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कोरोना संक्रमण के बीच जिला प्रशासन सतर्क, नोडल अधिकारियों को दिए प्राइवेट हॉस्पिटलों के ऑक्सीजन सिलेंडरों की मॉनिटरिंग के निर्देश - Monitoring of oxygen cylinders

राजस्थान में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने जन अनुशासन पखवाड़ा लागू किया है. जिसके बाद सोमवार को जयपुर में जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने ऑक्सीजन सिलेंडरों को लेकर नोडल अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान कलेक्टर ने प्राइवेट हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की स्थिति को लेकर आंकलन करने के निर्देश दिए.

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जिला कलेक्टर ने नोडल अधिकारियों को दिए ऑक्सीजन सिलेंडरों की मॉनिटरिंग के निर्देश
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Published : Apr 19, 2021, 3:33 PM IST

जयपुर. बढ़ते संक्रमण और जन अनुशासन पखवाड़ा को देखते हुए जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है और जिला कलेक्ट्रेट में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने सोमवार को ऑक्सीजन सिलेंडरों को लेकर नोडल अधिकारियों की बैठक ली. जिसमें प्राइवेट हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की स्थिति को लेकर आंकलन करने के निर्देश दिए गए. होटल और गेस्ट हाउस को कोविड केयर सेंटर बनाने पर भी चर्चा की गई.

जिला कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा की अध्यक्षता में नोडल अधिकारियों की बैठक हुई. जयपुर शहर में अलग-अलग स्थानों के लिए 45 नोडल अधिकारी लगाए हुए हैं और इनके अधिकार क्षेत्र में अलग-अलग प्राइवेट अस्पताल है.

जिला कलेक्टर ने नोडल अधिकारियों को दिए ऑक्सीजन सिलेंडरों की मॉनिटरिंग के निर्देश

इन सभी नोडल अधिकारियों को अपने अपने क्षेत्र में स्थित प्राइवेट अस्पतालों में रखे ऑक्सीजन सिलेंडर की स्थिति, उनकी संख्या का आकलन करने के निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य के लिए रूपरेखा तैयार की जा सके. नेहरा ने कहा कि वर्तमान में ऑक्सीजन की कमी नहीं है लेकिन भविष्य में ऑक्सीजन की की स्थिति न बिगड़े इसलिए नोडल अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं.

कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से इन नोडल अधिकारियों को लगाया गया है. नेहरा ने कहा कि जयपुर शहर में कोरोना लगातार बढ़ता जा रहा है और ऐसी स्थिति में मरीजों के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई निर्बाध रूप से जारी रही इसके लिए यह बैठक ली गई है. इन नोडल अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले प्राइवेट अस्पतालों में सिलेंडरों की स्थिति और ऑक्सीजन की मॉनिटरिंग केई जाएगी. साथ ही इन्हें निर्देश दिए जाएंगे कि मरीजों से अधिक राशि नहीं ली जाए.

पढ़ें- राजस्थान में 3 मई तक स्कूल बंद, शिक्षक वर्क फ्रॉम होम करेंगे

वहीं, लिक्विड ऑक्सीजन सहित 7000 सिलेंडर की व्यवस्था प्रशासन की ओर से की जा सकती है. ऑक्सीजन प्लांट पर ड्रग इंस्पेक्टर भी बैठा दिया गया है ताकि ऑक्सीजन की मॉनिटरिंग हो सके. किसी भी कमर्शियल और इंडस्ट्रियल एक्टिविटी के लिए ऑक्सीजन का उपयोग नहीं किया जाएगा. कलेक्टर ने नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि किसी हॉस्पिटल के निकट होटल या गेस्ट हाउस है से तो वह बेड उपलब्ध करा सकता है तो उस गेस्ट हाउस और होटल से बात करके उन्हें कोविड केयर सेंटर भी बना सकते हैं.

जयपुर. बढ़ते संक्रमण और जन अनुशासन पखवाड़ा को देखते हुए जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है और जिला कलेक्ट्रेट में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने सोमवार को ऑक्सीजन सिलेंडरों को लेकर नोडल अधिकारियों की बैठक ली. जिसमें प्राइवेट हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की स्थिति को लेकर आंकलन करने के निर्देश दिए गए. होटल और गेस्ट हाउस को कोविड केयर सेंटर बनाने पर भी चर्चा की गई.

जिला कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा की अध्यक्षता में नोडल अधिकारियों की बैठक हुई. जयपुर शहर में अलग-अलग स्थानों के लिए 45 नोडल अधिकारी लगाए हुए हैं और इनके अधिकार क्षेत्र में अलग-अलग प्राइवेट अस्पताल है.

जिला कलेक्टर ने नोडल अधिकारियों को दिए ऑक्सीजन सिलेंडरों की मॉनिटरिंग के निर्देश

इन सभी नोडल अधिकारियों को अपने अपने क्षेत्र में स्थित प्राइवेट अस्पतालों में रखे ऑक्सीजन सिलेंडर की स्थिति, उनकी संख्या का आकलन करने के निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य के लिए रूपरेखा तैयार की जा सके. नेहरा ने कहा कि वर्तमान में ऑक्सीजन की कमी नहीं है लेकिन भविष्य में ऑक्सीजन की की स्थिति न बिगड़े इसलिए नोडल अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं.

कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से इन नोडल अधिकारियों को लगाया गया है. नेहरा ने कहा कि जयपुर शहर में कोरोना लगातार बढ़ता जा रहा है और ऐसी स्थिति में मरीजों के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई निर्बाध रूप से जारी रही इसके लिए यह बैठक ली गई है. इन नोडल अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले प्राइवेट अस्पतालों में सिलेंडरों की स्थिति और ऑक्सीजन की मॉनिटरिंग केई जाएगी. साथ ही इन्हें निर्देश दिए जाएंगे कि मरीजों से अधिक राशि नहीं ली जाए.

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वहीं, लिक्विड ऑक्सीजन सहित 7000 सिलेंडर की व्यवस्था प्रशासन की ओर से की जा सकती है. ऑक्सीजन प्लांट पर ड्रग इंस्पेक्टर भी बैठा दिया गया है ताकि ऑक्सीजन की मॉनिटरिंग हो सके. किसी भी कमर्शियल और इंडस्ट्रियल एक्टिविटी के लिए ऑक्सीजन का उपयोग नहीं किया जाएगा. कलेक्टर ने नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि किसी हॉस्पिटल के निकट होटल या गेस्ट हाउस है से तो वह बेड उपलब्ध करा सकता है तो उस गेस्ट हाउस और होटल से बात करके उन्हें कोविड केयर सेंटर भी बना सकते हैं.

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