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Doctors Strike in Rajasthan: डॉक्टरों का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार, NEET counseling में देरी का कर रहे विरोध

Doctors Strike in Rajasthan: नीट पीजी काउंसलिंग (Delay in Neet pg counseling) में देरी के विरोध में रेजिडेंट डॉक्टर्स आंदोलन (Resident doctors agitation) की राह पर हैं. रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रदेश व्यापी आह्वान पर अब डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं.वहीं नीट पीजी काउंसिलंग की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 6 जनवरी को होनी है.

NEET-PG Counselling 2021
Doctors Strike
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Published : Nov 29, 2021, 11:24 AM IST

जयपुर. नीट पीजी काउंसलिंग (NEET-PG Counselling 2021) में लेटलतीफी का देशभर में विरोध किया जा रहा है. राजधानी जयपुर में रेजीडेंट डॉक्टर सोमवार से संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं. हालांकि इमरजेंसी सेवाओं को कार्य बहिष्कार से दूर रखा गया है. सोमवार से रेजिडेंट्स ने ओपीडी सेवाएं नहीं देने का निर्णय लिया है.

नीट पीजी काउंसलिंग में हो रही देरी के कारण रेजिडेंट चिकित्सकों में आक्रोश व्याप्त है. उनका कहना है कि काउंसलिंग नहीं होने के कारण उन पर लगातार काम का बोझ बढ़ रहा है, इसके कारण रेजिडेंट चिकित्सक अवसाद का शिकार हो रहे हैं. काउंसलिंग को लेकर केंद्र सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है. रविवार को प्रदेश के रेजिडेंट चिकित्सकों ने ओपीडी का बहिष्कार (OPD boycott) कर सोमवार से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर जाने की चेतावनी दी थी. रेजिडेंट ओपीडी के साथ-साथ आईपीडी, एकेडमिक शेड्यूल और कक्षाओं का भी बहिष्कार करेंगे. इस दौरान इमरजेंसी से जुड़ी सेवाओं को चालू रखा जाएगा.

यह भी पढ़ें- NEET-PG Counselling 2021 में देरी का विरोध, चिकित्सकों ने किया ओपीडी का बहिष्कार

1000 की जगह मात्र 600 रेजिडेंट

जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (Jaipur Association of Resident Doctors) के अध्यक्ष अमित यादव ने बताया कि काउंसलिंग में हो रही देरी के चलते नया बैच अस्पतालों में नहीं आ पा रहा है. ऐसे में जहां 1000 रेजिडेंट चिकित्सकों की अस्पतालों में जरूरत है, वहां सिर्फ 600 रेजिडेंट ही काम कर रहे हैं. बाकी 400 रेजिडेंट का कार्य भी मौजूदा रेजिडेंट चिकित्सकों द्वारा ही किया जा रहा है. ऐसे में चिकित्सकों में लगातार काम का बोझ बढ़ रहा है.

यह भी पढ़ें- Neet PG counseling: नीट पीजी काउंसलिंग में देरी के विरोध में रेजिडेंट डॉक्टर्स आंदोलन की राह पर

ओपीडी में सीनियर डॉक्टरों की लगाई

हालांकि अस्पताल प्रशासन की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था कर दी गई है. ओपीडी में सीनियर डॉक्टरों को लगाया गया है. ओपीडी आने वाले मरीजों को सीनियर डॉक्टर देख रहे हैं. रेजिडेंट के कार्य बहिष्कार के कारण एसएमएस अस्पताल, जेके लोन अस्पताल, गणगौरी और जनाना अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में कार्य प्रभावित होंगे.

जोधपुर में भी चिकित्सकों का कार्य बहिष्कार

सोमवार को डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने दो दिन तक ऑपरेशन थिएटर, ओपीडी और आईपीडी का बहिष्कार कर दिया है. सोमवार व मंगलवार को मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी और लेबर रूम में रेजीडेंट डॉक्टर काम करेंगे. इसके अतिरिक्त किसी तरह के ऑपरेशन में शामिल नहीं होंगे. इससे शिड्यूल ऑपरेशन टालने की आशंका बन गई है क्योंकि बिना रेजिडेंट के सीनियर डॉक्टर थिएटर पूरी क्षमता के साथ नही चला सकते.

जयपुर. नीट पीजी काउंसलिंग (NEET-PG Counselling 2021) में लेटलतीफी का देशभर में विरोध किया जा रहा है. राजधानी जयपुर में रेजीडेंट डॉक्टर सोमवार से संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं. हालांकि इमरजेंसी सेवाओं को कार्य बहिष्कार से दूर रखा गया है. सोमवार से रेजिडेंट्स ने ओपीडी सेवाएं नहीं देने का निर्णय लिया है.

नीट पीजी काउंसलिंग में हो रही देरी के कारण रेजिडेंट चिकित्सकों में आक्रोश व्याप्त है. उनका कहना है कि काउंसलिंग नहीं होने के कारण उन पर लगातार काम का बोझ बढ़ रहा है, इसके कारण रेजिडेंट चिकित्सक अवसाद का शिकार हो रहे हैं. काउंसलिंग को लेकर केंद्र सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है. रविवार को प्रदेश के रेजिडेंट चिकित्सकों ने ओपीडी का बहिष्कार (OPD boycott) कर सोमवार से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर जाने की चेतावनी दी थी. रेजिडेंट ओपीडी के साथ-साथ आईपीडी, एकेडमिक शेड्यूल और कक्षाओं का भी बहिष्कार करेंगे. इस दौरान इमरजेंसी से जुड़ी सेवाओं को चालू रखा जाएगा.

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1000 की जगह मात्र 600 रेजिडेंट

जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (Jaipur Association of Resident Doctors) के अध्यक्ष अमित यादव ने बताया कि काउंसलिंग में हो रही देरी के चलते नया बैच अस्पतालों में नहीं आ पा रहा है. ऐसे में जहां 1000 रेजिडेंट चिकित्सकों की अस्पतालों में जरूरत है, वहां सिर्फ 600 रेजिडेंट ही काम कर रहे हैं. बाकी 400 रेजिडेंट का कार्य भी मौजूदा रेजिडेंट चिकित्सकों द्वारा ही किया जा रहा है. ऐसे में चिकित्सकों में लगातार काम का बोझ बढ़ रहा है.

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ओपीडी में सीनियर डॉक्टरों की लगाई

हालांकि अस्पताल प्रशासन की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था कर दी गई है. ओपीडी में सीनियर डॉक्टरों को लगाया गया है. ओपीडी आने वाले मरीजों को सीनियर डॉक्टर देख रहे हैं. रेजिडेंट के कार्य बहिष्कार के कारण एसएमएस अस्पताल, जेके लोन अस्पताल, गणगौरी और जनाना अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में कार्य प्रभावित होंगे.

जोधपुर में भी चिकित्सकों का कार्य बहिष्कार

सोमवार को डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने दो दिन तक ऑपरेशन थिएटर, ओपीडी और आईपीडी का बहिष्कार कर दिया है. सोमवार व मंगलवार को मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी और लेबर रूम में रेजीडेंट डॉक्टर काम करेंगे. इसके अतिरिक्त किसी तरह के ऑपरेशन में शामिल नहीं होंगे. इससे शिड्यूल ऑपरेशन टालने की आशंका बन गई है क्योंकि बिना रेजिडेंट के सीनियर डॉक्टर थिएटर पूरी क्षमता के साथ नही चला सकते.

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