जयपुर. मां शक्ति की आराधना के चैत्र नवरात्रा के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की गई. इतिहास में पहली बार नवरात्रों में शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद रहा. प्रदेश में लॉक डाउन के चलते शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद किया गया है. ऐसे में केवल पुजारी ही नवरात्रों के दौरान माता की पूजा-अर्चना करेंगे.
इस साल नहीं होगा मेला
आमेर शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद होने से नवरात्र मेला भी नहीं भरेगा. रोजाना पुजारी ही शिला माता के दरबार में पूजा अर्चना करेंगे. शिला माता मंदिर में नवरात्रों के दौरान 10 महाविद्याओं और 9 दुर्गाओं की प्रतिदिन पूजा अर्चना की जाएगी.
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नवरात्र के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माता, तीसरे नवरात्र को चंद्रघंटा माता, चौथे नवरात्र को कुषमांडा माता, पांचवे नवरात्रा को स्कंधमाता, छठे नवरात्र को कात्यायनी माता, सातवें नवरात्र को कालरात्रि माता, आठवे नवरात्र को महागौरी माता और नवे व आखिरी नवरात्र को सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाएगी.
नवरात्रों में हर दिन दुर्गा सप्तमी का पाठ और हवन किया जाएगा. माता रानी का विशेष श्रृंगार कर झांकी भी सजाई जाएगी. नवरात्रों में पूर्व राज परिवार की ओर से माता रानी की पोशाक चढ़ाई जाती है और रोजाना आभूषणों का विशेष श्रृंगार किया जाता है.
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9 दिन तक होगी विधिवत पूजा
शिला माता मंदिर के पुजारी बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि शिला माता मंदिर में 9 दिन तक विधिवत रूप से माता की पूजा-अर्चना की जाएगी, लेकिन भक्तों का प्रवेश बंद रहेगा. पुजारी बनवारी लाल ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि राजस्थान में लॉक डाउन के चलते माता के दर्शन बंद रहेंगे. कृपया श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए मंदिर में नहीं आवे. 1 अप्रैल को शाम 4:30 बजे पूर्णाहुति और रात्रि 10 बजे निशा पूजन होगी. 3 अप्रैल को सुबह 10:30 बजे नवरात्र उत्थापना किया जाएगा.