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Jaipur News: राजस्थान रियल एस्टेट अपीलियेटन ट्रिब्यूनल के अस्थाई पदों की बढ़ाई अवधि... - ETV bharat rajasthan news

राजस्थान रियल एस्टेट अपीलियेटन ट्रिब्यूनल के पदों को भरने के लिए संशोधित आदेश जारी किए गए (Extension of temporary posts of RERA) हैं. जिसे में वित्त विभाग से मिली स्वीकृति के बाद नगरीय विकास विभाग ने अस्थाई रूप से सृजित 12 पदों की अवधि फरवरी 2023 तक बढ़ाई है.

Extension of temporary posts of RERA
राजस्थान रियल एस्टेट अपीलियेटन ट्रिब्यूनल
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Published : Apr 26, 2022, 4:31 PM IST

जयपुर. राजस्थान रियल एस्टेट अपीलियेटन ट्रिब्यूनल के पदों को भरने के लिए संशोधित आदेश जारी किए (Extension of temporary posts of RERA) गए हैं. वित्त विभाग से मिली स्वीकृति के बाद नगरीय विकास विभाग ने अस्थाई रूप से सृजित 12 पदों की अवधि फरवरी 2023 तक बढ़ाई है. जिसमें रजिस्ट्रार से लेकर गार्ड तक के पद शामिल हैं.

राजस्थान सरकार ने रियल एस्टेट (रेग्यूलेशन और डवलपमेंट) एक्ट-2016 के नियम-44 के तहत रेरा के आदेश के खिलाफ रेरा अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील की जा सकती है. नियम 28 के तहत ट्रिब्यूनल सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया तय है, तो धारा-46 में चेयरमैन और सदस्यों की पात्रता तय है. इसे ध्यान में रखते हुए रजिस्ट्रार, सहायक लेखाधिकारी, रीडर, शीघ्र लिपिक, सूचना सहायक, कनिष्ठ सहायक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और गार्ड के 12 पद सृजित किए गए थे. इन अस्थाई पदों की अवधि को अब 28 फरवरी 2023 तक बढ़ा दिया गया है.

ये पद हुए स्वीकृत

  • रजिस्ट्रार- 1
  • सहायक लेखाधिकारी II- 1
  • रीडर-1
  • शीघ्र लिपिक-2
  • सूचना सहायक-2
  • कनिष्ठ सहायक-2
  • चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी-2
  • गार्ड-1

पढ़े:RERA ने बिल्डर्स और डेवलपर्स को फिर दी राहत, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन और एक्सटेंशन की मियाद बढ़ाई

वहीं, बीते दिनों जिन बिल्डर्स और डेवलपर्स ने प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया और पाबंदी के बावजूद फ्लैट्स की बुकिंग और बिक्री की, उनसे पंजीकरण शुल्क के अलावा 4 गुना राशि पेनल्टी और 2 गुना राशि स्टैंडर्ड फीस के रूप में वसूल की गई. बीते 4 साल में रेरा ऐसे बिल्डर्स और डेवलपर्स से तकरीबन 8 करोड़ 72 लाख रुपए वसूल किया. इस राशि का चेक सीएम को पेश किया गया था.

बता दें कि प्रदेश में लागू रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट के मुताबिक रेगुलेटरी अथॉरिटी में पंजीयन के लिए जमा आवेदन पर प्रोजेक्ट पूरा होने की दर्शाई गई तारीख तक काम पूरा होना जरूरी है. लेकिन 400 से ज्यादा प्रोजेक्ट ऐसे थे, जिनके पूरा होने की अवधि खत्म हो चुकी थी. लेकिन संबंधित बिल्डर या डेवलपर ने प्रोजेक्ट की अवधि बढ़ाने के लिए न तो अथॉरिटी में आवेदन किया और न ही इन प्रोजेक्ट का कंपलीशन सर्टिफिकेट पेश किया. ऐसे में रेरा ने इन आवासीय प्रोजेक्ट्स को नोटिस दिए थे. उपयुक्त जवाब पेश नहीं होने पर बुकिंग और बिक्री पर रोक भी लगाई थी.

जयपुर. राजस्थान रियल एस्टेट अपीलियेटन ट्रिब्यूनल के पदों को भरने के लिए संशोधित आदेश जारी किए (Extension of temporary posts of RERA) गए हैं. वित्त विभाग से मिली स्वीकृति के बाद नगरीय विकास विभाग ने अस्थाई रूप से सृजित 12 पदों की अवधि फरवरी 2023 तक बढ़ाई है. जिसमें रजिस्ट्रार से लेकर गार्ड तक के पद शामिल हैं.

राजस्थान सरकार ने रियल एस्टेट (रेग्यूलेशन और डवलपमेंट) एक्ट-2016 के नियम-44 के तहत रेरा के आदेश के खिलाफ रेरा अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील की जा सकती है. नियम 28 के तहत ट्रिब्यूनल सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया तय है, तो धारा-46 में चेयरमैन और सदस्यों की पात्रता तय है. इसे ध्यान में रखते हुए रजिस्ट्रार, सहायक लेखाधिकारी, रीडर, शीघ्र लिपिक, सूचना सहायक, कनिष्ठ सहायक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और गार्ड के 12 पद सृजित किए गए थे. इन अस्थाई पदों की अवधि को अब 28 फरवरी 2023 तक बढ़ा दिया गया है.

ये पद हुए स्वीकृत

  • रजिस्ट्रार- 1
  • सहायक लेखाधिकारी II- 1
  • रीडर-1
  • शीघ्र लिपिक-2
  • सूचना सहायक-2
  • कनिष्ठ सहायक-2
  • चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी-2
  • गार्ड-1

पढ़े:RERA ने बिल्डर्स और डेवलपर्स को फिर दी राहत, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन और एक्सटेंशन की मियाद बढ़ाई

वहीं, बीते दिनों जिन बिल्डर्स और डेवलपर्स ने प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया और पाबंदी के बावजूद फ्लैट्स की बुकिंग और बिक्री की, उनसे पंजीकरण शुल्क के अलावा 4 गुना राशि पेनल्टी और 2 गुना राशि स्टैंडर्ड फीस के रूप में वसूल की गई. बीते 4 साल में रेरा ऐसे बिल्डर्स और डेवलपर्स से तकरीबन 8 करोड़ 72 लाख रुपए वसूल किया. इस राशि का चेक सीएम को पेश किया गया था.

बता दें कि प्रदेश में लागू रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट के मुताबिक रेगुलेटरी अथॉरिटी में पंजीयन के लिए जमा आवेदन पर प्रोजेक्ट पूरा होने की दर्शाई गई तारीख तक काम पूरा होना जरूरी है. लेकिन 400 से ज्यादा प्रोजेक्ट ऐसे थे, जिनके पूरा होने की अवधि खत्म हो चुकी थी. लेकिन संबंधित बिल्डर या डेवलपर ने प्रोजेक्ट की अवधि बढ़ाने के लिए न तो अथॉरिटी में आवेदन किया और न ही इन प्रोजेक्ट का कंपलीशन सर्टिफिकेट पेश किया. ऐसे में रेरा ने इन आवासीय प्रोजेक्ट्स को नोटिस दिए थे. उपयुक्त जवाब पेश नहीं होने पर बुकिंग और बिक्री पर रोक भी लगाई थी.

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