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छात्रसंघ चुनाव नतीजों से सरकार को झटका, गहलोत और पायलट समेत 14 दिग्गजों के गढ़ में NSUI हारी

राजस्थान के 14 विश्वविद्यालयों के छात्रसंघ चुनाव नतीजे सामने आ गए हैं. इन नतीजों ने प्रदेश की गहलोत सरकार की नींद उड़ा दी है. छात्र संगठन एनएसयूआई को राजस्थान के 14 विश्वविद्यालयों में से एक भी विश्वविद्यालय में जीत नहीं मिल सकी है. हालात यह रहे हैं कि सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा समेत 14 दिग्गज भी जीत नहीं दिला सके.

छात्रसंघ चुनाव नतीजों से गहलोत सरकार को झटका
छात्रसंघ चुनाव नतीजों से गहलोत सरकार को झटका
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Published : Aug 27, 2022, 8:53 PM IST

Updated : Aug 27, 2022, 8:59 PM IST

जयपुर. राजस्थान के सभी 14 विश्वविद्यालयों के चुनाव नतीजे आ चुके हैं. इन चुनाव नतीजों से सत्ताधारी दल कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. छात्र संगठन एनएसयूआई को राजस्थान के 14 विश्वविद्यालयों (NSUI lost election in 14 universities) में से एक भी विश्वविद्यालय में जीत नहीं मिल सकी है. हालात यह है कि ना तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में एनएसयूआई को जीत मिली और ना ही पीसीसी चीफ डोटासरा के गृह जिले सीकर में.

साथ ही सचिन पायलट के अजमेर और टोंक में भी एनएसयूआई को जीत हासिल नहीं (NSUI lost student union election) हुई. जिन 14 यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई चुनाव हारी है. वहां से सरकार के 16 मंत्री आते हैं. जिन में से 14 दिग्गजों का तो उन यूनिवर्सिटी और कॉलेज से संबंध है.

छात्रसंघ चुनाव नतीजों से गहलोत सरकार को झटका
धारीवाल और विश्वेंद्र सिंह

पढ़ें.सचिन पायलट को आदर्श मानते हैं RU के नए अध्यक्ष निर्मल चौधरी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जेएनवीयू के पूर्व विद्यार्थी भी हैं. वहीं सीकर के एसके कॉलेज में गोविंद डोटासरा ने पढ़ाई की है. इसी तरह से राजस्थान विश्वविद्यालय में मंत्री महेश जोशी और प्रताप सिंह अध्यक्ष रह चुके हैं. भरतपुर के महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय खुद विश्वेंद्र सिंह के पूर्वजों के नाम से है. ऐसे में इन सभी यूनिवर्सिटी से ज्यादातर मंत्रियों का जुड़ाव भी है. सत्ताधारी दल का विश्वविद्यालय के चुनाव में कितना इंटरफेयर होता है, यह किसी से छिपा नहीं है. इसके बावजूद भी सत्ताधारी दल के छात्र संगठन एनएसयूआई को हार मिलना अपने आप में बड़े सवाल खड़े करता है.

पढ़ें.पढ़ें. राजस्थान यूनिवर्सिटी में ट्रेंड बरकरार, निर्दलीय निर्मल चौधरी जीते

किस बड़े नेता के क्षेत्र में हारी एनएसयूआई

अशोक गहलोत और वैभव गहलोतः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और जोधपुर से सांसद प्रत्याशी वैभव गहलोत के गृह जिले जोधपुर में दोनों विश्वविद्यालय जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय और एमबीएम यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई को हार का सामना करना पड़ा. जिस जेएनवीयू में कभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पढ़ाई की थी, उसमें एसएफआई के अरविंद सिंह भाटी और एमबीएम से निर्दलीय चंद्रांशु खीरीया ने चुनाव जीता.

छात्रसंघ चुनाव नतीजों से गहलोत सरकार को झटका
महेंद्रजीत सिंह मालवीय और महेश जोशी

पढ़ें. कोटा के गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज में ABVP के मनीष सामरिया बने अध्यक्ष

पढ़ें. महारानी कॉलेज से मानसी वर्मा जीतीं, जीत के बाद कही ये बात

गोविंद सिंह डोटासराः राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के गृह जिले सीकर में शेखावाटी विश्वविद्यालय और जिस एसके कॉलेज डोटासरा ने पढ़ाई की वहां एनएसयूआई की हार हुई. शेखावटी विश्वविद्यालय से एसएफआई के विजेंद्र कुमार ढाका और एस के कॉलेज से भी एसएफआई का ही पैनल जीता है.

पढ़ें. उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय पर ABVP का कब्जा

सचिन पायलटः सचिन पायलट की परंपरागत लोक सभा सीट अजमेर को माना जाता है. अजमेर की महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी से एबीवीपी के महिपाल गोदारा चुनाव जीते हैं. वहीं जिस टोंक विधानसभा से सचिन पायलट अभी विधायक हैं, वहां गवर्नमेंट पीजी कॉलेज टोंक में भी एबीवीपी ने जीत दर्ज की है.

विश्वेंद्र सिंहः राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के भरतपुर से महाराजा सूरजमल बृज यूनिवर्सिटी में भी एबीवीपी के हितेश फौजदार चुनाव जीते हैं.

पढ़ें. सीकर गर्ल्स कॉलेज में SFI की राजकुमारी जाखड़ बनीं अध्यक्ष

महेंद्रजीत सिंह मालवीयः मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय के गृह जिले बांसवाड़ा से गोविंद गुरु जनजाति यूनिवर्सिटी बांसवाड़ा में एबीवीपी ने जीत दर्ज की है. बांसवाड़ा जिले के 9 कॉलेज में से 5 में भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा ने जीत हासिल की है. जबकि दो कालेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं दो अन्य कालेज में एसटी-एससी-एनएसयूआई गठबंधन ने जीत हासिल की है.

शांति धारीवालः गहलोत सरकार में कद्दावर मंत्री माने जाने वाले शांति धारीवाल के गृह जिले कोटा की कोटा यूनिवर्सिटी में निर्दलीय ने बाजी मारी है.

शकुंतला रावत और टीकाराम जूलीः कैबिनेट मंत्री शकुंतला रावत और टीकाराम जूली के गृह जिले अलवर में आने वाली राज ऋषि भर्तहरी मत्स्य यूनिवर्सिटी अलवर में भी निर्दलीय ने चुनाव जीता है. अलवर जिले के सबसे बड़े कॉलेज बाबू शोभाराम कला महाविद्यालय से एसएफआई ने मारी.

पढ़ें. भरतपुर के एमएसजे कॉलेज में ABVP का पैनल जीता

बीडी कल्ला और भंवर सिंह भाटीः प्रदेश सरकार में मंत्री बीडी कल्ला और भंवर सिंह भाटी के गृह जिले बीकानेर में महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी में एबीवीपी ने जीत दर्ज की है. वहीं बीकानेर वेटरनरी यूनिवर्सिटी से भी निर्दलीय ने बाजी मारी है.

डूंगर कॉलेज में मिली राहतः बीकानेर जिले की दोनों यूनिवर्सिटी में चुनाव गंवाने वाली एनएसयूआई को हालांकि बीकानेर के सबसे बड़े डूंगर कॉलेज में जीत के तौर पर राहत के छींटे मिले हैं.

राजधानी जयपुर में वैसे तो मंत्री महेश जोशी, प्रताप सिंह, लालचंद कटारिया और राजेंद्र यादव मंत्री हैं. लेकिन राजस्थान की सबसे प्रतिष्ठित राजस्थान यूनिवर्सिटी में निर्दलीय ने चुनाव जीता है. वहीं राजस्थान संस्कृत यूनिवर्सिटी और हरदेव जोशी यूनिवर्सिटी में भी निर्दलीयों ने ही बाजी मारी है.

जयपुर. राजस्थान के सभी 14 विश्वविद्यालयों के चुनाव नतीजे आ चुके हैं. इन चुनाव नतीजों से सत्ताधारी दल कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. छात्र संगठन एनएसयूआई को राजस्थान के 14 विश्वविद्यालयों (NSUI lost election in 14 universities) में से एक भी विश्वविद्यालय में जीत नहीं मिल सकी है. हालात यह है कि ना तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में एनएसयूआई को जीत मिली और ना ही पीसीसी चीफ डोटासरा के गृह जिले सीकर में.

साथ ही सचिन पायलट के अजमेर और टोंक में भी एनएसयूआई को जीत हासिल नहीं (NSUI lost student union election) हुई. जिन 14 यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई चुनाव हारी है. वहां से सरकार के 16 मंत्री आते हैं. जिन में से 14 दिग्गजों का तो उन यूनिवर्सिटी और कॉलेज से संबंध है.

छात्रसंघ चुनाव नतीजों से गहलोत सरकार को झटका
धारीवाल और विश्वेंद्र सिंह

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जेएनवीयू के पूर्व विद्यार्थी भी हैं. वहीं सीकर के एसके कॉलेज में गोविंद डोटासरा ने पढ़ाई की है. इसी तरह से राजस्थान विश्वविद्यालय में मंत्री महेश जोशी और प्रताप सिंह अध्यक्ष रह चुके हैं. भरतपुर के महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय खुद विश्वेंद्र सिंह के पूर्वजों के नाम से है. ऐसे में इन सभी यूनिवर्सिटी से ज्यादातर मंत्रियों का जुड़ाव भी है. सत्ताधारी दल का विश्वविद्यालय के चुनाव में कितना इंटरफेयर होता है, यह किसी से छिपा नहीं है. इसके बावजूद भी सत्ताधारी दल के छात्र संगठन एनएसयूआई को हार मिलना अपने आप में बड़े सवाल खड़े करता है.

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अशोक गहलोत और वैभव गहलोतः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और जोधपुर से सांसद प्रत्याशी वैभव गहलोत के गृह जिले जोधपुर में दोनों विश्वविद्यालय जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय और एमबीएम यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई को हार का सामना करना पड़ा. जिस जेएनवीयू में कभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पढ़ाई की थी, उसमें एसएफआई के अरविंद सिंह भाटी और एमबीएम से निर्दलीय चंद्रांशु खीरीया ने चुनाव जीता.

छात्रसंघ चुनाव नतीजों से गहलोत सरकार को झटका
महेंद्रजीत सिंह मालवीय और महेश जोशी

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गोविंद सिंह डोटासराः राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के गृह जिले सीकर में शेखावाटी विश्वविद्यालय और जिस एसके कॉलेज डोटासरा ने पढ़ाई की वहां एनएसयूआई की हार हुई. शेखावटी विश्वविद्यालय से एसएफआई के विजेंद्र कुमार ढाका और एस के कॉलेज से भी एसएफआई का ही पैनल जीता है.

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सचिन पायलटः सचिन पायलट की परंपरागत लोक सभा सीट अजमेर को माना जाता है. अजमेर की महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी से एबीवीपी के महिपाल गोदारा चुनाव जीते हैं. वहीं जिस टोंक विधानसभा से सचिन पायलट अभी विधायक हैं, वहां गवर्नमेंट पीजी कॉलेज टोंक में भी एबीवीपी ने जीत दर्ज की है.

विश्वेंद्र सिंहः राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के भरतपुर से महाराजा सूरजमल बृज यूनिवर्सिटी में भी एबीवीपी के हितेश फौजदार चुनाव जीते हैं.

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महेंद्रजीत सिंह मालवीयः मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय के गृह जिले बांसवाड़ा से गोविंद गुरु जनजाति यूनिवर्सिटी बांसवाड़ा में एबीवीपी ने जीत दर्ज की है. बांसवाड़ा जिले के 9 कॉलेज में से 5 में भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा ने जीत हासिल की है. जबकि दो कालेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं दो अन्य कालेज में एसटी-एससी-एनएसयूआई गठबंधन ने जीत हासिल की है.

शांति धारीवालः गहलोत सरकार में कद्दावर मंत्री माने जाने वाले शांति धारीवाल के गृह जिले कोटा की कोटा यूनिवर्सिटी में निर्दलीय ने बाजी मारी है.

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डूंगर कॉलेज में मिली राहतः बीकानेर जिले की दोनों यूनिवर्सिटी में चुनाव गंवाने वाली एनएसयूआई को हालांकि बीकानेर के सबसे बड़े डूंगर कॉलेज में जीत के तौर पर राहत के छींटे मिले हैं.

राजधानी जयपुर में वैसे तो मंत्री महेश जोशी, प्रताप सिंह, लालचंद कटारिया और राजेंद्र यादव मंत्री हैं. लेकिन राजस्थान की सबसे प्रतिष्ठित राजस्थान यूनिवर्सिटी में निर्दलीय ने चुनाव जीता है. वहीं राजस्थान संस्कृत यूनिवर्सिटी और हरदेव जोशी यूनिवर्सिटी में भी निर्दलीयों ने ही बाजी मारी है.

Last Updated : Aug 27, 2022, 8:59 PM IST
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