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JEE और NEET की परीक्षा से पहले बच्चों में कोरोना ना फैले इसकी पुख्ता व्यवस्था करे केंद्र: शिक्षा मंत्री - JEE and NEET exam

NTA (National Testing Agency) की ओर से जेईई और नीट की तारीखों का एलान करने के बाद एक ओर जहां इसका छात्र विरोध कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर राजनीतिक पार्टियों ने भी इसे मुद्दा बना लिया है. प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इस मामले पर कहा कि पहले ये व्यवस्था करनी चाहिए कि यह संक्रमण हमारे बच्चों में नहीं फैले. जिसके बाद सरकारों को इस बारे में सोचना चाहिए.

Govind Dotasara statement, students Oppose JEE exam
JEE NEET परीक्षा पर बोलते गोविंद सिंह डोटासरा
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Published : Aug 25, 2020, 10:33 PM IST

जयपुर. एक ओर कोरोना संक्रमण काल में जिंदगी की रफ्तार रुकी हुई है. दूसरी ओर नेशनल टेस्ट एजेंसी की ओर से जेईई और नीट की तारीखों का एलान कर दिया है. जेईई मेंस 1 से 6 सितंबर तक और नीट की परीक्षा 13 सितंबर को होगी. लेकिन कोरोना को देखते हुए यह सवाल उठ रहे हैं कि पहले परीक्षा जरूरी है या जिंदगी का इम्तिहान.

JEE और NEET की परीक्षा के आयोजन पर शिक्षा मंत्री का बयान

एक ओर जहां इस मामले में छात्र विरोध कर रहे हैं, तो दूसरी ओर राजनीतिक पार्टियों ने भी इस मामले को मुद्दा बना लिया है. खास तौर पर कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में जमकर विरोध किया है. वहीं, इन परीक्षाओं को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कोरोना काल में परीक्षा करवाने और स्कूल कॉलेज खोलने का निर्णय अब तक केंद्र सरकार के लॉकडाउन के आदेश के तहत हो रहा है.

पढ़ें- 31000 पदों पर होने वाली REET परीक्षा पर संशय के बादल, बेरोजगार कर रहे इंतजार

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सबसे पहले इस बात की पुख्ता व्यवस्था करनी चाहिए कि यह संक्रमण हमारे बच्चों में नहीं फैले. अगर यह व्यवस्था होती है तो केंद्र और राज्य सरकारों को इस बारे में सोचना चाहिए. लेकिन इस बात की व्यवस्था जरूर करनी चाहिए कि हमारे बच्चे संक्रमण की चपेट में न आ जाए.

इसका मतलब साफ है कि कांग्रेस सब विद्यार्थियों के साथ हैं जो नीट और जेईई की परीक्षा कोरोना संक्रमण के चलते इसे टालना चाहते हैं. बता दें कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश के बाद राजस्थान वह तीसरा राज्य है जहां सबसे ज्यादा नीट की परीक्षा देने वाले छात्र हैं. जहां महाराष्ट्र में 2 लाख 28 हजार, उत्तर प्रदेश में 1लाख 54 तो वहीं राजस्थान में 1 लाख 38 हजार छात्र ऐसे हैं, जो नीट की परीक्षा में बैठेंगे. नीट परीक्षा में देशभर के कुल 15 लाख 97 हजार और जेईई की परीक्षा में 8 लाख 58 हजार छात्र परीक्षा देंगे.

जयपुर. एक ओर कोरोना संक्रमण काल में जिंदगी की रफ्तार रुकी हुई है. दूसरी ओर नेशनल टेस्ट एजेंसी की ओर से जेईई और नीट की तारीखों का एलान कर दिया है. जेईई मेंस 1 से 6 सितंबर तक और नीट की परीक्षा 13 सितंबर को होगी. लेकिन कोरोना को देखते हुए यह सवाल उठ रहे हैं कि पहले परीक्षा जरूरी है या जिंदगी का इम्तिहान.

JEE और NEET की परीक्षा के आयोजन पर शिक्षा मंत्री का बयान

एक ओर जहां इस मामले में छात्र विरोध कर रहे हैं, तो दूसरी ओर राजनीतिक पार्टियों ने भी इस मामले को मुद्दा बना लिया है. खास तौर पर कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में जमकर विरोध किया है. वहीं, इन परीक्षाओं को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कोरोना काल में परीक्षा करवाने और स्कूल कॉलेज खोलने का निर्णय अब तक केंद्र सरकार के लॉकडाउन के आदेश के तहत हो रहा है.

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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सबसे पहले इस बात की पुख्ता व्यवस्था करनी चाहिए कि यह संक्रमण हमारे बच्चों में नहीं फैले. अगर यह व्यवस्था होती है तो केंद्र और राज्य सरकारों को इस बारे में सोचना चाहिए. लेकिन इस बात की व्यवस्था जरूर करनी चाहिए कि हमारे बच्चे संक्रमण की चपेट में न आ जाए.

इसका मतलब साफ है कि कांग्रेस सब विद्यार्थियों के साथ हैं जो नीट और जेईई की परीक्षा कोरोना संक्रमण के चलते इसे टालना चाहते हैं. बता दें कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश के बाद राजस्थान वह तीसरा राज्य है जहां सबसे ज्यादा नीट की परीक्षा देने वाले छात्र हैं. जहां महाराष्ट्र में 2 लाख 28 हजार, उत्तर प्रदेश में 1लाख 54 तो वहीं राजस्थान में 1 लाख 38 हजार छात्र ऐसे हैं, जो नीट की परीक्षा में बैठेंगे. नीट परीक्षा में देशभर के कुल 15 लाख 97 हजार और जेईई की परीक्षा में 8 लाख 58 हजार छात्र परीक्षा देंगे.

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