जयपुर. राजस्थान में लोकसभा चुनावों के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस संगठन के कामकाज पर फर्क पड़ता साफ दिखाई दे रहा है. हार के बाद जहां एक और भाजपा ने अपना नया सदस्यता अभियान शुरू कर नए सदस्य बनाना शुरू कर चुकी है. दूसरी ओर अभी तक कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता समझ नहीं पा रहे हैं कि आगे क्या करना है.
हालांकि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के बाद मांस कांटेक्ट अभियान शुरू करने की बात कही थी. जिसे जून के दूसरे सप्ताह में शुरू हो जाना था. लेकिन राहुल गांधी के इस्तीफे देने और नए अध्यक्ष को लेकर पेंच फंसा है. जिसके चलते प्रदेश में संगठन का काम पूरे तरीके से प्रभावित हो गया है. इसे अब कांग्रेसी नेता भी दबी जुबान से स्वीकार कर रहे हैं.
प्रदेश में लोकसभा चुनाव में नतीजे कांग्रेस के लिए खराब रहे हैं. लेकिन आने वाले दिनों में निकाय और पंचायत चुनाव का चैलेंज कांग्रेस के सामने है. अगर इस चुनाव में कांग्रेस कार्यकर्ता निरुत्साहित हो गया तो कांग्रेस के सामने मुसीबत खड़ी हो जाएगी. ऐसे में मंगलवार को आए पंचायत राज उपचुनाव के नतीजों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की है. हालांकि दोनों नेता भी जानते हैं कि जब तक राहुल गांधी के इस्तीफे का मामला पूरी तरीके से सुलझ नहीं जाता है. कांग्रेस कार्यकर्ता को मोटिवेट करना मुश्किल होगा.