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देवनानी की गहलोत से मांग : अभिभावकों के हित में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर मजबूती से पक्ष रखें - Vasudev Devnani said on the fee case

सुप्रीम कोर्ट से फीस मामले को लेकर प्रदेश में अभिभावकों को मिले जबरदस्त झटके पर पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर अभिभावकों की ओर से मजबूत पक्ष रखना चाहिए.

Supreme Court Private School Fee Case
देवनानी की गहलोत से मांग
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Published : May 3, 2021, 10:15 PM IST

अजमेर. पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अभिभावकों की ओर से पक्ष नहीं रखा और अभिभवकों को उनके हाल पर छोड़ दिया. देवनानी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि कोरोना काल में अभिभावको इससे निराशा हाथ लगी है.

देवनानी की गहलोत से मांग

उन्होंने कहा कि सरकार ने अभिभावकों के हित में सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से पक्ष नहीं रखा. इसलिए मैं सरकार से मांग करता हूं कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में अभिभावकों का पक्ष मजबूती से रखे. ताकि इस प्रकार का निर्णय आ सके कि स्कूलों को भी किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो और कोरोना काल में त्रस्त अभिभावकों के आय के स्त्रोत कमजोर होते जा रहे है उनको भी राहत मिल सके.

पढ़ें- शादी में ज्यादा समय लगने पर एक लाख का जुर्माना, गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना

सरकार निजी स्कूलों को अपनी ओर से राहत प्रदान करें और इसके लिए बिल लेकर आए. स्कूलों को भी एक पैकेज राज्य सरकार की ओर से मिल सके. जिससे अभिभावकों पर फीस का बोझ कम आए. इसके लिए फीस नियंत्रण कानून बना हुआ है. उसके तहत भी गंभीरता से विचार करके अभिभावकों को राहत दी जा सकती है.

अजमेर. पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अभिभावकों की ओर से पक्ष नहीं रखा और अभिभवकों को उनके हाल पर छोड़ दिया. देवनानी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि कोरोना काल में अभिभावको इससे निराशा हाथ लगी है.

देवनानी की गहलोत से मांग

उन्होंने कहा कि सरकार ने अभिभावकों के हित में सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से पक्ष नहीं रखा. इसलिए मैं सरकार से मांग करता हूं कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में अभिभावकों का पक्ष मजबूती से रखे. ताकि इस प्रकार का निर्णय आ सके कि स्कूलों को भी किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो और कोरोना काल में त्रस्त अभिभावकों के आय के स्त्रोत कमजोर होते जा रहे है उनको भी राहत मिल सके.

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सरकार निजी स्कूलों को अपनी ओर से राहत प्रदान करें और इसके लिए बिल लेकर आए. स्कूलों को भी एक पैकेज राज्य सरकार की ओर से मिल सके. जिससे अभिभावकों पर फीस का बोझ कम आए. इसके लिए फीस नियंत्रण कानून बना हुआ है. उसके तहत भी गंभीरता से विचार करके अभिभावकों को राहत दी जा सकती है.

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