जयपुर. जयपुर सहित 6 जिलों में तीन चरणों में होने वाले पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान आज हो रहा है. पहले चरण में जिन पंचायत समितियों में चुनाव होने हैं उनमें कांग्रेस के दिग्गजों के साथ ही विपक्षी दल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित भाजपा के कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा सीधे तौर पर दांव पर लगी है.
दरअसल, पंचायत चुनाव के पहले चरण में आमेर विधानसभा क्षेत्र की भी पंचायत समितियां शामिल है, जहां से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया विधायक हैं. इसके अलावा भाजपा विधायक पब्बाराम विश्नोई के विधानसभा क्षेत्र फलोदी, समाराम गरासिया क्षेत्र पिंडवाड़ा और जगसीराम कोली के क्षेत्र रेवदर की भी कुछ पंचायत समितियों में पहले चरण के तहत मतदान हैं. मतलब भाजपा के इन विधायकों की प्रतिष्ठा तो दांव पर है ही लेकिन जोधपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद होने के कारण केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की सांख भी इन छोटे चुनाव में दांव पर है. हालांकि, पहले चरण के चुनाव में मुख्यमंत्री गहलोत सहित उनके 5 मंत्री और 9 कांग्रेस व निर्दलीय विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर है.
6 जिला परिषद और 78 पंचायत समितियों में 3 चरणों में होंगे चुनाव
प्रदेश के 6 जिला परिषद और 78 पंचायत समितियों में कुल 3 चरणों में चुनाव होंगे. गुरुवार को पहला चरण संपन्न होने के बाद दो और चरणों में मतदान होगा और फिर 4 सितंबर को चुनाव परिणाम घोषित होगा, जिसके बाद पता चल पाएगा किन दिग्गज नेताओं का बहाया गया पसीना रंग लाया.
चुनावी क्षेत्र में 38 विधानसभा शामिल, जिनमें 6 पर भाजपा और 24 पर कांग्रेस विधायक
भरतपुर, दौसा, सिरोही, जयपुर, सवाई माधोपुर और जोधपुर में पंचायत चुनाव 3 चरणों में सम्पन्न होंगे. जिला परिषद और पंचायत समितियों के इन चुनाव क्षेत्रों में कुल 38 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें सर्वाधिक 24 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं. इनमें 2 बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक भी शामिल हैं. वहीं, 6 विधानसभा सीट पर भाजपा के विधायक हैं, जबकि 6 निर्दलीय, 1 आरएलपी और 1 आरएलडी विधायक के कब्जे वाले विधानसभा क्षेत्र भी इसी चुनाव क्षेत्र में शामिल हैं. मतलब जिन क्षेत्रों में जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव होने हैं वहां फिलहाल सत्तारूढ़ कांग्रेस का दबदबा है.
पूनिया सहित इन भाजपा विधायक-सांसदों की प्रतिष्ठा दांव पर
3 चरणों में हो रहे इन पंचायती राज चुनाव क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां भाजपा के विधायक है. इनमें भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की विधानसभा क्षेत्र आमेर और प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता व विधायक रामलाल शर्मा का विधानसभा क्षेत्र चौमू भी शामिल है. जयपुर जिले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के विधानसभा क्षेत्र में आमेर और जालसू पंचायत समिति में यह चुनाव होने हैं, जबकि विधायक रामलाल शर्मा के क्षेत्र चौमू में गोविंदगढ़ पंचायत समिति में यह चुनाव होने हैं.
इसी तरह भाजपा विधायक निर्मल कुमावत के विधानसभा क्षेत्र फुलेरा की सांभरलेक और किशनगढ़ रेनवाल पंचायत समिति में चुनाव होने हैं. इसी तरह फलौदी में भाजपा विधायक पब्बाराम विश्नोई के विधानसभा क्षेत्र में 3 पंचायत समितियां और भाजपा विधायक जगसीराम कोली की विधानसभा क्षेत्र रेवदर और पिंडवाड़ा में कुल 3 पंचायत समितियों में चुनाव होने हैं.
जिन 6 जिलों में यह पंचायत राज चुनाव होने हैं वहां भी भाजपा के ही सांसद हैं. इनमें जयपुर ग्रामीण से राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं. वहीं, जोधपुर से भाजपा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी हैं. इसी तरह पाली सिरोही से सांसद पीपी चौधरी, दौसा से जसकौर मीणा, भरतपुर से रंजीता कोली, टोंक-सवाई माधोपुर से सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया की प्रतिष्ठा दांव पर है. इशिता गोविंदगढ़ पंचायत समिति सीकर संसदीय क्षेत्र में आती हैं, यहां से स्वामी सुमेधानंद सरस्वती सांसद हैं.
6 जिला परिषद में से 4 पर पिछले चुनाव में रहा था भाजपा का कब्जा
3 चरणों मे जिन 6 जिला परिषदों में चुनाव होने हैं, उनमें से 4 जिला परिषदों में पिछले चुनाव के दौरान भाजपा का जिला प्रमुख बना था, तो वहीं 2 जिला परिषदों में कांग्रेस का जिला प्रमुख बन पाया था. हालांकि, जयपुर जिला परिषद में भाजपा का जिला प्रमुख मूलचंद मीणा ने अपने कार्यकाल के बीच में ही कांग्रेस का दामन थाम लिया था. मतलब भाजपा के लिए इस बार बड़ी चुनौती यही रहेगी कि कम से कम 4 जिला परिषदों में तो भाजपा का कमल खिल पाए.
इस बार 20 नई पंचायत समितियों में पहली बार होंगे चुनाव
3 चरणों में होने वाले चुनाव में 6 जिला परिषद और 78 पंचायत समितियों में यह चुनाव होंगे. हालांकि पिछली बार इन क्षेत्रों में कुल 58 पंचायत समिति थी, जिनमें से 32 पंचायत समितियों में भाजपा के प्रधान और 24 पंचायत समितियों में कांग्रेस के प्रधान थे. वहीं, जो पंचायत समितियों में निर्दलीय प्रधान बने थे अब पुनर्गठन के बाद इन क्षेत्र में 20 नई पंचायत समिति और बन गई है. ऐसे में इस बार 3 चरणों में कुल 78 पंचायत समितियों में चुनाव होंगे.
साल 2020 का प्रदर्शन दोहराने की भाजपा नेताओं को उम्मीद
मौजूदा चुनाव से पहले साल 2020 में भी प्रदेश के 20 जिलों में पंचायती राज चुनाव हुए थे, लेकिन उन चुनाव में विपक्ष में रहते हुए भी भाजपा ने सत्तारूढ़ कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन किया था. 20 में से 12 जिलों में भाजपा ने अपने जिला प्रमुख बनाए तो वहीं कांग्रेस को महज 5 जिला प्रमुख बनाकर ही संतोष करना पड़ा था. जबकि 3 निर्दलीय जिला प्रमुख बने थे. भाजपा को 6 जिलों में होने वाले इस पंचायत राज चुनाव में भी पिछले साल की तरह ही प्रदर्शन की उम्मीद है. हालांकि, इस बार जिन पंचायत समितियों में ये चुनाव होने हैं वहां कांग्रेस का दबदबा ज्यादा है. लिहाजा भाजपा को यहां अपना कमल खिलाने में काफी पसीने आएंगे.