जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे खत में पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल (Former Mayor Jyoti Khandelwal Complains CM Ashok Gehlot) ने प्रशासनिक अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत के साथ ही दोयम दर्जे की सामग्रियों के प्रयोग का भी जिक्र किया है.
पूर्व महापौर और कांग्रेस नेता ज्योति खंडेलवाल के अनुसार किशनपोल विधानसभा क्षेत्र के मुख्य रास्तों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Jaipur Smart City Project) के तहत बिना क्षेत्रवासियों की जरूरत के नाली निर्माण का कार्य करवाया जा रहा है. अधिकारियों का तर्क है कि नालियां छोटी होने की वजह से सभी रास्तों में बरसात के समय पानी भर जाता है. इस समस्या को दूर करने के लिए ही नाली निर्माण का कार्य किया जा रहा है.
उन्होंने खत में लिखा है कि यहां केवल खजाने वालों के रास्ते में पानी भरता है. जबकि नाली निर्माण का काम बाबा हरिशचंद्र मार्ग में किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि प्रॉपर ड्रेनेज सिस्टम के लिए स्मार्ट सिटी सभी रास्तों में नाली का निर्माण करा रहा है.
पूर्व महापौर ने आरोप लगाया कि यहां नालियों करीब 2 फुट चौड़ी और 2 फुट गहरी बनाई जा रही है. जिन्हें फेरो कवर से सीमेंट लगाकर बंद किया जा रहा है. उनका तर्क है कि इससे नाली की सफाई नहीं हो पाएगी. गंदगी और पानी का भराव हमेशा इन नालियों में होगा जिससे मच्छर पनपेंगे और बीमारियों को भी न्योता देंगे. यही नहीं जो फेरो कवर लगाए जा रहे हैं उनमें करीब 10 से 12 बड़े खुले छेद हैं जिसमें कोई भी वस्तु गलती से गिर सकती है और बड़े हादसे को न्योता दे सकती है. यही नहीं यदि यहां नाली सफाई कराई जाती है तो हर बार फेरो कवर तोड़े जाएंगे.
पूर्व महापौर ने कहा है कि इस तरह तोड़ कर फिर फिट किए जाने का क्रम दो बार होगा. जो एक अतिरिक्त खर्चा होगा. इससे सरकारी राजस्व को लाखों रुपए का नुकसान होगा.स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ज्योति खंडेलवाल ने सीएम से बिना जरूरत किए जा रहे इस काम की जांच कराने की अपील की है. साथ ही सरकारी राजस्व को हो रहे करोड़ों रुपए के नुकसान को रोकने की गुहार भी लगाई है.