जयपुर. कोर्ट ने हत्या का प्रयास करने वाले पूर्व राज्यमंत्री केसावत की जमानत अर्जी (Gopal Kesavat Bail Application Rejected) खारिज कर दी है. अदालत ने कहा कि आरोपी पर गंभीर प्रकृति का आरोप है. इस स्तर पर यह नहीं माना जा सकता कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है. ऐसे में आरोपी को जमानत पर रिहा करना उचित नहीं है.
जमानत अर्जी में कहा गया था कि उसे प्रकरण में झूठा फंसाया गया है. इसके अलावा वह काफी दिनों से जेल में बंद है. यदि वह लंबे समय तक जेल में रहा तो उसके चरित्र व परिवार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. वहीं, यदि उसे जमानत दी गई तो उसके फरार होने का अंदेशा नहीं है. इसके साथ ही वह गवाहों को भी प्रभावित नहीं करेगा. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि आरोपी पर हत्या का प्रयास करने का आरोप है. इसके साथ ही यदि उसे जमानत दी गई तो वह गवाहों को प्रभावित करेगा. इसलिए उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जाए.
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मामले के अनुसार गत 15 सितंबर को ज्ञान सिंह ने अस्पताल में पुलिस को पर्चा बयान दिया था कि बीती रात करीब आठ बजे वह कुंभा मार्ग पर बस के इंतजार में खड़ा था. इतने में गोपाल केसावत और उसका लड़का करीब एक दर्जन लोगों के साथ आया और उसके साथ लाठी और सरियों से मारपीट की. जिसके चलते उसके सिर सहित शरीर पर गंभीर चोटें आईं.
पर्चा बयान पर कार्रवाई करते हुए सांगानेर थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर (Attempted Murder by Former State Minister) आरोपी को गिरफ्तार किया. पुलिस की ओर से आरोपी को पूर्व में अदालत में पेश कर उसे जेल भेजने का प्रार्थना पत्र पेश किया था. इस पर अदालत ने उसे एक अक्टूबर तक जेल भेज दिया था.