जयपुर. हाल ही में प्रदेश के मुखिया गहलोत ने एसएमएस अस्पताल में कहा था कि एक व्यक्ति यदि किसी कारण चिकित्सकों के साथ अभद्रता करता है, तो सभी डॉक्टर्स स्ट्राइक पर चले जाते हैं. जिसका खामियाजा दूसरे मरीजों को भुगतना पड़ता है. सीएम ने डॉक्टर्स को ऐसा ना करने की नसीहत दी थी. लेकिन इस नसीहत का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है.
SMS अस्पताल में आज एक बार फिर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. यहां गेस्ट्रोलॉजी विभाग में हुई रेजिडेंट डॉक्टर से मारपीट मामले को लेकर अन्य डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार किया. इस दौरान अस्पताल में व्यवस्थाएं पूरी तरह गड़बड़ा गई और मरीज भी परेशान नजर आए. त्यौहार के बाद अस्पताल में बुधवार को बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे. आम दिनों की तुलना में ओपीडी में डेढ़ गुना अधिक मरीज मौजूद रहे. यही नहीं जिस इमरजेंसी सेवाओं को अब से पहले हड़ताल से दूर रखा जाता था, वह भी आज प्रभावित होती हुई नजर आई.
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इस बारे में जार्ड प्रेसिडेंट डॉ अजीत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी लड़ाई मरीजों से नहीं बल्कि सिस्टम से है. डॉक्टर भी आम जनता में से ही एक है. ऐसे में उनकी सुरक्षा भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि उनकी मांग सीसीटीवी कैमरा और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने को लेकर है, जिससे आमजन को भी फायदा मिलेगा. आपको बता दें कि मामला अस्पताल के गेस्ट्रोलॉजी विभाग में भर्ती एक मरीज की लिवर फेल होने से मौत से जुड़ा है. जिस पर मृतक के परिजनों पर दो रेजिडेंट डॉक्टर के साथ मारपीट का आरोप है. इस संबंध में प्रशासन ने एक दर्जन लोगों के खिलाफ मोती डूंगरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. अब तक 5 लोगों को हिरासत में भी लिया जा चुका है.