जयपुर. पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट में खारिज होने के बाद पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह यादव को सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. गहलोत सरकार ने डीजीपी भूपेंद्र सिंह की नियुक्ति के लिए अगले 2 साल तय कर दिए हैं.
कार्मिक विभाग ने आईपीएस प्रकाश सिंह, भारतीय संघ और अन्य के आधार पर ये नियुक्ति आदेश जारी किए हैं. जिसमें 3 जुलाई 2018 को आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया था कि डीजीपी की नियुक्ति कम से कम 2 साल के लिए की जानी चाहिए. आईपीएस भूपेंद्र सिंह अब 30 जून 2021 तक राजस्थान के डीजीपी रहेंगे. इससे पूर्व वे दिसंबर 2019 में रिटायर हो रहे थे. ऐसे में भूपेंद्र सिंह यादव पहले ऐसे डीजीपी बन गए हैं जिनका 2 वर्ष तक कार्यकाल तय किया गया है.
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बता दें कि 1 जुलाई 2019 से 2 साल के लिए यह कार्यकाल माना जाएगा. 30 जून 2019 को भूपेंद्र सिंह को डीजीपी बनाया था. इससे अब प्रदेश के करीब पांच आईपीएस जो भूपेंद्र सिंह के रिटायर्डमेन्ट के बाद डीजीपी की दौड़ में आगे थे वो डीजीपी नहीं बन पाएंगे. जिनमें आईपीएस रविन्द्र कुमार रेड्डी, आलोक त्रिपाठी, राजीव कुमार दासोत, मोहन लाल लाठर और अक्षय कुमार मिश्रा का नाम शामिल है. हालांकि, मिश्रा राजस्थान से बाहर डेपुटेशन पर हैं, लेकिन भूपेंद्र सिंह का दो साल का कार्यकाल तय होने के साथ इन पांच आईपीएस को नुकसान है जो डीजीपी की रेस में सबसे आगे थे. क्योंकि जब तक भूपेंद्र सिंह का कार्यकाल समाप्त होगा इन सबका रिटायर्डमेन्ट हो चुका होगा या फिर रिटायर्डमेन्ट की तारीख नजदीक होगी.
हम आप को बता दें कि राजस्थान हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता पीसी जैन ने भूपेंद्र सिंह यादव की नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट की खण्डपीठ ने खारिज कर दिया था. जिसके बाद सरकार मंगलवार को ये आदेश जारी किए.