जयपुर. मुख्य सचिव राजीव स्वरूप को राज्य में लागू होने वाली पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पॉलिसी का ड्राफ्ट मंगलवार को सौंपा गया. हरिश्चन्द्र माथुर और लोक प्रशासन संस्थान के प्रबंध निदेशक संदीप वर्मा ने यह ड्राफ्ट मुख्य सचिव को दिया.
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि जन सेवाओं और योजनाओं की गुणवत्ता में किसी प्रकार की कमी नहीं हो ताकि आम जन को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) पॉलिसी के लागू होने से राज्य की जनकल्याणकारी परियोजनाओं की गुणवत्ता के स्तर को और भी बेहतर बनाया जा सकेगा.
निजी क्षेत्र के सहयोग से योजनाओं में उच्च स्तर और नवीन क्षमताओं व कौशल का उपयोग कर उन्हें ज्यादा लाभकारी बनाया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी के माध्यम से पीपीपी (Public Private Partnership) परियोजनाओं की लगातार प्रभावी मॉनिटरिंग किया जाना सुनिश्चित किया गया है. उन्होंने कहा कि योजनाओं के पूरी होने तक ही नहीं बल्कि योजनाओं की क्रियान्विति के बाद भी उसका संचालन एवं प्रबंधन सुनिश्चित हो, इसके प्रावधान इस पॉलिसी में किए गए हैं.
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मुख्य सचिव ने कहा कि पॉलिसी के माध्यम से पीपीपी परियोजनाओं के निर्माण और संचालन में पूरी पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित की गई है, जिससे विवादों की संभावनाएं भी कम से कम होंगी. उन्होंने बताया कि ग्रीन फील्ड और ब्राउन फील्ड सभी प्रकार की परियोजनाएं सही लागत और उचित समय पर पूरी हों, संसाधनों व धन का उचित उपयोग सुनिश्चित हो यह सरकार की प्राथमिकता है.
संदीप वर्मा ने बताया कि केन्द्रीय पॉलिसी और राजस्थान सरकार की पीपीपी पॉलिसी 2008 के ड्राफ्ट और विभिन्न रिपोर्टों के विस्तृत अध्ययन के बाद इस पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य के उच्च अधिकारियों, उद्योगपतियो से भी चर्चाएं कर उनकी अनुभवों और सुझावों के आधार पर इसका निर्माण किया गया है.