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कारोबारियों के लिए खुशखबरी, ई-वे बिल जारी करने की सीमा अब 1 लाख रुपए

प्रदेश के कारोबारियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. ई-वे बिल जारी करने की सीमा अब एक लाख रुपए कर दी गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में घोषणा की थी, जिसके बाद मुख्य आयुक्त राज्य कर (एसजीएसटी) ने अधिसूचना जारी की है. राजस्थान की सीमा के भीतर माल परिवहन सीमा 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दी गई.

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कारोबारियों के लिए खुशखबरी
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Published : Mar 31, 2021, 4:04 AM IST

जयपुर. 1 अप्रैल 2021 से 1 लाख रुपए तक के माल परिवहन पर ई-वे बिल जारी करने की जरूरत नहीं होगी. तंबाकू उत्पाद, बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला पर छूट का लाभ नहीं दिया गया है. छोटे कारोबारियों को एक बड़ी राहत मिली है. कारोबारी संगठन काफी समय से ई-वे बिल सीमा में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे. स्टेट जीएसटी के मुख्य आयुक्त अभिषेक भगोतिया के अनुसार मुख्यमंत्री की बजट घोषणा की पालना में राज्य की सीमा के भीतर माल परिवहन के लिए ई-वे बिल जारी करने की अनिवार्यता की सीमा को 50,000 रुपए से एक लाख रुपए कर दिया गया है.

अधिसूचना में बताया गया है कि 1 अप्रैल 2021 से 1 लाख रुपए तक के माल परिवहन के लिए अब ई-वे बिल जारी करने की आवश्यकता नहीं होगी. हालांकि, आमजन के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालने वाले सभी प्रकार के तंबाकू उत्पाद, बीड़ी, सिगरेट और पान मसाला को इस छूट का लाभ नहीं दिया जाएगा.

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31 मार्च तक आयकर दाताओं को नोटिस देने का समय

प्रदेश में आयकरदाताओं को 31 मार्च तक नोटिस देने का समय है. 31 मार्च तक आयकर दाताओं को नोटिस मिलना असंभव नजर आ रहा है. प्रदेश में हजारों की संख्या में नोटिस जारी होने हैं. आयकर कानून की धारा- 148 में करदाता को नोटिस जारी होने हैं. नोटिस में करदाता को नोटिस देने का उचित कारण बताना होता है. अब नोटिस भेजने की समय सीमा बढ़ाने की मांग की जा रही है. सीबीडीटी ने 27 मार्च को निर्देश दिए थे, जिसके बाद कम समय में नोटिस जारी करना असंभव हो गया है. निर्देशों के खिलाफ आयकर अधिकारियों का संगठन नाराजगी भी जता रहा है. आयकर अधिकारियों के मुताबिक कोरोना के कारण सरकार ने ही नोटिस देने पर रोक लगाई थी.

यह भी पढ़ें: GST चोरों पर वाणिज्यिक कर विभाग ने कसा शिकंजा, बिना ई-वे बिल वाले 3 ट्रक पकड़े, 11 लाख का जुर्माना वसूला

25 मार्च 2020 से ही करदाताओं को नोटिस देने पर रोक लग गई थी. 14 मार्च को विभागीय सिस्टम इनसाइट पोर्टल पर अधिकार मिला था. अब सिस्टम में लॉगिन करना भी कर निर्धारण अधिकारी की समस्या बन गया है. 2 से 3 घंटे में लॉगइन के लिए ओटीपी मिल रहा है. अधिकारियों के संगठन की राज्य इकाई ने समय सीमा बढ़ाने की मांग की है. प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त राजस्थान के साथ सीबीडीटी चेयरमैन को भी पत्र भेजा गया है.

जयपुर. 1 अप्रैल 2021 से 1 लाख रुपए तक के माल परिवहन पर ई-वे बिल जारी करने की जरूरत नहीं होगी. तंबाकू उत्पाद, बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला पर छूट का लाभ नहीं दिया गया है. छोटे कारोबारियों को एक बड़ी राहत मिली है. कारोबारी संगठन काफी समय से ई-वे बिल सीमा में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे. स्टेट जीएसटी के मुख्य आयुक्त अभिषेक भगोतिया के अनुसार मुख्यमंत्री की बजट घोषणा की पालना में राज्य की सीमा के भीतर माल परिवहन के लिए ई-वे बिल जारी करने की अनिवार्यता की सीमा को 50,000 रुपए से एक लाख रुपए कर दिया गया है.

अधिसूचना में बताया गया है कि 1 अप्रैल 2021 से 1 लाख रुपए तक के माल परिवहन के लिए अब ई-वे बिल जारी करने की आवश्यकता नहीं होगी. हालांकि, आमजन के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालने वाले सभी प्रकार के तंबाकू उत्पाद, बीड़ी, सिगरेट और पान मसाला को इस छूट का लाभ नहीं दिया जाएगा.

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31 मार्च तक आयकर दाताओं को नोटिस देने का समय

प्रदेश में आयकरदाताओं को 31 मार्च तक नोटिस देने का समय है. 31 मार्च तक आयकर दाताओं को नोटिस मिलना असंभव नजर आ रहा है. प्रदेश में हजारों की संख्या में नोटिस जारी होने हैं. आयकर कानून की धारा- 148 में करदाता को नोटिस जारी होने हैं. नोटिस में करदाता को नोटिस देने का उचित कारण बताना होता है. अब नोटिस भेजने की समय सीमा बढ़ाने की मांग की जा रही है. सीबीडीटी ने 27 मार्च को निर्देश दिए थे, जिसके बाद कम समय में नोटिस जारी करना असंभव हो गया है. निर्देशों के खिलाफ आयकर अधिकारियों का संगठन नाराजगी भी जता रहा है. आयकर अधिकारियों के मुताबिक कोरोना के कारण सरकार ने ही नोटिस देने पर रोक लगाई थी.

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25 मार्च 2020 से ही करदाताओं को नोटिस देने पर रोक लग गई थी. 14 मार्च को विभागीय सिस्टम इनसाइट पोर्टल पर अधिकार मिला था. अब सिस्टम में लॉगिन करना भी कर निर्धारण अधिकारी की समस्या बन गया है. 2 से 3 घंटे में लॉगइन के लिए ओटीपी मिल रहा है. अधिकारियों के संगठन की राज्य इकाई ने समय सीमा बढ़ाने की मांग की है. प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त राजस्थान के साथ सीबीडीटी चेयरमैन को भी पत्र भेजा गया है.

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