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रेजिडेंट डॉक्टर्स पर नहीं पड़ा सीएम गहलोत की नसीहत का असर

एसएमएस अस्पताल में बुधवार को दिन मरीजों के लिए मुश्किल भरा रहा. गैस्ट्रोलॉजी वार्ड में रेजिडेंट डॉक्टर से मारपीट की घटना को लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों ने संपूर्ण कार्यो का बहिष्कार किया. सीएम अशोक गहलोत की नसीहत का भी उन पर असर नहीं दिखा.

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Published : Oct 30, 2019, 7:51 PM IST

जयपुर. हाल ही में प्रदेश के मुखिया गहलोत ने एसएमएस अस्पताल में कहा था कि एक व्यक्ति यदि किसी कारण चिकित्सकों के साथ अभद्रता करता है, तो सभी डॉक्टर्स स्ट्राइक पर चले जाते हैं. जिसका खामियाजा दूसरे मरीजों को भुगतना पड़ता है. सीएम ने डॉक्टर्स को ऐसा ना करने की नसीहत दी थी. लेकिन इस नसीहत का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है.

एसएमएस अस्पताल में डॅाक्टरों का कार्य बहिष्कार जारी

SMS अस्पताल में आज एक बार फिर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. यहां गेस्ट्रोलॉजी विभाग में हुई रेजिडेंट डॉक्टर से मारपीट मामले को लेकर अन्य डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार किया. इस दौरान अस्पताल में व्यवस्थाएं पूरी तरह गड़बड़ा गई और मरीज भी परेशान नजर आए. त्यौहार के बाद अस्पताल में बुधवार को बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे. आम दिनों की तुलना में ओपीडी में डेढ़ गुना अधिक मरीज मौजूद रहे. यही नहीं जिस इमरजेंसी सेवाओं को अब से पहले हड़ताल से दूर रखा जाता था, वह भी आज प्रभावित होती हुई नजर आई.

पढ़ें- सेटेलाइट अस्पताल में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था, एक बेड पर 4 मरीज लेटने पर मजबूर

इस बारे में जार्ड प्रेसिडेंट डॉ अजीत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी लड़ाई मरीजों से नहीं बल्कि सिस्टम से है. डॉक्टर भी आम जनता में से ही एक है. ऐसे में उनकी सुरक्षा भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि उनकी मांग सीसीटीवी कैमरा और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने को लेकर है, जिससे आमजन को भी फायदा मिलेगा. आपको बता दें कि मामला अस्पताल के गेस्ट्रोलॉजी विभाग में भर्ती एक मरीज की लिवर फेल होने से मौत से जुड़ा है. जिस पर मृतक के परिजनों पर दो रेजिडेंट डॉक्टर के साथ मारपीट का आरोप है. इस संबंध में प्रशासन ने एक दर्जन लोगों के खिलाफ मोती डूंगरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. अब तक 5 लोगों को हिरासत में भी लिया जा चुका है.

जयपुर. हाल ही में प्रदेश के मुखिया गहलोत ने एसएमएस अस्पताल में कहा था कि एक व्यक्ति यदि किसी कारण चिकित्सकों के साथ अभद्रता करता है, तो सभी डॉक्टर्स स्ट्राइक पर चले जाते हैं. जिसका खामियाजा दूसरे मरीजों को भुगतना पड़ता है. सीएम ने डॉक्टर्स को ऐसा ना करने की नसीहत दी थी. लेकिन इस नसीहत का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है.

एसएमएस अस्पताल में डॅाक्टरों का कार्य बहिष्कार जारी

SMS अस्पताल में आज एक बार फिर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. यहां गेस्ट्रोलॉजी विभाग में हुई रेजिडेंट डॉक्टर से मारपीट मामले को लेकर अन्य डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार किया. इस दौरान अस्पताल में व्यवस्थाएं पूरी तरह गड़बड़ा गई और मरीज भी परेशान नजर आए. त्यौहार के बाद अस्पताल में बुधवार को बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे. आम दिनों की तुलना में ओपीडी में डेढ़ गुना अधिक मरीज मौजूद रहे. यही नहीं जिस इमरजेंसी सेवाओं को अब से पहले हड़ताल से दूर रखा जाता था, वह भी आज प्रभावित होती हुई नजर आई.

पढ़ें- सेटेलाइट अस्पताल में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था, एक बेड पर 4 मरीज लेटने पर मजबूर

इस बारे में जार्ड प्रेसिडेंट डॉ अजीत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी लड़ाई मरीजों से नहीं बल्कि सिस्टम से है. डॉक्टर भी आम जनता में से ही एक है. ऐसे में उनकी सुरक्षा भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि उनकी मांग सीसीटीवी कैमरा और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने को लेकर है, जिससे आमजन को भी फायदा मिलेगा. आपको बता दें कि मामला अस्पताल के गेस्ट्रोलॉजी विभाग में भर्ती एक मरीज की लिवर फेल होने से मौत से जुड़ा है. जिस पर मृतक के परिजनों पर दो रेजिडेंट डॉक्टर के साथ मारपीट का आरोप है. इस संबंध में प्रशासन ने एक दर्जन लोगों के खिलाफ मोती डूंगरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. अब तक 5 लोगों को हिरासत में भी लिया जा चुका है.

Intro:जयपुर - एसएमएस अस्पताल में आज मरीजों के लिए मुश्किल का दिन रहा। गैस्ट्रोलॉजी वार्ड में रेजिडेंट डॉक्टर से मारपीट की घटना को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर रहे। सीएम अशोक गहलोत की नसीहत का भी उन पर असर नहीं दिखा। इस दौरान उन्होंने आईपीडी, ओपीडी के साथ साथ इमरजेंसी में सेवाएं देने का भी बहिष्कार किया। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ा।


Body:फाइल बाइट - अशोक गहलोत, सीएम
हाल ही में प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत ने एसएमएस अस्पताल में कहा था कि एक व्यक्ति यदि किसी कारण चिकित्सकों के साथ अभद्रता करता है, तो सभी डॉक्टर्स स्ट्राइक पर चले जाते हैं। जिसका खामियाजा दूसरे मरीजों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने डॉक्टर्स को ऐसा ना करने की नसीहत दी थी। लेकिन इस नसीहत का कोई असर देखने को नहीं मिला। s.m.s. अस्पताल में आज एक बार फिर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जहां गेस्ट्रोलॉजी विभाग में हुई रेजिडेंट डॉक्टर्स के साथ मारपीट मामले को लेकर डॉक्टर्स कार्य बहिष्कार पर रहे। इस दौरान अस्पताल में व्यवस्थाएं पूरी तरह गड़बड़ा गई। और मरीज भी परेशान होते रहे। त्यौहार के बाद अस्पताल में बुधवार को बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे। आम दिनों की तुलना में ओपीडी में डेढ़ गुना अधिक मरीज पहुंचे। वहीं आईपीडी में भर्ती मरीज भी इलाज के लिए परेशान होते रहे। यही नहीं जिस इमरजेंसी सेवाओं को अब से पहले हड़ताल से दूर रखा जाता था। वह भी आज प्रभावित होती हुई नजर आई। इस पर जार्ड प्रेसिडेंट डॉ अजीत ने तर्क दिया कि उनकी लड़ाई मरीजों से नहीं बल्कि सिस्टम से है। डॉक्टर भी आम जनता में से ही एक है। ऐसे में उनकी सुरक्षा भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि उनकी मांग सीसीटीवी कैमरा और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने को लेकर है। जिससे आमजन को भी फायदा मिलेगा।
बाईट - डॉ अजीत, प्रेसिडेंट, जार्ड


Conclusion:आपको बता दें कि मामला अस्पताल के गेस्ट्रोलॉजी विभाग में भर्ती एक मरीज की लिवर फेल होने से मौत से जुड़ा है। जिस पर मृतक के परिजनों पर दो रेजिडेंट डॉक्टर के साथ मारपीट का आरोप है। इस संबंध में प्रशासन ने एक दर्जन लोगों के खिलाफ मोती डूंगरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। और अब तक 5 लोगों को हिरासत में भी लिया जा चुका है।
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