जयपुर. परिवहन विभाग में पिछले दिनों हुई एसीबी कार्रवाई के बाद से ही भाजपा लगातार कांग्रेस सरकार को घेर रही है. जहां कार्रवाई के बाद लगातार भाजपा की ओर से कांग्रेस पर आरोप लगाए जा रहे हैं और परिवहन मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की जा रही है. इसी को लेकर मंगलवार को राजधानी के विभिन्न इलाकों में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के पुतले भी फूंके गए.
बता दें की राजधानी की सी स्कीम विधानसभा में मंगलवार को पूर्व मंत्री और पूर्व सी स्कीम विधायक अरुण चतुर्वेदी के नेतृत्व में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का पुतला फूंका गया. इस दौरान बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे. अरुण चतुर्वेदी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि परिवहन विभाग में संगठित रूप से सरकार की मिलीभगत से जो भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. उस पर मैं कह सकता हूं कि राजस्थान में पहली बार सरकार के संरक्षण में इस तरह का भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है.
अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि मैं एसीबी के अधिकारियों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने इस तरह के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि जिस तरह परिवहन मंत्री ने अपराधियों को पूरी तरह से छूट दी और एसीबी के अधिकारियों को धमकी देने का काम किया है. यह प्रश्न चिन्ह लगाता है. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि एसीबी एक स्वतंत्र इकाई के रूप में काम कर रही है और भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहती है, लेकिन परिवहन मंत्री इस भ्रष्टाचार में पूर्ण रूप से लिप्त हैं.
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साथ ही परिवहन मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि सभी लोग जानना चाहते हैं कि परिवहन मंत्री के दलाल जसवंत से क्या संबंध थे. वह 8 तारीख को उसके घर शादी में क्यों गए थे. अरूण चतुर्वेदी ने प्रताप सिंह खाचरियावास पर आरोप लगाते हुए कहा कि जसवंत दलाल की पिछले 1 साल से प्राइवेट बसें चल रही हैं. वह बिना परमिट और बिना टैक्स दिए प्रदेश भर में घूम रही हैं.
साथ ही पूर्व मंत्री ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि 1 साल से सरकार के खजाने में जो पैसे जाना चाहिए थे. उसे आमजन के उपयोग में आना था उसका क्या हुआ. वहीं अरुण चतुर्वेदी ने परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से इस्तीफे की मांग भी की. साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस है. ऐसे में उन्हें परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को बर्खास्त करना होगा.