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special : नगर निगम में 22 फीसदी रेवेन्यू होर्डिंग साइट के भरोसे, अब संख्या बढ़ाने पर फोकस

अब तक जो होर्डिंग साइट जयपुर नगर निगम के लिए तकरीबन 22 फीसदी रेवेन्यू का सोर्स था, वो निगम के बंटवारे और कोरोना के प्रभाव के चलते घटता जा रहा है. नगर निगम ग्रेटर में जहां 416 होर्डिंग साइट्स हैं, वहीं हेरिटेज नगर निगम में ये संख्या महज 68 है. ऐसे में अब इन होर्डिंग साइट को बढ़ाकर रेवेन्यू जनरेट करने की तैयारी की जा रही है. सोसाइटी के मेन गेट पर किये गए विज्ञापन और अवैध होर्डिंग साइट पर कार्रवाई करते हुए उनसे वसूली भी की जाएगी. राजस्व बढ़ाने की क्या है तैयारी, जानिये इस खास रिपोर्ट में...

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नगर निगम में 22 फीसदी रेवेन्यू होर्डिंग साइट के भरोसे
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Published : Mar 10, 2021, 2:02 PM IST

जयपुर. सभी नगरीय निकायों के लिए होर्डिंग राजस्व का एक बड़ा स्रोत है, जिसको यदि बढ़ाया जाए तो कुल राजस्व का करीब 25 फीसदी होर्डिंग से वसूली हो सकती है. यही वजह है कि अब नगर निगम ग्रेटर में होर्डिंग साइट बढ़ाकर 1,000 करने की तैयारी की जा रही है.

रेवेन्यू बढ़ाने की कवायद में जयपुर नगर निगम...

ग्रेटर नगर निगम में वर्तमान होर्डिंग साइट:

  • यूनीपोल-152
  • डिजिटल यूनीपोल-14
  • बस शेल्टर-22
  • लघु विज्ञापन-52
  • गैंट्री-17
  • टावर-26
  • सुलभ शौचालय-21

इनके अलावा, दुर्गापुरा और अजमेर एलिवेटेड पर करीब 100 से ज्यादा होर्डिंग साइट्स हैं. ग्रेटर नगर निगम रेवेन्यू उपायुक्त नवीन भारद्वाज ने बताया कि जिस तरह से शहर का विस्तार हुआ है, उनमें प्रमुख सड़कों पर यूनीपोल, गैंट्री और अन्य नई साइट की शुरुआत की जाएगी. उन्होंने बताया कि नगर निगम जयपुर ग्रेटर के लिए विज्ञापन उपविधि बनी हुई है, जिसके अनुसार कोई भी व्यक्ति जो विज्ञापन करना चाहता है, वो अपने प्रतिष्ठान पर विज्ञापन लगाने से पहले या लगाने के दौरान निगम से लिखित में परमिशन लेता है. जिसकी प्रति स्क्वायर फीट के हिसाब से दर तय है. इसके अलावा कुछ विज्ञापन साइट नगर निगम खुद जनरेट करता है, जिसको ऑक्शन के माध्यम से वेंडर्स को दिया जाता है.

पढ़ें : SPECIAL : जयपुर को नहीं मिली आईपीएल की मेजबानी...करोड़ों के व्यवसाय पर पड़ेगा असर

उन्होंने बताया कि इस वर्ष होर्डिंग साइट के माध्यम से तकरीबन 13 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है और यदि अवैध होर्डिंग लगाने का प्रकरण है, उन पर नगर निगम की जोन टीम द्वारा हटाने की कार्रवाई की जाती है. उन्हें जब्त किया जाता है और समय-समय पर जुर्माने वसूलने की भी कार्रवाई की जाती है. इसके अलावा कुछ जगह सोसायटी के गेट पर भी सोसाइटी नाम के साथ कुछ विज्ञापन लगे होते हैं, जो पूरी तरह अवैध है. इनके खिलाफ अभियान चलाकर हटाया जाएगा और जिन भी कंपनियों द्वारा ये विज्ञापन लगाए जाते हैं, उनके हेड ऑफिस नोटिस देकर वसूली की जाएगी.

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रेवेन्यू होर्डिंग साइट के भरोसे...

ग्रेटेर और हेरिटेज के बंटवारे में 60:40 अनुपात में होर्डिंग साइट रेवेन्यू हिस्से में आया. तकरीबन 1 करोड़ 80 लाख रेवेन्यू प्राप्त हुआ है, लेकिन हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में होर्डिंग साइट की संख्या तुलनात्मक दृष्टि से काफी कम है.

हेरिटेज नगर निगम में होर्डिंग साइट:

  • यूनीपोल साइट-54
  • डिजिट यूनीपोल-11
  • बस शेल्टर ग्रुप-3

हेरिटेज निगम रेवेन्यू उपायुक्त दिलीप शर्मा ने बताया कि अब होर्डिंग साइट बढ़ाते हुए करीब 100 नई साइट तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इन्हें निगम प्रशासन द्वारा ई-ऑक्शन किया जा रहा है.

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होर्डिंग साइट की संख्या बढ़ाने पर फोकस...

नई होर्डिंग साइट...

  • यूनीपोल-21
  • जोन कियोस्क बोर्ड-2
  • सुलभ शौचालय-8
  • गैंट्री-5
  • लघु विज्ञापन-38
  • टावर-15

दिलीप शर्मा ने बताया कि प्रचार-प्रसार के लिए जो अवैध होर्डिंग लगा दिए जाते हैं, उन्हें हटाने की कार्रवाई की जाती है. इतना ही नहीं, यदि कोई प्रोफेशनल विज्ञापन कर्ता द्वारा होर्डिंग लगाया जाता है, तो उससे सालभर का किराया वसूल किया जाता है.

पढ़ें : Special: सदन में माननीय को लग रही कोरोना वैक्सीन लेकिन प्रदेश में खत्म हुआ स्टॉक, शुरू हुई सियासत

नगर निगम की उपविधियों में सभी होर्डिंग साइट के लिए नियम और नीति निर्धारित है और जो इनके विरुद्ध लगे हैं, उन्हें हटाने और जुर्माना वसूलने की कार्रवाई भी की जाती है. लेकिन वर्तमान में जयपुर के दोनों निगम प्रशासन के सामने ई-ऑक्शन में होर्डिंग साइट के लिए आवेदन नहीं आना चिंता का विषय बना हुआ है.

जयपुर. सभी नगरीय निकायों के लिए होर्डिंग राजस्व का एक बड़ा स्रोत है, जिसको यदि बढ़ाया जाए तो कुल राजस्व का करीब 25 फीसदी होर्डिंग से वसूली हो सकती है. यही वजह है कि अब नगर निगम ग्रेटर में होर्डिंग साइट बढ़ाकर 1,000 करने की तैयारी की जा रही है.

रेवेन्यू बढ़ाने की कवायद में जयपुर नगर निगम...

ग्रेटर नगर निगम में वर्तमान होर्डिंग साइट:

  • यूनीपोल-152
  • डिजिटल यूनीपोल-14
  • बस शेल्टर-22
  • लघु विज्ञापन-52
  • गैंट्री-17
  • टावर-26
  • सुलभ शौचालय-21

इनके अलावा, दुर्गापुरा और अजमेर एलिवेटेड पर करीब 100 से ज्यादा होर्डिंग साइट्स हैं. ग्रेटर नगर निगम रेवेन्यू उपायुक्त नवीन भारद्वाज ने बताया कि जिस तरह से शहर का विस्तार हुआ है, उनमें प्रमुख सड़कों पर यूनीपोल, गैंट्री और अन्य नई साइट की शुरुआत की जाएगी. उन्होंने बताया कि नगर निगम जयपुर ग्रेटर के लिए विज्ञापन उपविधि बनी हुई है, जिसके अनुसार कोई भी व्यक्ति जो विज्ञापन करना चाहता है, वो अपने प्रतिष्ठान पर विज्ञापन लगाने से पहले या लगाने के दौरान निगम से लिखित में परमिशन लेता है. जिसकी प्रति स्क्वायर फीट के हिसाब से दर तय है. इसके अलावा कुछ विज्ञापन साइट नगर निगम खुद जनरेट करता है, जिसको ऑक्शन के माध्यम से वेंडर्स को दिया जाता है.

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उन्होंने बताया कि इस वर्ष होर्डिंग साइट के माध्यम से तकरीबन 13 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है और यदि अवैध होर्डिंग लगाने का प्रकरण है, उन पर नगर निगम की जोन टीम द्वारा हटाने की कार्रवाई की जाती है. उन्हें जब्त किया जाता है और समय-समय पर जुर्माने वसूलने की भी कार्रवाई की जाती है. इसके अलावा कुछ जगह सोसायटी के गेट पर भी सोसाइटी नाम के साथ कुछ विज्ञापन लगे होते हैं, जो पूरी तरह अवैध है. इनके खिलाफ अभियान चलाकर हटाया जाएगा और जिन भी कंपनियों द्वारा ये विज्ञापन लगाए जाते हैं, उनके हेड ऑफिस नोटिस देकर वसूली की जाएगी.

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रेवेन्यू होर्डिंग साइट के भरोसे...

ग्रेटेर और हेरिटेज के बंटवारे में 60:40 अनुपात में होर्डिंग साइट रेवेन्यू हिस्से में आया. तकरीबन 1 करोड़ 80 लाख रेवेन्यू प्राप्त हुआ है, लेकिन हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में होर्डिंग साइट की संख्या तुलनात्मक दृष्टि से काफी कम है.

हेरिटेज नगर निगम में होर्डिंग साइट:

  • यूनीपोल साइट-54
  • डिजिट यूनीपोल-11
  • बस शेल्टर ग्रुप-3

हेरिटेज निगम रेवेन्यू उपायुक्त दिलीप शर्मा ने बताया कि अब होर्डिंग साइट बढ़ाते हुए करीब 100 नई साइट तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इन्हें निगम प्रशासन द्वारा ई-ऑक्शन किया जा रहा है.

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होर्डिंग साइट की संख्या बढ़ाने पर फोकस...

नई होर्डिंग साइट...

  • यूनीपोल-21
  • जोन कियोस्क बोर्ड-2
  • सुलभ शौचालय-8
  • गैंट्री-5
  • लघु विज्ञापन-38
  • टावर-15

दिलीप शर्मा ने बताया कि प्रचार-प्रसार के लिए जो अवैध होर्डिंग लगा दिए जाते हैं, उन्हें हटाने की कार्रवाई की जाती है. इतना ही नहीं, यदि कोई प्रोफेशनल विज्ञापन कर्ता द्वारा होर्डिंग लगाया जाता है, तो उससे सालभर का किराया वसूल किया जाता है.

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नगर निगम की उपविधियों में सभी होर्डिंग साइट के लिए नियम और नीति निर्धारित है और जो इनके विरुद्ध लगे हैं, उन्हें हटाने और जुर्माना वसूलने की कार्रवाई भी की जाती है. लेकिन वर्तमान में जयपुर के दोनों निगम प्रशासन के सामने ई-ऑक्शन में होर्डिंग साइट के लिए आवेदन नहीं आना चिंता का विषय बना हुआ है.

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