जयपुर. देशव्यापी लॉकडाउन के बीच एक बार फिर ईटीवी भारत ने अपने सरोकार निभाते हुए किसानों की आवाज बनकर उन्हें राहत पहुंचाने का रास्ता खुलवाया है. बता दें कि लॉकडाउन के बाद रबी की फसल काट चुके किसान अनाज मंडियों तक अपनी उपज पहुंचाने के लिए कोशिश कर रहे थे, लेकिन बंदिशों के बीच उनके लिए कोई रास्ता नहीं निकल पाया था. ऐसे हालात में ईटीवी भारत ना सिर्फ उनकी बात प्रशासन और सरकार तक पहुंचाने में जुटा बल्कि उनके लिए रास्ता भी तैयार किया.
लॉकडाउन के तीसरे दिन राजस्थान के जमीनी हालात टटोलते हुए ईटीवी भारत ने कई हिस्सों में परेशान किसानों की बात प्रमुखता के साथ प्रसारित की थी. जिसमें बताया कि जिन किसानों के पास खेतों में जगह नहीं है, वे फिलहाल अनाज काटने के बाद बारदाना और तैयार अनाज को मंडियों तक पहुंचाने की जद्दोजहद से जूझ रहे हैं. ईटीवी भारत ने इस हकीकत को सरकार तक पहुंचाया और जल्द से जल्द किसानों को राहत दिलाने की मांग की.
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इसके लिए ईटीवी भारत ने कुकरखेड़ा मंडी समेत कई मंडियों में रियलिटी चेक भी किया और व्यापारियों से जाना कि क्या नया अनाज उपज उन तक आसानी से पहुंच पा रही है. फिर इस खबर के प्रसारण के बाद मंडी प्रशासन से भी ईटीवी ने बात की. जिसके बाद तत्काल मंडी स्तर पर पास जारी करवाने का भरोसा व्यापारियों और किसानों को दिलाया गया. इसके बाद अब ईटीवी की पहल पर सरकार ने ऑनलाइन पास बनाने का भी विकल्प किसानों को दिया हैं.
किसान गूगल प्ले स्टोर से राजस्थान सरकार की कृषि उपज मंडी से जुड़ी एप्स के जरिए नजदीकी अनाज मंडी तक उपज पहुंचाने के लिए ई-पास हासिल कर सकते हैं. हालांकि, ई-पास हासिल करने की प्रक्रिया जारी है. इसमें किसान को राजफैड से मिले रजिस्ट्रेशन नंबर का भी जिक्र करना होता है.
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ऐसे हालात में किसान अपने क्षेत्र के पटवारी से मिली जमाबंदी की नकल को दिखा कर अपनी पहचान साबित करते हुए इन अनाज मंडियों तक अपनी उपज जल्द से जल्द पहुंचा कर पैसा प्राप्त कर सकते हैं. जिससे खेतों में खड़ी फसल खराब भी ना हो और बाजार में खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके.