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प्रदेश कांग्रेस संगठन के कामकाज प्रभावित, पंचायत उपचुनाव के नतीजों से कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश - कामकाज

कांग्रेस में लोकसभा चुनाव के बाद से ही संगठन का कामकाज पूरी तरीके से प्रभावित नजर आ रहा है. इसी बीच राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से भी प्रदेश में संगठन का काम प्रभावित है. ऐसे में मंगलवार को पंचायत राज उपचुनाव के नतीजों से गहलोत और पायलट ने कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की है.

प्रदेश कांग्रेस संगठन का कामकाज प्रभावित
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Published : Jul 3, 2019, 4:29 PM IST

जयपुर. राजस्थान में लोकसभा चुनावों के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस संगठन के कामकाज पर फर्क पड़ता साफ दिखाई दे रहा है. हार के बाद जहां एक और भाजपा ने अपना नया सदस्यता अभियान शुरू कर नए सदस्य बनाना शुरू कर चुकी है. दूसरी ओर अभी तक कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता समझ नहीं पा रहे हैं कि आगे क्या करना है.

हालांकि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के बाद मांस कांटेक्ट अभियान शुरू करने की बात कही थी. जिसे जून के दूसरे सप्ताह में शुरू हो जाना था. लेकिन राहुल गांधी के इस्तीफे देने और नए अध्यक्ष को लेकर पेंच फंसा है. जिसके चलते प्रदेश में संगठन का काम पूरे तरीके से प्रभावित हो गया है. इसे अब कांग्रेसी नेता भी दबी जुबान से स्वीकार कर रहे हैं.

पंचायत उपचुनाव के नतीजों से कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश

प्रदेश में लोकसभा चुनाव में नतीजे कांग्रेस के लिए खराब रहे हैं. लेकिन आने वाले दिनों में निकाय और पंचायत चुनाव का चैलेंज कांग्रेस के सामने है. अगर इस चुनाव में कांग्रेस कार्यकर्ता निरुत्साहित हो गया तो कांग्रेस के सामने मुसीबत खड़ी हो जाएगी. ऐसे में मंगलवार को आए पंचायत राज उपचुनाव के नतीजों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की है. हालांकि दोनों नेता भी जानते हैं कि जब तक राहुल गांधी के इस्तीफे का मामला पूरी तरीके से सुलझ नहीं जाता है. कांग्रेस कार्यकर्ता को मोटिवेट करना मुश्किल होगा.

जयपुर. राजस्थान में लोकसभा चुनावों के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस संगठन के कामकाज पर फर्क पड़ता साफ दिखाई दे रहा है. हार के बाद जहां एक और भाजपा ने अपना नया सदस्यता अभियान शुरू कर नए सदस्य बनाना शुरू कर चुकी है. दूसरी ओर अभी तक कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता समझ नहीं पा रहे हैं कि आगे क्या करना है.

हालांकि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के बाद मांस कांटेक्ट अभियान शुरू करने की बात कही थी. जिसे जून के दूसरे सप्ताह में शुरू हो जाना था. लेकिन राहुल गांधी के इस्तीफे देने और नए अध्यक्ष को लेकर पेंच फंसा है. जिसके चलते प्रदेश में संगठन का काम पूरे तरीके से प्रभावित हो गया है. इसे अब कांग्रेसी नेता भी दबी जुबान से स्वीकार कर रहे हैं.

पंचायत उपचुनाव के नतीजों से कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश

प्रदेश में लोकसभा चुनाव में नतीजे कांग्रेस के लिए खराब रहे हैं. लेकिन आने वाले दिनों में निकाय और पंचायत चुनाव का चैलेंज कांग्रेस के सामने है. अगर इस चुनाव में कांग्रेस कार्यकर्ता निरुत्साहित हो गया तो कांग्रेस के सामने मुसीबत खड़ी हो जाएगी. ऐसे में मंगलवार को आए पंचायत राज उपचुनाव के नतीजों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की है. हालांकि दोनों नेता भी जानते हैं कि जब तक राहुल गांधी के इस्तीफे का मामला पूरी तरीके से सुलझ नहीं जाता है. कांग्रेस कार्यकर्ता को मोटिवेट करना मुश्किल होगा.

Intro:लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा ने जहां शुरू किया निकाय और पंचायत चुनाव के लिए सदस्यता अभियान तो वही कांग्रेस का कार्यकर्ता निर उत्साहित कांटेक्ट प्रोग्राम भी नहीं हो सका शुरू अब मंगलवार को आए पंचायतों की उपचुनाव से पायलट गहलोत ने की अपने कार्यकर्ताओं मैं जोश भरने की कोशिश


Body:राजस्थान में लोकसभा चुनावों के बाद से ही राजस्थान कांग्रेस संगठन के कामकाज पर फर्क पड़ता हुआ साफ दिखाई दे रहा है लोकसभा चुनाव के बाद जहां एक और भाजपा ने अपना नया सदस्यता अभियान शुरू कर भाजपा के नए सदस्य बनाना शुरु कर चुकी है तो वही दूसरी ओर लोकसभा में मिली करारी हार के बाद अभी कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता ही समझ नहीं पा रहे हैं क्यों नहीं आगे क्या करना है हालांकि कांग्रेस ने ने लोक सभा चुनावों के बाद मांस कांटेक्ट अभियान शुरू करने की बात कही थी जिसे जून के दूसरे सत्ता में ही शुरू हो जा ना था लेकिन अब तक राहुल गांधी के इस्तीफा प्रकरण पटाखे नहीं हुआ है इसके चलते राजस्थान में कोई भी संघात्मक काम भी अभी शुरू नहीं हुआ है लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही कांग्रेसि तू का दिन इस बात पर है कि राहुल गांधी के इस्तीफे का क्या होगा लेकिन हकीकत है कि इसे संगठन का काम पूरे तरीके से प्रभावित हो गया है और इसे अब कांग्रेस के नेता भी इसे दबी जबान से स्वीकार कर रहे हैं
बाइट अर्चना शर्मा उपाध्यक्ष राजस्थान कांग्रेस
बाइट गिराज गर्ग महासचिव राजस्थान कांग्रेस
लोकसभा चुनावों के बाद निकाय और पंचायत कि चुनाव होंगे असली चुनौती टूटे हुए कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने के लिए गहलोत पायलट ने उपचुनाव में मिली जीत से ऊर्जावान करने की की कोशिश
दरअसल प्रदेश में लोक सेवा चुनाव में नतीजे कांग्रेस के लिए खराब रहे हैं लेकिन हकीकत यही नतीजों के बाद जो असली चैलेंज कॉन्ग्रेस के सामने खड़ा हो गया है वह आने वाले समय में निकाय और पंचायत चुनाव जिनमें कॉन्ग्रेस का कार्यकर्ता अगर निरुत्साहित हो गया तो फिर ऐसे में कांग्रेस के सामने मुसीबत खड़ी हो जाएगी ऐसे में मंगलवार को आए पंचायत की उपचुनाव के नतीजों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश सी है हालांकि दोनों नेता भी जानते हैं कि जब तक राहुल गांधी के इस्तीफे का मामला पूरी तरीके से सुलझ नहीं जाता है कांग्रेस कार्यकर्ता को मोटिवेट करना मुश्किल होगा
बाइट सचिन पायलट प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान कांग्रेस और उप मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार



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