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कोरोना की तीसरी लहर को लेकर वन विभाग अलर्ट, उठाए कदम

कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए वन विभाग (Forest department) अलर्ट मोड पर है. वन्यजीवो (Wildlife) को कोरोना से बचाने के लिए प्रदेश के सभी बायोलॉजिकल पार्क (Biological park) और चिड़ियाघरों (zoo) में विशेष तैयारियां की जा रही है. गाइडलाइन की पालना को लेकर भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

forest department alert on corona, राजस्थान में कोरोना की तीसरी लहर
राजस्थान में कोरोना की तीसरी लहर
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Published : Jul 19, 2021, 11:04 AM IST

जयपुर. कोरोना की दूसरी लहर (Second wave of corona) में शेरों (Lion) में कोरोना संक्रमण (Corona infection) फैलने का मामला सामने आया था, उसी को देखते हुए अब तीसरी लहर आने से पहले वन विभाग वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर मुस्तैद नजर आ रहा है. कोरोना गाइडलाइन (Corona guideline) की पालना को लेकर वन विभाग (Forest department) की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. वन्यजीवो को संक्रमण से बचाने के लिए पिंजरों की सफाई नियमित रूप से की जा रही है.

इसके साथ ही वन विभाग के स्टाफ को भी पीपीई किट पहनकर वन्यजीवों के पास जाने दिया जा रहा है. वहीं वन विभाग के आला अधिकारी पूरी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इसके साथ ही कोशिश की जा रही है कि जू कीपर्स कम से कम वन्यजीवों के संपर्क में आए. इस बात का विशेष प्रयास किया जा रहा है कि किसी भी तरह का संक्रमण बाहर से वन्यजीव तक नहीं पहुंचे. कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राजस्थान का वन विभाग वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर सजक है. कोरोना की कोई भी लहर आए वन्यजीव सुरक्षित हाथों में है.

राजस्थान में कोरोना की तीसरी लहर

राजस्थान वन विभाग (Rajasthan Forest Department) के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मोहन लाल मीणा ने बताया कि प्रदेश में पहली बार जब कोरोना आया, तभी वन विभाग ने वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए एतिहात के कदम उठा लिए थे. विभाग का पहला प्रयास रहता है कि कर्मचारी वन्यजीवो के संपर्क में कम से कम आए.

जू कीपर्स आपस में एक दूसरे से मिंगल नहीं करें और वन्यजीवों के पास कम जाए. इसके साथ ही पीपीई किट का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. प्रयास किया जा रहा है कि किसी प्रकार का संक्रमण बाहर से वन्यजीवों के पास नहीं जाए. वन्यजीवों के पिंजरो की नियमित रूप से साफ सफाई की जा रही है. कोरोना को लेकर वन विभाग का पूरा स्टाफ सजक है. कोरोना की कोई भी लहर आ जाए, सभी वन्यजीव सुरक्षित हाथों में है.

पढ़ें- Weather Update : राजस्थान में आज इन जिलों में अति भारी बारिश की चेतावनी, जानिए प्रदेश में मौसम का हाल

बता दें कि पिछले दिनों कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हैदराबाद चिड़ियाघर में शेरों के कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी. जिसके बाद जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क (Nahargarh Biological Park) में भी एक शेर की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी. हालांकि शेर में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आए.

इसके बाद वन विभाग ने मॉनिटरिंग बढ़ाई और नियमित रूप से शेर की देखभाल की गई. इसके बाद वापस शेर की कोरोना जांच के लिए सैंपल आईवीआरआई बरेली भेजे गए थे. जिसमे शेर की कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई, तब जाकर वन विभाग ने राहत की सांस ली थी.

जयपुर. कोरोना की दूसरी लहर (Second wave of corona) में शेरों (Lion) में कोरोना संक्रमण (Corona infection) फैलने का मामला सामने आया था, उसी को देखते हुए अब तीसरी लहर आने से पहले वन विभाग वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर मुस्तैद नजर आ रहा है. कोरोना गाइडलाइन (Corona guideline) की पालना को लेकर वन विभाग (Forest department) की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. वन्यजीवो को संक्रमण से बचाने के लिए पिंजरों की सफाई नियमित रूप से की जा रही है.

इसके साथ ही वन विभाग के स्टाफ को भी पीपीई किट पहनकर वन्यजीवों के पास जाने दिया जा रहा है. वहीं वन विभाग के आला अधिकारी पूरी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इसके साथ ही कोशिश की जा रही है कि जू कीपर्स कम से कम वन्यजीवों के संपर्क में आए. इस बात का विशेष प्रयास किया जा रहा है कि किसी भी तरह का संक्रमण बाहर से वन्यजीव तक नहीं पहुंचे. कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राजस्थान का वन विभाग वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर सजक है. कोरोना की कोई भी लहर आए वन्यजीव सुरक्षित हाथों में है.

राजस्थान में कोरोना की तीसरी लहर

राजस्थान वन विभाग (Rajasthan Forest Department) के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मोहन लाल मीणा ने बताया कि प्रदेश में पहली बार जब कोरोना आया, तभी वन विभाग ने वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए एतिहात के कदम उठा लिए थे. विभाग का पहला प्रयास रहता है कि कर्मचारी वन्यजीवो के संपर्क में कम से कम आए.

जू कीपर्स आपस में एक दूसरे से मिंगल नहीं करें और वन्यजीवों के पास कम जाए. इसके साथ ही पीपीई किट का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. प्रयास किया जा रहा है कि किसी प्रकार का संक्रमण बाहर से वन्यजीवों के पास नहीं जाए. वन्यजीवों के पिंजरो की नियमित रूप से साफ सफाई की जा रही है. कोरोना को लेकर वन विभाग का पूरा स्टाफ सजक है. कोरोना की कोई भी लहर आ जाए, सभी वन्यजीव सुरक्षित हाथों में है.

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बता दें कि पिछले दिनों कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हैदराबाद चिड़ियाघर में शेरों के कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी. जिसके बाद जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क (Nahargarh Biological Park) में भी एक शेर की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी. हालांकि शेर में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आए.

इसके बाद वन विभाग ने मॉनिटरिंग बढ़ाई और नियमित रूप से शेर की देखभाल की गई. इसके बाद वापस शेर की कोरोना जांच के लिए सैंपल आईवीआरआई बरेली भेजे गए थे. जिसमे शेर की कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई, तब जाकर वन विभाग ने राहत की सांस ली थी.

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