जयपुर. शहर में चलने वाले 15 साल पुराने डीजल के वाहन 31 मार्च के बाद बंद हो जाएंगे. बता दें कि राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के कोटा जोधपुर, अलवर, उदयपुर में 31 मार्च के बाद 15 साल पुराने कॉमर्शियल डीजल वाहन नहीं चल सकेंगे. इतना ही नहीं 31 मार्च के बाद इन वाहनों की कैटेगरी भी चेंज नहीं होगी.
21वीं सदी के अंतर्गत वायु प्रदूषण एक सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरा है. वहीं, देश सहित प्रदेश में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के द्वारा लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं. इसी को देखते हुए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के द्वारा राजस्थान में चलने वाले 15 साल पुराने डीजल के वाहन 31 मार्च के बाद बंद हो जाएंगे. बता दें कि राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के कोटा जोधपुर, उदयपुर, अलवर में 31 मार्च के बाद 15 साल पुराने कॉमर्शियल डीजल वाहन नहीं चल सकेंगे. इतना ही नहीं 31 मार्च के बाद इन वाहनों की कैटेगरी भी चेंज नहीं होगी, यानी कमर्शियल से प्राइवेट नंबर में भी नहीं जा सकेंगे.
31 मार्च से पहले इन शहरों में चल रहे 15 साल पुराने डीजल कमर्शियल वाहन 5 जिलों के शहर को छोड़कर दूसरी जगह चल सकते हैं . इसके बाद एनओसी भी जारी नहीं की जाएगी. निर्धारित तारीख के बाद इन वाहनों के परमिट फिटनेस आरसी भी जारी नही होगी. वहीं पेट्रोल सीएनजी और एलपीजी से चलने वाले 15 साल पुराने कॉमर्शियल वाहन यथावत रहेंगे. जयपुर की बात की जाए तो जयपुर में 40,000 से अधिक वाहन है. इनके अंतर्गत कार जीप और ट्रक भी शामिल है.
पढ़ेंः Special: भूमि संबंधित विवादों का राजस्थान पुलिस इस तरह से करती है समाधान
इसके साथ ही 15 साल पुराने प्राइवेट नंबर में डीजल पेट्रोल सीएनजी और एलपीजी में चल रही कार जीप और मोटरसाइकिल सहित अन्य वाहनों की आरसी रिन्यूवल कराने में फिलहाल किसी भी प्रकार की रोक नहीं है. लेकिन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अब स्क्रैप पॉलिसी लाने जा रहा है, ताकि 15 साल पुराने वाहन स्क्रैप पॉलिसी के तहत लोगों को अधिक से अधिक फायदा हो सके.दूसरी तरफ 15 साल पुराने वाहनों को सड़क से हटाने के लिए आरसी रिनुअल की फीस भी महंगी करने की तैयारी कर ली गई है.
परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बताया कि केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय और एनजीटी के आदेशों के अनुसार 15 साल पुराने डीजल के कमर्शल वाहन नहीं चल सकेंगे. ना ही इन वाहनों की आरसी फिटनेस हो सकेगी. जैन ने बताया कि, यह प्रक्रिया 31 मार्च 2020 तक करनी थी लेकिन देश के अंतर्गत लगातार बड़े कोविड-19 के केस और लगे लॉक डाउन की वजह से इस अवधि को बढ़ाकर 31 मार्च 2021 किया है. जैन ने बताया कि इन 5 शहरों को छोड़कर यदि वाहन मालिक दूसरे शहर में जाकर इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन करवाता है, तो परिवहन विभाग की ओर से उस पर रजिस्ट्रेशन भी किया जा सकेगा.
इसके साथ ही रवि जैन ने बताया कि एनजीटी के आदेशों के अनुसार इसमें दो तरीके के कंडीशन है, जिसमें एनसीआर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अलवर और भरतपुर के जो 15 साल पुराने पेट्रोल के वाहन है वह उधर नहीं चल सकेंगे और इसके साथ ही 10 साल पुराने डीजल के वाहन एनसीआर के क्षेत्र में नहीं चल सकेंगे. ऐसे में इन लोगों के वाहनों की रजिस्ट्रेशन भी दूसरे शहरों में नहीं हो पाएंगे.
इन्हें केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की ओर से लाई गई इस पॉलिसी के अंतर्गत अपने वाहनों को देना होगा. जैन ने बताया कि एनसीआर क्षेत्र में आने वाले इन वाहनों का बाहरी क्षेत्रों में रजिस्ट्रेशन हो सकता है इसके साथ ही जन्म बताया एनसीआर क्षेत्र में आने वाले वाहनों पर नाही कमर्शियल वाहन चल सकेंगे और ना ही प्राइवेट वाहन चल सकेंगे ऐसे में जिन वाहनों की अवधि 10 और 15 साल की पूरी हो चुकी है वह वाहन अब एनसीआर के क्षेत्रों में नहीं चल सकेंगे.
15 साल पुराने पेट्रोल वाहन भी होंगे बंदः
एनजीटी के आदेश के अनुसार एनसीआर में आने वाले अलवर और भरतपुर में 15 साल पुराने पेट्रोल के वाहन भी बंद हो जाएंगे. वहीं अलवर और भरतपुर के अंतर्गत 10 साल पुराने डीजल के प्राइवेट कमर्शियल का संचालन नहीं हो सकेगा .कोर्ट ने इन वाहनों पर रोक लगा रखी है. इन शहरों में इन वाहनों की आरसी रिनुअल भी नहीं होगी. 31 मार्च से पहले इन वाहनों की आरती व करा कर इन्हें इन जिलों के अलावा दूसरे जिलों में चलाया जा सकता है.
जानिए प्रदेश के आंकड़ेः
वाहन | संख्या |
कार | 56569 |
ट्रेलर | 16882 |
बस | 27216 |
ट्रक | 46381 |