जयपुर. सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए व्यक्ति या फिर अन्य किसी बीमारी के चलते क्रिटिकल पेशेंट को आगर अस्पताल तक पहुंचने में देर हो जाए तो फिर उनकी जान बचा पाना काफी मुश्किल हो जाता है. राजधानी में ऐसे अनेक प्रकरण सामने आते हैं जिसमें अस्पताल देरी से पहुंचने के चलते मरीज की रास्ते में ही इलाज ना मिलने के अभाव में मौत हो जाती है.
जिसे देखते हुए जयपुर पुलिस की ओर से क्रिटिकल पेशेंट को ग्रीन कॉरिडोर उपलब्ध कराकर अस्पताल तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की जा रही है. क्रिटिकल पेशेंट को ग्रीन कॉरिडोर उपलब्ध कराने के लिए जयपुर पुलिस की ओर से गोल्डन ऑवर ऐप का निर्माण किया जा रहा है. ऐप के टेंडर की प्रक्रिया को लेकर रविवार को पुलिस कमिश्नरेट में आला अधिकारियों की तरफ से विभिन्न ऐप डेवलपर्स के साथ महत्वपूर्ण बैठक की गई.
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एडिशनल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर राहुल प्रकाश ने बताया कि गोल्डन आवर ऐप को लेकर डीसीपी ट्रैफिक की तरफ से प्रस्ताव आया था. प्रस्ताव को आला अधिकारी की तरफ से संबंधित विभाग में भेजा गया. जिसके बाद रोड सेफ्टी फंड से ऐप के लिए बजट पारित किया गया. ऐप के टेंडर की प्रक्रिया को लेकर डीसीपी ट्रैफिक और ट्रैफिक के अन्य अधिकारियों और विभिन्न ऐप डेवलपर्स के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की गई है. बैठक के बाद ऐप को लेकर टेंडर जारी किया जाएगा और 3 से 4 माह में ऐप बनकर आमजन के उपयोग के लिए तैयार हो जाएगा.
ऐसे काम करेगी गोल्डन आवर ऐप...
गोल्डन आवर ऐप को लॉन्च करने के बाद राजधानी की तमाम सरकारी और गैर सरकारी एंबुलेंस को इस ऐप में रजिस्टर्ड किया जाएगा. जैसे ही कोई भी एंबुलेंस में किसी क्रिटिकल पेशेंट को अस्पताल तक ले जाया जाएगा तो उसके चालक की ओर से ऐप पर पुश बटन के जरिए ग्रीन कॉरिडोर की मांग की जाएगी. एंबुलेंस चालक की ओर से पुश बटन दबाते ही जयपुर ट्रैफिक कंट्रोल रूम में बड़ी स्क्रीन पर जयपुर के नक्शे पर जहां भी वह एंबुलेंस होगी उसका एक पॉप अप शो होगा.
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जिस पर तुरंत जयपुर ट्रैफिक कंट्रोल रूम की ओर से उस एंबुलेंस को ग्रीन कॉरिडोर उपलब्ध करवाया जाएगा और जिस अस्पताल तक उस मरीज को ले जाया जाना है वहां तक सड़क पर ट्रैफिक को पूरी तरह से क्लियर रखा जाएगा. ऐसा करके क्रिटिकल पेशेंट को जल्द से जल्द अस्पताल तक पहुंचाने में मदद मिलेगी और मरीज को जल्द इलाज मिल पाएगा. इस ऐप का फायदा जयपुर के अलावा जयपुर के आसपास के जिलों के क्रिटिकल मरीजों को भी मिल सकेगा.