जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस के विधायक लगातार नौकरशाही पर (Congress National Secretary Dheeraj on Officers) सवाल उठा रहे हैं. विधायक गणेश घोघरा, रामलाल मीणा, दिव्या मदेरणा, गिर्राज मलिंगा हों या फिर मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा, सभी ब्यूरोक्रेसी पर कहीं ना कहीं सवाल उठाते दिखाई दे रहे हैं. लेकिन अब इन विधायकों के समर्थन में एआईसीसी सचिव और प्रियंका गांधी के साथ उत्तर प्रदेश के सहप्रभारी के तौर पर काम कर रहे धीरज गुर्जर भी आ खड़े हुए हैं.
धीरज गुर्जर ने ट्वीट करते हुए कहा कि अधिकारी कभी किसी सरकार के नहीं होते. वह सत्ता के और खुद के होते हैं. जब अपनी कुर्सी को बचाए रखने के लिए विपक्षी दलों से वह हाथ मिला लेते हैं तब वह सरकार की कब्र खोद रहे होते हैं. धीरज गुर्जर ने कहा कि समय पर इनकी पहचान ना करने से किसी भी सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं. सीधे तौर पर अपने ट्वीट के जरिए धीरज गुर्जर ने नौकरशाही पर सवाल तो उठाया ही है.
इसके साथ ही सरकार को यह सलाह भी दी है कि ऐसे नौकरशाहों की पहचान (Rajasthan Seed Corporation Chairman on Bureaucracy) सरकार को होनी चाहिए, जो कुर्सी के लिए विपक्षी दलों से हाथ मिलाकर बैठे हैं. न केवल सलाह, बल्कि धीरज गुर्जर ने सरकार को चेताया भी है कि समय पर अगर ऐसे अधिकारियों की पहचान नहीं की गई तो सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं.
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