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पारदर्शिता और सुशासन के लिए नागरिक सेवाओं की Online डिलीवरी सुनिश्चित करें : CM गहलोत - Technology and Communication Department

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि आमजन को सुशासन देना और सूचना तकनीक के उपयोग से घर बैठे सरकारी विभागों की समस्त सेवाओं की पहुंच सुलभ करवाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी प्रकार की नागरिक सेवाओं की ऑनलाइन डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए आगे बढ़ें. साथ ही सभी विभाग इस साल 2 अक्टूबर तक अपनी समस्त योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारियां जन सूचना पोर्टल पर साझा कराएं. आईटी का उपयोग कर पारदर्शिता और सुशासन के लिए ऐसी पहल करने वाला राजस्थान पहला राज्य होगा.

Review meeting of Department of Information Technology and Communication
सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की समीक्षा बैठक में गहलोत
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Published : Aug 10, 2021, 9:32 PM IST

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस (VC) के माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की समीक्षा बैठक की. इस दौरान विभाग की योजनाओं, कार्यक्रमों एवं बजट घोषणाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं और विद्यार्थियों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए शैक्षिक संभाग स्तर पर इन्क्यूबेशन सेन्टर स्थापित किए जाएं तथा स्कूल स्तर तक स्टार्टअप्स गतिविधियों को प्रोत्साहन दिया जाए.

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार स्टार्टअप्स गतिविधियों को प्राथमिकता दे रही है, लेकिन ऐसे कार्यक्रम अभी बड़े शहरों तक सीमित हैं. इसलिए आई-स्टार्ट की तर्ज पर रूरल आई-स्टार्ट कार्यक्रम शुरू करें और राज्य सरकार द्वारा खोले गए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के विद्यार्थियों, ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों, इनोवेटर्स, ग्रामीण उद्यमियों आदि को इनसे विशेष तौर पर जोड़ें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 181 हैल्पलाइन सम्पर्क पोर्टल पर शिकायत करने वाले परिवादियों को बेहतर तरीके से संतुष्ट किया जाए. इसमें विभिन्न स्तरों पर मॉनीटरिंग की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करें. गहलोत ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने कोविड-19 महामारी के दौरान कोविड प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि विभाग इस काम का डॉक्यूमेंटेशन करें.

पढ़ें : पंचायत चुनाव में सक्रिय हुए परसराम, मतदान से पहले मदेरणा और मलखान भी नजर आ सकते हैं मैदान में

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि सुशासन को निचले स्तर तक पहुंचाने के लिए सूचना तकनीक का उपयोग महत्वपूर्ण होता जा रहा है. जो लोग जानकारी के अभाव में सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में जागरूक बनाने की आवश्यकता है. सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता ने बताया कि विगत डेढ़ वर्ष में कोविड के दौरान मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 500 से अधिक बैठकों का आयोजन किया गया.

महत्वपूर्ण सूचनाओं, दिशा-निर्देशों तथा कोविड प्रबंधन में सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए देश-विदेश में बसे प्रवासी राजस्थानियों और विशिष्टजनों को जोड़ने के साथ-साथ राजधानी से लेकर जिला तथा गांव-ढाणी स्तर तक वीसी के जरिए लगभग 6500 बैठकों और संवाद कार्यक्रमों का आयोजन भी विभाग के माध्यम से किया गया है.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस (VC) के माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की समीक्षा बैठक की. इस दौरान विभाग की योजनाओं, कार्यक्रमों एवं बजट घोषणाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं और विद्यार्थियों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए शैक्षिक संभाग स्तर पर इन्क्यूबेशन सेन्टर स्थापित किए जाएं तथा स्कूल स्तर तक स्टार्टअप्स गतिविधियों को प्रोत्साहन दिया जाए.

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार स्टार्टअप्स गतिविधियों को प्राथमिकता दे रही है, लेकिन ऐसे कार्यक्रम अभी बड़े शहरों तक सीमित हैं. इसलिए आई-स्टार्ट की तर्ज पर रूरल आई-स्टार्ट कार्यक्रम शुरू करें और राज्य सरकार द्वारा खोले गए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के विद्यार्थियों, ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों, इनोवेटर्स, ग्रामीण उद्यमियों आदि को इनसे विशेष तौर पर जोड़ें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 181 हैल्पलाइन सम्पर्क पोर्टल पर शिकायत करने वाले परिवादियों को बेहतर तरीके से संतुष्ट किया जाए. इसमें विभिन्न स्तरों पर मॉनीटरिंग की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करें. गहलोत ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने कोविड-19 महामारी के दौरान कोविड प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि विभाग इस काम का डॉक्यूमेंटेशन करें.

पढ़ें : पंचायत चुनाव में सक्रिय हुए परसराम, मतदान से पहले मदेरणा और मलखान भी नजर आ सकते हैं मैदान में

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि सुशासन को निचले स्तर तक पहुंचाने के लिए सूचना तकनीक का उपयोग महत्वपूर्ण होता जा रहा है. जो लोग जानकारी के अभाव में सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में जागरूक बनाने की आवश्यकता है. सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता ने बताया कि विगत डेढ़ वर्ष में कोविड के दौरान मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 500 से अधिक बैठकों का आयोजन किया गया.

महत्वपूर्ण सूचनाओं, दिशा-निर्देशों तथा कोविड प्रबंधन में सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए देश-विदेश में बसे प्रवासी राजस्थानियों और विशिष्टजनों को जोड़ने के साथ-साथ राजधानी से लेकर जिला तथा गांव-ढाणी स्तर तक वीसी के जरिए लगभग 6500 बैठकों और संवाद कार्यक्रमों का आयोजन भी विभाग के माध्यम से किया गया है.

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