक महायुद्ध है. इसमें हम सभी को अपने मन, वचन व कार्य से समर्पित होकर गरीब को गणेश मानकर सेवा करनी चाहिए. राज्यपाल ने विश्वास जताते हुए कहा कि इस कठिन परीक्षा में कोविड-19 से लड रहे सभी लोग प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होंगे. राज्यपाल मिश्र ने इस मौके पर सिविल सेवा दिवस पर अधिकारियों को शुभकामनाएं भी दी.
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जनजाति क्षेत्रों की छोटी-छोटी समस्याओं की समीक्षा की
राज्यपाल ने जिला अधिकारियों से मगरों में रहने वाले जनजातीय लोगों के लिए की गई व्यवस्थाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं के योगदान, मास्क और सेनेटाइजर्स की व्यवस्था, लॉकडाउन में जनप्रतिनिधियों के सहयोग, रेडक्रास सोसायटी की भूमिका, ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था, छोटे उद्योगों की स्थिति, किसान सम्मान निधि, छात्रवृति, लॉकडाउन की पालना में लोगों के व्यवहार और उदयपुर के विश्वविद्यालय परिसर में आए पैंथर के बारे में विस्तार से जानकारी ली.
संबंधित अधिकारियों ने दिए जवाब
राज्यपाल को जनजाति क्षेत्र विकास आयुक्त शिवांगी स्वर्णकार ने बताया कि पच्चीस जनजाति छात्रावासों को आइसोलेशन सेन्टर बना दिया है, जिनमें दो हजार लोग रह रहे हैं. जनजाति क्षेत्र के तीन हजार बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा से जोडा गया है. उदयपुर संभागीय आयुक्त विकास भाले ने बताया कि संभाग में किसानों को मिलने वाली सहायता राशि पहुंच गई है. उदयपुर जिला कलक्टर आनन्दी ने बताया कि जिले में स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से राशन सामग्री वितरित की जा रही है. बांसवाडा कलक्टर कैलाश बैरवा ने बताया कि गिरदावरी को ऑन लाइन और किचन गार्डन विकसित किये जा रहे हैं.
राज्यपाल को डूंगरपुर के कलक्टर कानाराम ने बताया कि ऐसे गांव और ढाणियां जहां दो किलोमीटर के क्षेत्र में किराने की दुकान नहीं है, वहां उपभोक्ता भण्डार के द्वारा बिना लाभ-हानि के सामग्री का वितरण कराया जा रहा है. प्रतापगढ़ कलक्टर अनुपमा जोरवाल ने बताया कि जिले में दो व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव थे, वे भी अब नेगेटिव हो गये हैं. सिरोही कलेक्टर भगवती प्रसाद ने बताया कि जिले से अन्य जिलों के मजदूरों को भिजवा दिया है. लेकिन अन्य प्रदेशों के 178 मजदूर अभी जिले में ही रह रहे हैं.
राजसमंद जिले के कलक्टर अरविन्द ने राज्यपाल मिश्र को बताया कि विधायक कोष से कोविड-19 से लडने में बहुत मदद मिल रही है. बांरा के जिला कलक्टर इंद्र सिंह राव ने बताया कि जिले में एक भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव नहीं है.
समर्पण से कार्य कर संक्रमण को करें समाप्त-राज्यपाल
मिश्र ने कहा कि वे आश्वस्त हो गए हैं कि आदिवासी क्षेत्रों के लोगों के लिए शासकीय दल सुचारू रूप से काम कर रहे है. राज्यपाल ने कहा कि सभी अधिकारी भावनात्मक रूप से जुडकर मानव सेवा के कार्य में लगे रहे. समर्पण भाव से कार्य करके हमें संक्रमण के स्त्रोत को ही समाप्त करना होगा.