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कामदा एकादशी का व्रत करने से मिलेगा हजारो वर्षो की तमस्या के बराबर पुण्य! - हिंदू धर्म में एकादशी व्रत

आज चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी है. आज के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से हजारो साल की तपस्या के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है. वहीं महिलाओं की ओर से इस व्रत को करने से उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

कामदा एकादशी का व्रत करने पर पुण्य, Punya on fasting for Kamada Ekadashi
कामदा एकादशी का व्रत करने पर पुण्य
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Published : Apr 23, 2021, 9:52 AM IST

जयपुर. हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का काफी ज्यादा महत्व रहता है. ऐसे में शुक्रवार को चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी है. आज के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से हजारो साल की तपस्या के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है. वहीं महिलाओं की ओर से इस व्रत को करने से उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

आज के दिन व्रती स्नानादि के बाद भगवान हरि विष्णु की उपासना के लिए बेहद महत्वपूर्ण उपवास है. वहीं पूजा के दौरान भगवान श्री हरि विष्णु जी को फल, फूल, दूध, पंचामृत अर्पित करें. आज के दिन विष्णु सहस्रनाम का जाप करें और पूजा खत्म होने पर एकादशी व्रत की कथा जरूर सुने. देर रात भगवान का सुमिरन करते हुए जागरण करें. वहीं व्रती भोजन ना करके निराहार रहें और फलाहार का ही सेवन करें.

पढ़ें- कोर्ट का आदेश: कालाबाजारी के दौरान जप्त ऑक्सीजन सिलेंडरों को थाने से अस्पताल भेजने के आदेश

मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से मनुष्य के सभी पाप दूर हो जाते है. इसलिए एकादशी पर व्रत कर द्वादशी यानी की कल शनिवार को ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद व्रत खोले. इस व्रत को करने से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती हैं. कथाओ के अनुसार एकादशी पर पृथ्वी लोक के साथ-साथ परलोक में भी सौभाग्य प्राप्त करने वाली एकादशी है.

जयपुर. हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का काफी ज्यादा महत्व रहता है. ऐसे में शुक्रवार को चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी है. आज के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से हजारो साल की तपस्या के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है. वहीं महिलाओं की ओर से इस व्रत को करने से उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

आज के दिन व्रती स्नानादि के बाद भगवान हरि विष्णु की उपासना के लिए बेहद महत्वपूर्ण उपवास है. वहीं पूजा के दौरान भगवान श्री हरि विष्णु जी को फल, फूल, दूध, पंचामृत अर्पित करें. आज के दिन विष्णु सहस्रनाम का जाप करें और पूजा खत्म होने पर एकादशी व्रत की कथा जरूर सुने. देर रात भगवान का सुमिरन करते हुए जागरण करें. वहीं व्रती भोजन ना करके निराहार रहें और फलाहार का ही सेवन करें.

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मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से मनुष्य के सभी पाप दूर हो जाते है. इसलिए एकादशी पर व्रत कर द्वादशी यानी की कल शनिवार को ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद व्रत खोले. इस व्रत को करने से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती हैं. कथाओ के अनुसार एकादशी पर पृथ्वी लोक के साथ-साथ परलोक में भी सौभाग्य प्राप्त करने वाली एकादशी है.

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