जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार अब यूरोपियन देशों को राजस्थान में निवेश का न्योता दे रही है. इसी कड़ी में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में विभिन्न यूरोपीय देशों के राजनयिकों और निवेशकों के साथ मंगलवार को एक वेबिनार आयोजित की गई. इस वेबिनार के जरिए राजस्थान में निवेश के लिए लोगों को आमंत्रित किया गया.
मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने राजस्थान में निवेश के अवसरों और यूएसपी के साथ-साथ राज्य के प्रोत्साहन, रियायतों वाले पारदर्शी और आकर्षक नीतिगत ढांचे की जानकारी दी. वेबिनार में मुख्य सचिव ने राजस्थान की दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से कनेक्टिविटी होने के साथ ही कुशल श्रम शक्ति की उपलब्धता, संसाधन लाभ के साथ-साथ बुनियादी ढांचे की भी जानकारी साझा की.
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इस दौरान विभिन्न यूरोपीय देशों के राजनयिकों और निवेशकों के साथ बातचीत की गई. मुख्य सचिव के साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल, रीको के प्रबंध निदेशक आशुतोष एटी पेडणेकर और आयुक्त उद्योग मुक्तानंद अग्रवाल मौजूद रहे. वेबिनार का आयोजन राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास और निवेश निगम लिमिटेड की ओर से यूरोपीय व्यापार समूह फेडरेशन के साथ मिलकर किया गया.
बता दें कि इस दौरान यूरोपीय व्यापार और प्रौद्योगिकी केंद्र (ईबीटीसी) और यूरोपीय आर्थिक समूह (ईईजी) भी बातचीत में शामिल हुए. इनके साथ ही चेक गणराज्य, डेनमार्क के शाही दूतावास, इटली, स्विट्जरलैंड, बुल्गारिया, बेल्जियम के दूतावास सहित कई यूरोपीय देशों के राजनयिकों के साथ-साथ यूरोप में काम करने वाले कई मल्टी-नेशनल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
इन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा
वेबिनार में फार्मास्युटिकल, एग्रो प्रोडक्ट सेक्टर, फर्टिलाइजर्स सेक्टर, सीमेंट सेक्टर, स्किल डेवलपमेंट सेक्टर, पावर सेक्टर, टूरिज्म सेक्टर जैसे विभिन्न क्षेत्रों की 30 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया. मुख्य सचिव ने प्रतिभागियों को बताया कि राज्य सरकार की ओर से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए काफी प्रयास किए गए हैं. उन्होंने मौजूदा मुद्दों के तेजी से निपटान का भी आश्वासन दिया.
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वेबिनार में प्रतिभागियों ने भी प्रदेश में बुनियादी सुविधाओं और सरकारी मशीनरी की ओर से किए जाने वाले प्रयासों के लिए राज्य सरकार की सराहना की. गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से विदेशी निवेशकों से निवेश में तेजी लाने के लिए यूरोपियन बिजनेस ग्रुप फेडरेशन जैसे व्यापार निकायों के साथ एमओयू करने की संभावनाओं पर काम किया जा रहा है.
मंच तैयार करने का दिया सुझाव
एसीएस उद्योग डॉ सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान पहला राज्य है, जिसने एमएसएमई को राज्य कानूनों के तहत किसी मंजूरी या मंजूरी क्लीयरेंस के बिना उद्यम शुरू करने की अनुमति दी है. वेबिनार में राजनयिकों के साथ ईबीजी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमन सिद्धू संभावित निवेशकों और फेडरेशन के साथ नियमित बातचीत के लिए एक मंच तैयार करने का सुझाव दिया. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से फास्ट-ट्रैक मंजूरी के लिए वन-स्टॉप शॉप के प्रयास भी किए जा रहे हैं.
अब फ्रांसीसी कंपनियों के साथ वेबिनार
इस दौरान रीको के एमडी पेडनेकर ने बताया कि इस तरह की बातचीत नियमित रूप से की जाएगी. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वेबिनार में मिले सकारात्मक सुझावों से भविष्य में प्रयासों को दिशा देने में मदद मिलेगी. राज्य सरकार विदेशी निवेशकों से निवेश में तेजी लाने के लिए ईबीजी जैसे व्यापार निकायों के माध्यम से एमओयू करने की संभावनाएं तलाश रही है. अब 12 जून को फ्रांसीसी कंपनियों के साथ बातचीत की जाएगी.